Narve: दुनिया में जब भी खुशहाल देशों की बात होती है तो उसमें नार्वे का नाम भी शामिल होता है.

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पूरी दुनिया के सबसे सुंदर देशों में से एक है नार्वे। यहां पर रहने से कई सारे फायदे होते हैं। दुनिया के जब भी सबसे खुशहाल देशों की बात होती है। तो उसमें नार्वे का नाम भी शामिल होता है। इस दुनिया में नार्वे ही एक ऐसा देश है। जहां पर आधी रात को सूरज निकलता है। यह देश एक महाद्वीप है जो दिखने में अत्यंत ही सुंदर दिखाई देता है। यहां की प्राकृतिक की खूबसूरती को ही देखने दुनिया भर के लोग यहां आते हैं। यहां ज्यादातर बर्फीले पहाड़ है इसीलिए इस देश में ज्यादा ठंड रहती है।

क्या है नार्वे की खुशनसीबी

ओस्लो में ऐसी नौजवानों को ढूंढना मुश्किल नहीं है। जो अपने देश की पैसो को बढ़ा रहे हैं। 25 साल के ग्रेजुएट एलेग्जेंडर आर्नीज का कहना है कि मैं ये कभी नहीं सोचता कि मैं अपने पैसे कैसे खर्च करूं। महीने में एक बार थिएटर जाता हूं, सिनेमा, छुट्टियों में बाहर घूमना तथा दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने जाता हूं। एक म्यूजिकल थिएटर के लिए आर्नीज स्क्रिप्ट लिखते हैं। लेकिन उन्हें उससे कोई आमदनी नहीं होती। इसी वजह से वे अपनी खर्च के लिए कोर्सवोल के सुपर मार्केट में प्रत्येक सप्ताह एक या दो शिफ्ट में काम करते हैं। आर्नीज अपने एक दोस्त के साथ सब अर्बन सिटी अपार्टमेंट में रहते हैं। उनका कहना है कि वह जानते हैं मैं कितना खुश नसीब हूं। मैं जो कैरियर बनाना चाहता हूं उसके लिए मुझे बहुत ज्यादा कुर्बानी देने की जरूरत नहीं पड़ रही। हर घंटे काम के आर्नीज को कम से कम 164 क्रोनर यानी 20 अमेरिकी डॉलर मिलते हैं। शाम की शिफ्ट में या फिर भी वीकेंड इससे ज्यादा पैसे मिलते हैं। हालांकि वहां पर टैक्स की दरें ज्यादा है। लेकिन फिर भी आर्नीज महीने का करीब 14,000 क्रोनर या फिर 1700 अमेरिकी डॉलर बचा लेते हैं। आपको बता दें कि नार्वे के लोग अपने निजी संपत्ति के बारे में बातचीत करना पसंद नहीं करते।

क्या अलग करता है नार्वे को?

यहां के नौजवानों की खुशहाल जिंदगी देश के आर्थिक विकास से जुड़ी हुई है। किसी भी विकसित देश के मुकाबले वर्ष 1980 से 2013 के बीच नार्वे की औसत आमदनी ज्यादातर बड़ी है। नार्वे दौलत व खुशहाली की रैंकिंग के पैमाने पर दुनिया में नंबर वन है। वह वैश्विक मंदी के समय भी आसानी से निकल गया। वर्ष 2017 में 110 देशों में लेगाटम प्राॅस्पैरिटी इंटेक्स में नार्वे टॉप पर रहा है। नार्वे पिछले तीन दशकों से देश की आर्थिक तरक्की का मुख्य कारक तेल और गैस है।

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