Mutual Fund: आर्थिक जगत के बदलते हुए रीति-रिवाजों के बीच में पैसा कमाने के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं, इन्हीं तरीकों में से एक खास तरीका म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना है। लेकिन कई बार अनुभव और जानकारी की कमी होने से म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों का पूरा पैसा डूब जाता है। और उन्हें भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अगर आप निवेश से पहले म्युचुअल फंड के बारीकियों को समझ लेते हैं, तो आप इस जोखिम से बच सकते हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे ही बारीकियों के बारे में बताने वाले हैं, तो अगर आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं, अथवा करने वाले हैं। तो इसे एक बार जरूर पढ़ें
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सबसे पहले तो आप को यह समझने की जरूरत है। कि जोखिम होता क्यों है, आपको बता दें, कि म्यूचुअल फंडों में निवेश करने पर संभावित जोखिम के कई कारण होते हैं। जिनमें घरेलू कारणों के साथ-साथ वैश्विक कारण भी जिम्मेदार होते हैं, जिनका म्यूच्यूअल फंड पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं, कि जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है। तब से शेयर मार्केट में भारी उथल-पुथल मची रहती है, इसके अतिरिक्त अगर देश में कोई बड़ी घटना घट जाती है। तो उसका भी शेयर मार्केट पर बड़ा असर पड़ता है।
इस प्रकार मैचुअल फंड घरेलू तथा वैश्विक परिस्थितियों से हमेशा प्रभावित होता है। इसलिए स्थिति परिस्थिति का खाता अंदाज लगाकर ही निवेश करना बेहतर होता है।
शेयर मार्केट में निवेश पर जोखिम किन किन कारणों से होता है। जो आप समझ चुके होंगे, अब आपको यह समझना जरूरी है। कि निवेश पर होने वाले जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है, सबसे पहला उपाय यह है, कि आप फंड का चुनाव करते समय लांग टर्न रिटर्न को चुने क्योंकि कोई भी परिस्थिति बहुत लंबे समय तक बनी नहीं रहती। अतः लंबे समय वाली योजना का चुनाव करके आप अनुकूल तथा प्रतिकूल दोनों तरह की परिस्थितियों से होकर गुजर सकेंगे। जिससे आप पर जोकिंग की संभावना कम होगी।
आप जिस भी फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो निवेश करने से पहले आप उस फंड के कम से कम 8 से 10 साल तक के रिकॉर्ड को जरूर देखें, इससे आपको फंड के प्रदर्शन को समझने में मदद मिलेगी तथा आप यह समझ सकेंगे की लिवाली अथवा बिकवाली दोनों परिस्थितियों में उस फंड का क्या प्रदर्शन रहने वाला है, इस प्रकार आप क्या समझ सकेंगे कि आपको इस फंड में निवेश करना चाहिए अथवा नहीं।
जोखिम को कम करने के उपायों में से एक उपाय यह भी है। कि आप निवेश से पहले स्वयं अपने जोखिम का आकलन कर लें, कि निवेश करने पर आपको कितने बड़े जोखिम से गुजरना पड़ सकता है।
आपको निवेश करने से पहले सभी फंड के लिए रिस्क-ओ-मोटर दिखाना होता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है, कि आप के फंड से जुड़ा जोखिम आपकी क्षमता के अनुकूल है। कि नहीं अगर यह जोखिम आपके क्षमता से प्रतिकूल जाता है। तो आपको वहां से तुरंत निकल लेना चाहिए और निवेश करने से बचना चाहिए। नजर, अंदाज करने की स्थिति में आप भारी नुकसान उठा सकते हैं।
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शेयर मार्केट में आपको बहुत सारी फंड कंपनी मिल जाएंगे लेकिन आपको निवेश करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए तथा ऐसी जगह पर निवेश नहीं करना चाहिए। जिसके स्थायित्व का कोई अता पता ना हो, बल्कि आपको सावधानीपूर्वक ऐसी जगह निवेश करना चाहिए जिसके स्थायित्व पर बाजार में पर्याप्त भरोसा हो।
इस प्रकार कुछ सावधानियों का अनुपालन करते हुए आप अपने आप को जोखिम से बचा सकते हैं।