Nobel Peace Award 2022: जुबैर और प्रतीक (Alt News co-founder Pratik Sinha and Mohammed Zubair) ऑल्ट न्यूज नाम से एक वेबसाइट चलाते हैं। यह वेबसाइट सोशल मीडिया पर फैलाई जाने वाली फेक न्यूज का फैक्ट चेक करती है। इस साल नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Award 2022) की दौड़ में करीब 343 उम्मीदवार शामिल हैं।
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टाइम की रिपोर्ट में किए गए दावे के अनुसार फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा (Mohammed Zubair and Prateek Sinha) इस साल नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के दावेदारों में शामिल हैं। रायटर्स के सर्वेक्षण में AltNews के सह-संस्थापक सिन्हा और जुबैर नाम दावेदारों में आगे चल रहे हैं।
टाइम मैग्जीन के अनुसार, फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्टन्यूज (Alt News co-founder Pratik Sinha and Mohammed Zubair) के को-फाउडंर्स, प्रतीक और जुबैर नॉमिनेशन के आधार पर पुरस्कार जीतने के दावेदारों में हैं, जिन्हें नॉर्वेजियन सांसदों के जरिए से पब्लिक किया गया। पत्रकार मुहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का मामला पूरी दुनिया में छाया था, जिसका दुनिया भर की कई संस्थाओं ने विरोध किया था।
साल 2022 (Nobel Peace Award 2022) के नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में करीब 343 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 251 व्यक्ति हैं और 92 संगठन भी शामिल हैं। हालांकि, नोबेल कमेटी नॉमिनेटेड द्वारा लोगों के नामों का ऐलान नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि विजेता के नाम की जानकारी मीडिया और उम्मीदवारों को भी नहीं दी जाती है।
एक रॉयटर्स सर्वे में बेलारूस की विपक्षी नेता स्वियातलाना सिखानौस्काया, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे,क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, ब्रॉडकास्टर डेविड एटनबरो,पोप फ्रांसिस, और म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार नार्वे के सांसदों द्वारा नॉमिनेटेड लोगों में शामिल हैं।
मोहम्मद जुबेर और प्रतीक सिन्हा के अलावा CAA-NRC के खिलाफ शाहीन बाग में आंदोलन में बैठने वाले सोशल एक्टिविस्ट हर्ष मंदर का नाम भी पुरस्कार पाने वाले दावेदारों की लिस्ट में शामिल है। द पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट, ओस्लो के निदेशक हेनरिक उरदल द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने के संभावित दावेदारों की संक्षिप्त सूची में हर्ष मंदर और 2017 में उनके द्वारा शुरू किया गया अभियान ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ शामिल है।
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उरदल ने भी प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair and Prateek Sinha) को भारत में ‘धार्मिक उन्माद और असहिष्णुता का मुकाबले करने को लेकर इस पुरस्कार के लिए अन्य योग्य उम्मीदवारों’ के तौर पर 9 मिनट किया है। हेनरिक उरदल ने कहा कि हर्ष मंदर ने साल 2017 में कारवां-ए-मोहब्बत शुरू किया था वो सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ समाज को एकजुट करता है।
प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर और हर्ष मंदर के अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, रूसी असंतुष्ट और व्लादिमीर पुतिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस पुरस्कार के दावेदार हैं.
नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का चयन नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्ति की गई 5 सदस्यीय नॉर्वेइयन नोबेल कमेटी करती है। इस साल 2022 (Nobel Peace Award 2022) के नोबेल शांति पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा स्थानीय समयानुसार कल शुक्रवार, 7 अक्टूबर को ओस्लो में सुबह 11 बजे की जाएगी।
कमेटी का दावा है कि नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize 2022) जीतने वाले व्यक्ति को मेडल के साथ-साथ 10,00,000 स्वीडिश क्रोना यानि लगभग 7.3 करोड़ रुपये भी बतौर इनाम दिए जाते हैं।