Pakistan Crisis: पाकिस्तानी सियासत में जारी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए गुलजार अहमद का नाम प्रस्तावित किया है।
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पूर्व चीफ जस्टिस गुलज़ार अहमद को पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाने की जानकारी पाकिस्तान के पूर्व सूचना एंव प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि उनकी तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी ने तय किया है कि पूर्व cji गुलजार अहमद पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री होंगे ।
बता दें कि राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग करने और उसके बाद पाकिस्तान के संविधान की धारा 224-A(1) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नामों की सूची निवर्तमान सरकार और विपक्ष से मांगी गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 2 नामों के प्रस्ताव भेजने के बाद पूर्व cji गुलजार अहमद का नाम प्रस्तावित किया जबकि विपक्ष से शाहबाज शरीफ ने कोई नाम प्रस्तावित करने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान के कराची में 1957 को जन्मे गुलजार अहमद के पिता राज्य के जाने माने वकील थे। बचपन से ही कानून की छांव में पले बढ़े गुलज़ार का सपना भी पिता की तरह वकालत करने का रहा। उसी सोच पर चलते हुए उन्होंने कराची के SM कालेज से वकालत की पढ़ाई की और 1986 में वकालत की प्रैक्टिस करने लगे। 2 वर्ष बाद ही वह हाइकोर्ट में बतौर वकील वकालत करने लगे। 2001 में वह सुप्रीम कोर्ट में वकील नियुक्त किये गए।
कुछ वर्षों तक प्रैक्टिस करने के बाद आखिर 2011 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदभार सम्भाला। वह 21 दिसंबर 2019 को पाकिस्तान के 27 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए और उनका कार्यकाल फरवरी 2022 तक रहा। अभी हाल ही में वह रिटायर हुए हैं।
पाकिस्तान में गुलजार अहमद की पहचान एक कड़क और ईमानदार जज के रूप में रही। ज्ञात हो कि विख्यात पनामा पेपर्स लीक मामले में गठित 5 सदस्यीय समिति में बतौर जज वह भी शामिल थे। यह वही बहुचर्चित मामला है जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई हस्तियों के नाम उजागर हुए थे। इसी मामले की सुनवाई करते हुए गुलज़ार अहमद सहित 5 सदस्यीय समिति ने नवाज शरीफ को दोषी ठहराया था।
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बतौर मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद अपने कार्यकाल के दौरान अनुशासित और कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहे हैं। एक मामले में उन्होंने इमरान सरकार को फटकार लगाते हुए समन भेजने तक की चेतावनी दे दी थी। दरअसल उन्होंने कई मौकों पर सरकार को फटकार लगाई और कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी है। पाकिस्तान के एक स्कूल में हुए बम ब्लास्ट के मुख्य अभियुक्त तहरीक ए तालिबान-पाकिस्तान के आतंकियों को सरकार द्वारा बातचीत के लिए एक टेबल पर लाने की मुख्य न्यायाधीश रहे गुलज़ार अहमद ने आलोचना की थी।
वहीं एक सैन्य मसले पर हो रही कानूनी कार्यवाही में सरकार द्वारा लचर रवैया अपनाने की भी CJI गुलजार अहमद ने निंदा की थी और सरकार के अरबों रुपए खर्च कर भी उचित कार्यवाही न करने पर प्रधानमंत्री इमरान खान को समन भेजने तक कि धमकी दे दी थी।
Pakistan Crisis ज्ञात हो कि अविश्वास प्रस्ताव खारिज किये जाने से लेकर संसद भंग किये जाने तक के घटनाक्रम को असंवैधानिक करार देते हुए विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया था।तब से ही विपक्ष न्याय की मांग करता हुआ धरने पर बैठा है।