वो कहते हैं न कि दुनिया में कोई काम असंभव नहीं, बस हौसले और मेहनत की जरूरत होती है। पहले मैं होशियार था, इसलिए दुनिया को बदलने चला था। आज मैं समझदार हूं, इसलिए खुद को बदल रहा हूं…।
जी हां 13,900 फीट की ऊंचाई तय करने वाले नौजवान, नालंदा के 4 धुरंधरों ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है.
आपको बता दे कि नालंदा के युवाओं ने अपने जिले के साथ-साथ अपने देश का भी नाम रोशन किया है। हिंदुस्तान एडवेंचर फाउंडेशन के नेशनल प्रेसिडेंट विपिन सैनी व नूर मोहम्मद के द्वारा 7 लोगों का चयन मनाली के पटलसु पीक पर तिरंगा फहराने के लिए किया गया था। जिसमें से नालंदा के चार लोग, दो लोग जमुई तथा एक मुजफ्फरपुर जिला में शामिल थे। नालंदा जिले के पटलसू पीक पर गए 4 युवाओं में एक विक्की कुमार जो बिहार शरीफ के देखुली घाट मोहल्ले के निवासी हैं। तथा बिहारशरीफ के ही खंडकपर मानपुर भवन निवासी प्रिया गुप्ता व गोपाल कुमार राजगीर के नए पोखरा निवासी और बिहारशरीफ प्रखंड के परोहा गांव के निवासी अभिषेक रंजन भी शामिल थे। मुजफ्फरपुर की निवासी नीतिका पटेल, माउंटेन निशु सिंह व अनीशा दुबे बिहार राज्य में 7 लोगों में शामिल थे। हालांकि 7 लोगों में से 2 लोग माउंटनर निशु सिंह और अभिषेक रंजन ने इसी साल अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजरो को भी फतह कर चुके हैं। तथा इन दोनों के अलावा भी 15 अगस्त 2021 को प्रिया गुप्ता, रितिक पटेल व गोपाल कुमार ने यूनाम पिक को पता किए थे। चूंकि स्टीम में माउंटर निशु सिंह भी शामिल थे।
इसी टीम में शामिल विक्की कुमार ने कहा कि पटलसु पीक पर जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। गोपाल कुमार का कहना है कि लगातार वर्षा होने के कारण ऊपर की ओर जाने वाले रास्ते में काफी फिसलन हो गई थी जिसकी वजह से बहुत लोग कई बार गिरे और उनको चोट भी लग गई थी। दरअसल गुप्ता का कहना है कि सीधी चढ़ाई के कारण चलना काफी मुश्किल भरा पड़ाव था। लेकिन फिर भी इन सारी दिक्कतों का सामना करने के बावजूद सभी लोगों ने पटलसु पीक को सफलतापूर्वक पूरा किया।