Pawan Hans: देश की एक और सरकारी कंपनी बिकने के लिए तैयार हैं। देश की इकलौती सरकारी हेलीकॉप्टर प्रोवाइडर कंपनी पवन हंस लिमिटेड अब निजी कंपनी के हाथों में चली जाएगी। खबर है कि केंद्र सरकार पवन हंस लिमिटेड में अपने 51 फ़ीसदी की हिस्सेदारी एक निजी कंपनी को देने का फैसला कर चुकी है। खबरों के मुताबिक सरकार ने 51 फ़ीसदी की पूरी हिस्सेदारी स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दे दी है। सरकार की पूरी हिस्सेदारी 211.14 करोड़ रुपए में स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दी जाएगी।
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आपको बता दें कि कैबिनेट कमेटी ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स ने अक्टूबर 2016 में ही पवन हंस लिमिटेड के स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट (strategic disinvestment) को मंजूरी दी थी और इसे बेचने की पहले भी तीन बार कोशिश की जा चुकी है आखिरकार चौथे प्रयास में पवन हंस को खरीदार मिल गया है।
पहली बार 13 अक्टूबर 2017 को प्रिमिलिनरी इंफॉर्मेशन मेमोरेंडम (preliminary information memorandum) जारी किया गया था और ईओआई (EOI) यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (expression of interest) मंगाए गए थे। उस वक्त चार EOI आए मगर उनमें सिर्फ एक को ही एलिजिबल पाया गया।बाद में ट्रांजैक्शन कैंसिल कर दिया गया।
दूसरे प्रयास में 14 अप्रैल 2018 को EOI मंगाया गया जिसमें सिर्फ दो बिडर्स को एलिजिबल पाया गया आखिर में यह प्रयास भी अधूरा रह गया और बात नहीं बन पाई।
सरकार की ओर से तीसरा प्रयास से 11 जुलाई 2019 को किया गया और EOI मंगाने के लिए पी आई एम जारी किया गया इस प्रयास में भी सरकार को निराशा हाथ लगी और सिर्फ एक ही बिडर को एलिजिबल पाया गया और आखिर में पूरे प्रोसेस को बंद करना पड़ा।
अब चौथे प्रयास में सरकार को सफलता मिली है सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सरकार के उच्च स्तरीय कैबिनेट कमेटी ने स्टार 9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के उच्चतम बोली को मंजूरी दे दी है।
इस कमेटी में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शामिल है।
सबसे पहले केंद्र सरकार ने पवन हंस की हिस्सेदारी बेचने के लिए 199.92 करोड रुपए की बेस प्राइस तय किया था इसके बाद ही स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 211.14 करोड़ों रुपए की बिड लगाई थी बाद में कमेटी ने आखिरकार स्टार9 मोबिलिटी के बिड को ही स्वीकार कर इसको मंजूरी दी। इस डील के बाद पवन हंस का पूरा नियंत्रण स्टार9 मोबिलिटी के पास चला जाएगा।
हेलीकाप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पवन हंस केंद्र सरकार और पब्लिक सेक्टर कंपनी ओएनजीसी(ONGC) का ज्वाइंट वेंचर है इसमें सरकार के पास 51 फ़ीसदी और ओएनजीसी के पास 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी है।
आपको बता दें कि ओएनजीसी ने ये पहले ही साफ कर दिया था कि केंद्र सरकार जिसे भी अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए चुनेगी ओएनजीसी भी उसी कंपनी को उसी मूल्य और शर्तों पर अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है।
अब जल्दी सरकार की ओर से लेटर ऑफ अवार्ड जारी किया जाएगा और शेयर परचेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
आपको बता दें कि स्टार9 मोबिलिटी एक ऐसा ग्रुप है जिस में बिग चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एवियशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल अपॉर्चुनिटी फंड एसपीसी शामिल है।
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वही Pawan Hans लिमिटेड के इतिहास पर नजर डालें तो यह देश की इकलौती हेलीकॉप्टर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है इसकी स्थापना 1985 में हुई थी फिलहाल कंपनी के पास 42 हेलीकॉप्टर्स हैं जिसमें से 41 कंपनी ने खुद खरीदे हैं।
6 अक्टूबर 1986 को पवन हंस ने ओएनजीसी के लिए अपनी कमर्शियल सेवाएं शुरू की थी गौरतलब है कि इससे पहले कर्ज में डूबी एयर इंडिया को भी सरकार ने बेच दिया था एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने 18000 करोड रुपए की सबसे ज्यादा बोली लगाकर अपने नाम किया था।