Olympic जैसे आयोजन का चीन कर रहा है राजनीतिकरण, गलवान की झड़प में शामिल चीनी सैनिक को बनाया मसाल वाहक

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प्रसार भारती द्वारा भी दूरदर्शन पर खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह का प्रसारण नहीं करने को कहा :-

Olympic शीतकालीन ओलंपिक 2022 का भारत ने किया बहिष्कार

Olympic : भारत में शीतकालीन ओलंपिक खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह में शामिल नही होने का ऐलान किया। भारत ने गलवान विवाद पर इन खेलों पर राजनीतिक घोषणा का बहिष्कार किया है। ओलंपिक खेलों के उद्घाटन और समापन में शामिल ना होने की घोषणा के बाद प्रसार भारती द्वारा भी दूरदर्शन पर इन खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह का प्रसारण नहीं करने का बयान जारी किया गया । शीतकालीन Olympic खेलों का समापन 22 फरवरी 2022 को होगा।

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शामिल चीनी सैनिक को ओलंपिक में बनाया मसाल वाहक

दरअसल एक चीनी सैनिक के ओलंपिक मशाल वाहक के रूप में चुने जाने की घटना के बाद भारत ने निर्णय लिया कि भारत शीतकालीन Olympic खेलों के उद्घाटन और समापन में भाग नहीं लेगा भारत ही नहीं विश्व की की कई देश अलग-अलग कारणों से शीतकालीन ओलंपिक खेल का बहिष्कार करने की घोषणा कर चुके हैं।  इनमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, लिथुआनिया,  बेल्जियम, डेनमार्क और एस्तोनिया के साथ अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम, कनाडा, नीदरलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य व कई यूरोपीय देशों सहित अन्य देश शामिल हैं।

गलवान घाटी की झड़प में शामिल चीनी सैनिक को बनाया मसाल वाहक इसलिए भारत ने शीतकालीन Olympic का बहिष्कार किया :-

चीनी सैनिक PLA के शेनजियांग सैन्य कमान की रेजिमेंटल कमांडर कीवर्ड फैवाओ , भारत और चीन के मध्य हुई गलवान की झड़प में शामिल था। और उसी को चीन ने अपने Olympic खेलों का मशाल वाहक बना दिया। इस घटना को भारत ने अफसोस जनक बताते हुए बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी डी अफेयर्स के बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होने की घोषणा की। इस पूरे मामले में भारत ने कहा कि चीन द्वारा इस तरह से ओलंपिक जैसे आयोजनों का राजनीतिकरण किया जाना वास्तव में खेत जनक है क्योंकि चीन द्वारा गलवान संघर्षों के लिए सैन्य सम्मान स्वरूप नियर बाई को मसल वाहक बनाया गया इसी पर भारत ने अफसोस जताया

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इससे कहा जा सकता है कि भारत राजनयिक स्तर पर ओलंपिक का बहिष्कार कर रहा है ।  इन खेलों का बहिष्कार करना करने का भारत का कोई का फैसला पिछले साल सितंबर में ब्रिक्स के संयुक्त बयान को अपनाने के महीनों बाद आया है, जहां उसने बीजिंग 2022 शीतकालीन Olympic और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए चीन को अपना समर्थन व्यक्त करने की बात कही थी यानी कि पहले भारत ने इस पर समर्थन देने की बात की थी।

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