Online Order: Festive Season अब स्टार्ट हो चुका है और इसी के साथ ही साथ शुरू हो गई है ई-कॉमर्स वेबसाइटों की सेल। लेकिन सस्ते सामान खरीदने की हड़बड़ी में कई सारे ग्राहकों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है Flipkart Customer के साथ, जिसने ऑनलाइन मंगाया तो लैपटॉप था। लेकिन उसके आर्डर पर कंपनी ने भेज दिया घड़ी साबुन का पैक।
इस पोस्ट में
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार आईआईएम अहमदाबाद अंडर ग्रेजुएट यशस्वी शर्मा ने लैपटॉप का Online Order बिग बिलीयन डेज सेल के दौरान दिया। यह कहा गया कि ग्राहक ने अपने पिता के लिए लैपटॉप का आर्डर दिया था। लेकिन जब डिलीवरी घर पर गई तो लैपटॉप की जगह Flipkart से घड़ी डिटर्जेंट के पैक प्राप्त हुए। यशस्वी ने जब इस बात की शिकायत Flipkart कस्टमर केयर से की। तो कंपनी ने अपनी गलती मानने से साफ इंकार कर दिया।
Flipkart का यह कहना है कि वह अपने ग्राहकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखती है एवं उनके भरोसे को टूटने नहीं देती। इसे लेकर उनकी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। Company अपने ग्राहकों को online shopping का शानदार अनुभव देना चाहती है। इस केस में ग्राहक ने अपना पैकेज खोले बिना ही डिलीवरी बाॅय से ओटीपी नंबर share कर दिया।
हालांकि इस मामले की पुष्टि करने के बाद से ही हमारी ग्राहक सेवा टीम ने पैसे वापस करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। ग्राहक के खाते में 3 से 4 दिन के भीतर ही पैसे आ जाएंगे। जबकि हम गलती करने वालों के खिलाफ Action भी ले रहे हैं।
बता दें कि अपने साथ हुए इस वाकये को आईआईएम अंडर ग्रैजुएट ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट के जरिए बताया। उन्होंने बताया कि मैंने गलत आर्डर की शिकायत कंपनी से की, तो अधिकारियों ने अपनी गलती को ठीक करने से वजाय इनकार कर दिया। उन्होंने यह कहा कि उनके पास ये साबित करने के लिए लैपटॉप की जगह घड़ी साबुन की डिलीवरी हुई है। CCTV सबूत भी मौजूद है। इसके बावजूद भी कंपनी की तरफ से इंकार कर दिया गया।
आपको बता दें कि अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में यशस्वी ने डिलीवरी के दौरान उनके परिजनों से हुई गलती का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि डिलीवरी बाॅय से पैकेज लेते समय उनके पिता ने जो एक गलती की। वो ये थी कि उन्हें ‘ओपेन बॉक्स’ डिलीवरी की सुविधा के बारे में पता नहीं था। इसके अंतर्गत ग्राहक को डिलीवरी एजेंट के सामने पैकेज खोल कर देख लेना होता है एवं संतुष्ट होने के बाद ही ओटीपी बताना होता है। यशस्वी ने आगे यह बताया कि उनके पिता ने ये मान लिया था कि पैकेज प्राप्त करने पर ओटीपी दिया जाना था। जोकि मैक्सिमम प्रीपेड डिलीवरी के मामले में होता है।
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यशस्वी ने अपने पोस्ट में यह लिखा कि मेरे पास डिलीवरी बाॅय के बिना बॉक्स का निरीक्षण कराए वापस जाने का सीसीटीवी सबूत तो है ही। इसके साथ ही साथ घर में इस पैकेज को अनबॉक्स करने एवं उसमें कोई लैपटॉप नहीं होने का भी पूरा वीडियो सबूत है।
लेकिन इन सारे सबूतों के बारे में बताने के बाद भी फ्लिपकार्ट के सीनियर कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव द्वारा यशस्वी से साफ शब्दों में यह कह दिया गया कि “No return possible”। इस मामले को भी आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह बताया कि कंपनी की उदासीनता के चलते ही ये मामला सोशल मीडिया पर उठाया है। यशस्वी ने पोस्ट में फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी टैग किया है।
Laptop का order करने पर घड़ी साबुन के पैक निकलने का ये मामला पहला नहीं है। बल्कि इस प्रकार के कई मामले भी सामने आ चुके हैं। बिजनेस टुडे के अनुसार एक व्यक्ति ने iPhone 12 का order दिया था। लेकिन निरमा साबुन के दो बार उसे Box मिले। इसके अलावा भी एक अन्य मामले में एक ग्राहक को iPhone 8 के बजाय एक Detergent बार मिला था। सिर्फ साबुन ही नहीं कई सारे मामलों में ग्राहक के आर्डर किए गए सामान की जगह दूसरी अनुपयोगी चीजें मिलने के मामले भी सामने आ चुके हैं।