Halloween Festival: पश्चिमी देशों में खासा लोकप्रिय हैलोवीन फेस्टिवल बड़े ही शान से हर साल मनाया जाता है । इस फेस्टिवल में लोग भूत, चुड़ैल और इसी तरह के डरावने गेटअप के साथ इस त्योहार को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाते हैं । यह फेस्टिवल पश्चिमी देशों में कितना लोकप्रिय है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर साल 31 अक्टूबर को इस फेस्टिवल को लगभग सारे पश्चिमी देशों में लोग उत्साह से मनाते हैं ।
यहां के लोग मानते हैं कि इस दिन भूत और चुड़ैल का रूप धारण करने से उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है । आज हम आपको बताएंगे कि पश्चिमी मुल्कों में तेजी से लोकप्रिय होने के बाद अब सारी दुनिया मे फैलने वाले हैलोवीन फेस्टिवल की शुरुआत कब से और कैसे हुई ।
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Halloween Festival के बारे में माना जाता है कि इसकी परम्परा आयरलैंड और स्कॉटलैंड से शुरू हुई । ईसाई समुदाय में पूर्वजों की याद में मनाए जाने वाले इस त्योहार को सेल्टिक कैलेंडर के आखिरी दिन यानी 31 अक्टूबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है । इस साल यह फेस्टिवल भी 31 अक्टूबर 2022 को सोमवार के दिन मनाया जाएगा । बता दें कि अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपीय देशों के कई राज्यों में हैलोवीन फेस्टिवल को नये साल की शुरुआत के तौर पर भी मनाया जाता है । अब यह त्योहार भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है ।
ईसाई समुदाय द्वारा Halloween Festival को भले ही मनाया जाता हो परन्तु अब यह फेस्टिवल धीरे धीरे पूरी दुनिया मे फैल गया है और लोग इसे पार्टियों आदि में डरावने रूप धारण कर मनाते हैं । वहीं इस ‘डरावने’ फेस्टिवल के इतिहास के बारे में बात की जाए तो इसका इतिहास 2000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है । दरअसल हजारों साल पहले यूरोपीय देशों में 1 नवम्बर को धार्मिक त्योहार ‘आल सेट्स डे’ मनाया जाता था जो कि अब वर्तमान समय में हैलोवीन ईव के रूप में मनाया जाता है ।
बता दें कि हैलोवीन शब्द का पहली बार प्रयोग 16 वीं शताब्दी में किया गया था जिसका स्कॉटिश अर्थ All Hallows-even था। इस शब्द का मतलब ‘हैलोवीन की रात से पहले’ है ।
हैलोवीन फेस्टिवल मनाने वाले यूरोपीय और अमेरिकी देशों में मान्यता है कि इस त्योहार को मनाने से उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है । यही कारण है कि ईसाई समुदाय इस त्योहार की शाम को परिवार सहित विभिन्न डरावने रूप रखकर पार्टी मनाते हैं । यह फेस्टिवल यूरोपीय देशों में अत्यधिक प्रचलित है और माना जाता है कि इस दिन भूतों और चुड़ैलों का गेटअप रखने से उनके पूर्वज खुश होते हैं ।
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हैलोवीन फेस्टिवल पर लोग तरह तरह की परंपरा भी निभाते नजर आते हैं । इस दिन लोग कद्दू को खोखला करके उसके भीतर जलती हुई मोमबत्ती रख देते हैं । वहीं कुछ लोग इस कद्दू को डरावने रूप में रंगकर बाहर पेड़ों पर लटका देते हैं । वहीं फेस्टिवल खत्म होने पर बाहर पेड़ों पर लटकाए गए कद्दू को दफना दिया जाता है । वहीं हैलोवीन त्योहार पर लालटेन जलाने की भी परम्परा है । इस परंपरा के पीछे ईसाई समुदाय में एक कहानी प्रचलित है कि कंजूस जैक और शैतान आयरिश दो दोस्त थे ।
शराबी प्रवत्ति का जैक एकबार अपने दोस्त को अपने घर पर बुलाया था । वहीं जब आयरिश ने उससे शराब पिलाने की मांग की तो उसने मना कर दिया । यही नहीं उसने दोस्त को शराब के बदले अपने घर पर लगे कद्दू को खरीदने के लिए मना लिया लेकिन बाद में वह इससे भी मुकर गया । इसके बाद गुस्से में आकर उसके दोस्त ने कंजूस जैक के घर के बाहर कद्दू में डरावनी आकृति बनाकर लालटेन के रूप में अपने घर के बाहर टांग दी । उसने कद्दू को सजाते हुए उसमें जलता हुआ कोयला डाल दिया ।
इसी के बाद अन्य लोगों ने इसी तरह से लालटेन जलाकर अपने घरों के बाहर टांगने लगे । बता दें कि यह लालटेन पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से उनकी रक्षा करने के रूप में टांगी जाती हैं ।
पश्चिमी देशों में लोकप्रिय हैलोवीन फेस्टिवल बड़े ही जोशोखरोश से मनाया जाता है । इस दिन लोग यह त्योहार मनाते हुए कई गेम्स भी खेलते हैं । इनमें से एक गेम एपल बोबिंग भी खेला जाता है । इस गेम में पानी से भरे एक टब में सेब डालते हैं । फिर इसे एक एक करके निकाला जाता है । इस गेम का विजेता वो होता है जो सारे फलों में सेब निकालता है ।