omicron variant: ओमीक्रोन वेरिएंट कोरोना के पहले वेरिएंट से भी अधिक संक्रामक है।

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देश में बढ़ते ही जा रहे हैं omicron variant के केस

देश में बड़ी तेजी से फैल रहा है ओमीक्रोन वेरिएंट

omicron variant: कोरोना का ऐसा वैरीअंट है जिसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। omicron variant के अब तक देश के 22 राज्यों में केस देखने को मिले हैं और omicron variant के सबसे अधिक मरीज केरल ,दिल्ली ,महाराष्ट्र गुजरात में पाए गए हैं। उनके मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में 143 करोड़ से ज्यादा टीके लग चुके हैं। कहा जा रहा है कि 3 जनवरी से 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन लगाने का प्रावधान है। omicron variant का सबसे पहला मरीज दक्षिण अफ्रीका में मिला था  विश्व मे omicron variant से बचने के लिए कई तैयारियां की जा रही है। omicron variant दक्षिण अफ्रीका में फैल चुका है और कई लोगों की जानें गई हैं। मरने वाले लोगों में वह लोग भी शामिल हैं जिन्हें वैक्सीन की फर्स्ट डोज लग चुकी थी। लेकिन अभी यह यकीन से नहीं बताया जा सकता है कि इन लोगों की मृत्यु omicron variant से ही हुई है।

दक्षिण अफ्रीका में मिला था omicron variant का पहला मामला

दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर एंजेलिक कुएत्जी ने सबसे पहले वेरिएंट की पुष्टि की

कहा जा रहा है कि टीकाकरण omicron variant में ज्यादा असर कारी नहीं है। omicron variant को रोकने के लिए  अन्य दवाएं भी बनाई जा रही है । जो omicron variant के अलावा आने वाले वेरिएंट को मात दे सके। इस प्रकार हमारे देश और विदेश के लिए एक चुनौती बना हुआ है कि यह वायरस बहुत संक्रामक है और अभी देश विदेशों में संपूर्ण टीकाकरण नहीं हो पाया है। इस वैरिएंट को और बाकी आने वाले वेरिएंट के लिए काफी अध्ययन करना पढ़ सकता है। दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर एंजेलिक कोएत्जी ने सबसे पहले इस वैरिएंट की पुष्टि की थी। ऐसे में हमें सुरक्षा के लिए सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों में बैड तैयार रखे जाने चाहिए । कोविड-19 अल्फा डेल्टा और गामा वैरीअंट से भी ज्यादा चुनौती पूर्ण omicron variant है । जिसने देश विदेश में खलबली मचा दी है। इससे पहले डेल्टा वैरीअंट के मरीज बाकी वैरीअंट से अधिक पाए गए थे। इसके बाद omicron variant के केस आने शुरू हो गए। कई देशों में तो लॉकडाउन लगा दिए गए हैं।

omicron variant के केस में हुई है वृद्धि लेकिन टेस्टिंग ना होने की वजह से दिखाए जा रहे हैं कम केस

किसी भी व्यक्ति को बुखार ,सूखी खांसी ,गले में खराश थकान और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण हो तो तुरंत ही अपनी टेस्टिंग करवाएं और अपनी यह समझदारी दिखा कर आप खुद को और अपने परिवार को , देश को इस वैरीयंट से सुरक्षित कर सकते हैं। कोरोना की पहली लहर ने हमारे देश के स्वास्थ्य केंद्रों के ढांचे की एक प्रकार से परीक्षा ली थी और स्वास्थ्य व्यवस्था की जर्जर व्यवस्था सभी के सामने आ गई थी और कोरोना की दूसरी लहर ने भारत के स्वास्थ्य ढांचे को झकझोर कर रख दिया कहने में आ रहा है की पहली लहरों दूसरे लहर से चलाती वाला पर्यंत omicron variant है यह अब तक की आने वाली आने वाले कोरोनावरियर्स से सर्वाधिक संक्रामक है भारत में अमीक्लोन की कुल मामलों की संख्या बढ़ती ही जा रही है ओमी क्रोन संक्रमण में कर्नाटक राजस्थान दिल्ली गुजरात आंध्रप्रदेश केरल चंडीगढ़ आदि शामिल है उत्तर प्रदेश में अभी 2 मरीज होने की पुष्टि की गई है लेकिन राज्य में चुनावी प्रक्रिया होने की कारण राजनैतिक रैलियां निकाली जा रही है।

निम्न लक्षण होने पर जल्द से जल्द इलाज कराएं।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और चुनाव को स्थगित करने के लिए सरकारों से गुजारिश की है चुनाव के गांव उत्तर प्रदेश में कोई भी चेकअप नहीं किए जा रहे हैं इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जांच में कई मरीज ऐसे होंगे कि उन्हें खुद पता नहीं है कि उन्हें omicron variant के लक्षण हैं लेकिन राम भरोसे सब कुछ चलता जा रहा है जिनका चेकअप हो गया है उनका पता चल गया है कि इन्हें पेट्रोल वेरिएंट के लक्षण आ चुके हैं लेकिन जो लोग कोरोना की जांच ही नहीं करवा रहे हैं या उन्हें पता ही नहीं है कि omicron variant हो गया है और वेरिएंट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता जा रहा है। प्रदेश में चुनाव के कारण हुई गौर नहीं किया जा रहा है।

omicron variant से बचने के उपाय

चुनाव के कारण सरकारी या कोई भी आम जनता की जिम्मेदारी नहीं लेंगे । कोरोना की दूसरी लहर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि किस प्रकार हर जगह लाशें बिखरी पड़ी थी । श्मशान और कब्रिस्तान में जगह नहीं बची थी। नदियों में उतरा रही थी। लोग ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे थे और कोई ऑक्सीजन के लिए पेड़ों पर रहने लगे थे लेकिन सरकारों ने बेहिचक कह दिया की ऑक्सीजन की कमी से कोई लोग नहीं मरे। यदि खुद के प्रति ऐसे ही लापरवाह रहे तो सरकारों का क्या है वह तो बाद में कुछ भी कह कर हाथ झडा लेंगे। लेकिन हमें इस वेरिएंट से बचने के लिए खुद भी सजग रहना पड़ेगा।

अखिलेश मुझे मिल जाता तो….???

आखिर कैसे बनता है यह कोयला

कोरोना से या उसकी नये वैरीयंट से बचने के लिए वैक्सीनेशन तो करवा ही लेना चाहिए और कहीं जाएं या किसी से मिले तो मास्क पहनना ना भूलें ।

केंद्र और राज्य सरकार से उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था की पहल की जाए और स्वास्थ्य सेवाओं का मुद्दा उठाया जाए।

जनसंख्या की दृष्टि से ऑक्सीजन प्लांट को लगाया जाए जिससे यदि कोई स्थिति ऐसी बनती है जैसी दूसरी लहर में बनी थी तो किसी को ऑक्सीजन के लिए दर-दर न भटकना पड़े।

चुनावी रैली रोकी जाए, जहां भीड़ भाड़ में पार्टियां हो रही है और किसी धार्मिक स्थलों पर जमावड़े पर भी रोक लगाएं। और यदि कोई कुछ कह रहा है और भीड़भाड़ वाले स्थान पर बुला रहा है तो अपने दिमाग का यूज करें। क्योंकि नेता वोट लेंगे लेकिन जब आपको और आपके परिवार को ऑक्सीजन सिलेंडर ,वेंटीलेटर ,बेड और इलाज आदि की आवश्यकता होगी तो राजनेता अंतर्ध्यान हो जाते हैं।

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