6G: टेलीफोन से लेकर स्मार्टफोन तक का सफर का बहुत ही छोटा रहा है। दूर बैठे इंसान से बातचीत के लिए तैयार किए स्मार्टफोन का इतिहास हम आम लोगों के बीच मुश्किल से कुछ दशक का रहा है. वहीं यह भी कयास लगाए जा रहा है कि जल्द ही यह इतिहास का हिस्सा भी बन सकता है. दरअसल स्मार्टफोन एक तेजी से विकसित होने वाला प्रोडक्ट है
आप को बता दें, आज से करीब 15-20 साल पहले मौजूदा एन्ड्रॉयड फोन को अपने हाथ में लेकर घूमना एक कल्पना ही थी. स्मार्टफोन्स के इस तेज विकास के कारण ही इसके भविष्य पर अब सवाल खड़े होने शुरु हो गया है।
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दावोस में चल रहे World Economic Forum में Nokia के CEO Pekka Lundmark में कहा कि कॉमर्शियल मार्केट में साल 2030 तक 6G शुरू हो चुका होगा, मगर तब स्मार्टफोन ‘कॉमन इंटरफेस’ नहीं होंगा.
इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि, 6G के आने से पहले लोग स्मार्टफोन की तुलना में स्मार्ट ग्लासेस और दूसरी चीजें का इस्तेमाल करने लगेंगे ‘तब तक, यह स्मार्टफोन्स सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला इंटरफेस नहीं रह जाएंगे. जिसमें से बहुत सी चीजें हमारी बॉडी में सीधे तौर पर मिलने लगेंगी.’
वहीं Lundmark ने यह नहीं बताया कि वे किस डिवाइस के बारे में बात कर रहे हैं. फिलहाल एलॉन मस्क की Neuralink जैसी कई कंपनियां लगातार काम कर ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस तैयार कर रही हैं.
साल 2021 अप्रैल में मस्क ने एक फुटेज रिलीज किया था और इसका डेमो भी दिखाया था. जिसमें उन्होने दिखाया था कि कैसे एक अफ्रीकी लंगूर के दिमाग में चिप लगाई गई और वह ‘माइंड पॉन्ग’ प्ले कर रहा है.
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जॉयस्टिक मूव करने के लिए लंगूर को जरूर ट्रेंड किया गया था, लेकिन इस दौरान उसको अनप्लग रखा गया.वह मकाक पैडल को अपने दिमाग की मदद से कंट्रोल कर रहा था. लेकिन उसे ऐसा लगा कि वह जॉयस्टिक की मदद से ऐसा कर पाएगा.
अभी बहुत सी चीजें 6G को लेकर क्लियर नहीं है.फिलहाल भारत 5G की लॉन्चिंग की तैयारी कर रहा है. हालांकि, पीएम मोदी ने 6G को लेकर बताया था कि एक टास्ट फोर्स को तैयार किया गया है. और हमें इस साल के अंत तक देश में 5G टेक्नोलॉजी देखने को मिल जाएगी.