Naftali Bennett– क्या इजरायल और खाड़ी देशों के बीच रिश्ते की डोर मजबूत हो रही हैं? या फिर यह ईरान को नाकाम बनाने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री की एक सोची-समझी रणनीति है। मामला कुछ ऐसा है कि इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) इन दिनों संयुक्त अमीरात के दौरे पर हैं। इतिहास में यह पहली बार ही हुआ है कि जब कोई इजरायली प्रधानमंत्री Naftali Bennett संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर है। यहां पर उनका भव्य स्वागत भी हुआ है। दोनों देशों के नेताओं की मुलाकात अब अन्य देशों के लिए चर्चा कि विषय बनी हुई है। इस मुलाकात के तरह-तरह के तर्क वितर्क लगाएं जा रहें हैं।
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इस मुलाकात के दौरान वह द्विपक्षीय चर्चाओं के साथ-साथ यूएई के शासक से ईरान पर भी चर्चा करेंगे। एक इजरायली राजदूत ने इस बारे में जानकारी दी थी। यह बात तो गौरतलब है हि कि खाड़ी देशों के लिए इजरायल हमेशा से ही अछूत रहा है लेकिन अब इस नए बन रहे राजकीय समीकरणों ने इंटरनेशली सभी देशों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। वैसे तो इस बातके पीछे का मुख्य आर्कषण महासत्ता अमेरिका ही है, क्योंकी अमेरिका ने ही पिछले साल अब्राहम समझौते के जरिए एसा ही नया समीकरण बनाया है।
यह तो एक जग जाहिर बात है कि इजरायल और ईरान के बीच सालों में कट्टर दुश्मनी चली आ रही है। 2015 में इजरायल ने वैश्विक शक्तियों और ईरान के बीच हुये परमाणु समझौते पर एतराज करते हुये उस समझौते का जोरशोर से विरोध भी किया था। सुत्रो के अनुसार ऐसा भी सुनने में आया है कि इन दिनो ईरान के साथ वैश्विक शक्तियों द्वारा न्यूक्लियर की डील शुरू करने प्रयत्नों ने अब तो इस मुद्दे को इजरायल के लिए सर का दर्द बना दिया ही। वहीं यह भी संभावना ही की कुछ ही दिनों में एक अमेरिकी दल भी यूएई के दौरे पर आने वाला है। अमेरिकी दल को लेकर एसी चर्चाएं भी हो रही है कि इस मिटिंग के दौरान यह यूएई के बैंकों को ईरानी प्रतिबंधों का अनुपान नही करने की वोर्निग भी दे सकते हैं।
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हकीकत में तो इजरायली पीएम Naftali Bennett के इस अबुधाबी दौरे को दोनों देशों के बीच सामाजिक और आर्थिक संबंध सुधारने की मुलाकात का हीलेबल दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी अबूधाबी में इजरायल के राजदूत आमिर हायक ने कहा कि बेनेट और अबूधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद के बीच ईरान का मुद्दा तो उठ कर ही रहेगा। वहीं इजरायली अखबार हायोम ने भी एक (कुछ अधिकारियों के नाम जाहीर किये बिना) हवाले से यह लिखा है कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि इजरायली प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद के सामने ईरान से आयातित मिलिशिया और ड्रोन की चर्चा भी करनेवाले ही। हालांकि इजरायली राजदूत आमिर हायक ने तो इस मुलाकात के पर सिक्रेट को गहेरा बनाते हुये यह भी कह डाला है कि प्रधानमंत्री बेनेट की इस मुलाकात का मुख्य हेतु सिर्फ ईरान के मुद्दे पर बात करना ही नहीं हैं।
पिछले महीने ही इजरायल ने खाड़ी देशों के साथ ईरान के खिलाफ संयुक्त रक्षा अभियान शुरू किया है। अपनी रिपोर्ट में आमिर हायक ने कहाकि यूएई को मिलिट्री सामान बेचने की प्रक्रिया भी अब तो अपने शबाब पर है। हालांकि इजरायली इंडस्ट्री के सूत्रों अनुसार इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर अभी तक तो कोई भी बात नही हुई है। आमिर हायक ने तो यह तक भी कह दिया कि, अब तो इजरायल ने नई दोस्ती की और कदम बढाते हुए अपने दोस्त के साथ हर मुमकिन सहयोग के लिए भी तैयार ही है। वैसे तो दोनों देशो के बीच का सहयोग काफी ही लंबे समय नजर आ ही रहा हैं। इजरायल के राजदूत के अनुसार सिर्फ 2021 में ही इजरायल-यूएई द्विपक्षीय व्यापार करीब 500 बिलियन डॉलर को क्रोस कर चुका है और 2020 में तो यह मात्र 125 बिलियन डॉलर के आसपास ही था। हायक के मुताबिक इस आंकड़े को देखते हुए भविष्य में इसके और भी तेजी से आगे बढ़ने की चांसेज है। अब देखना तो यह रहेगा की आखिर इजरायल और युएई यह नई फ्रेन्डशिप क्या रंग लाती है।