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अब Monkeypox का बढ़ा खतरा, मुंबई एयरपोर्ट अलर्ट मोड पर, जानिए क्या है मंकीपॉक्स वायरस

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Monkeypox: अभी दुनिया कोरोना वायरस और उसके बदलते रूपों से उबर भी नहीं पाई है कि एक और घातक वायरस दुनिया में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है । बंदरों से उपजा मंकीपॉक्स वायरस तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है । अब तक इस वायरस की चपेट 12 देश आ चुके हैं । हालांकि अभी तक भारत मे इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है । दुनियाभर में मंकी पॉक्स वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड में आ गयी है ।

ऐहतियात के तौर पर मुंबई एयरपोर्ट को अलर्ट घोषित कर दिया गया है। विदेश से यात्रा कर भारत आने वाले लोगों की जांच की जा रही है साथ ही अफ्रीका या अन्य मंकी पॉक्स वायरस से प्रभावित देशों से यात्रा कर भारत आये लोगों से जांच कराने को भी कहा जा रहा है । इसके अलावा BMC( ब्रह्नमुम्बई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन) भी अलर्ट मोड पर है ।

अब तक 12 से अधिक देशों में फैला मंकीपॉक्स

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Monkeypox वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है । यह वायरस अब तक 12 से अधिक देशों के 90 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है । अफ्रीकी देशों के अलावा यूरोपीय देश, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका आदि देशों में इस वायरस से प्रभावित केस आ चुके हैं । हालांकि अभी तक यह वायरस भारत मे नहीं आया लेकिन विदेशों से यात्रा कर लौटने वाले लोगों के माध्यम से यह वायरस भारत मे प्रवेश कर सकता है ।

हालांकि इसकी सम्भावना भी कम जताई गई है क्योंकि अमूमन यह वायरस मंकी पॉक्स प्रभावित जानवर के सम्पर्क में आने से ही फैलता है ।

चेचक जैसे लक्षण लेकिन कम है घातक

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बता दें कि मंकी वायरस या मंकी पॉक्स के लक्षण 19 वीं शताब्दी में दुनियाभर के आधे से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाले चेचक से कम घातक हैं । हालांकि इस वायरस के लक्षण चेचक से मिलते जुलते हैं । अगर इस वायरस के लक्षणों की बात करें तो बुखार, सिरदर्द, शरीर पर दाने और फ्लू जैसे लक्षण इस वायरस से प्रभावित लोगों में दिखते हैं । करीब 3 हफ्तों के बाद शरीर मे आये ये लक्षण अपने आप चले जाते हैं । इसके अलावा यह वायरस शरीर मे लिम्फ नोड्स या ग्रन्थियों को भी बढ़ा देता है । बता दें कि चेचक की तुलना में मंकी पॉक्स वायरस के लक्षण हल्के होते हैं ।

क्या है Monkeypox वायरस

मंकी पॉक्स वायरस ऑर्थोपाक्स वायरस है । यह वायरस पॉक्सविरडे परिवार के ऑर्थोपाक्स जीन से सम्बंधित है । बता दें कि इस वायरस की सबसे पहले जानकारी 1958 में मिली थी जब बंदरों में 2 तरह के वायरस पाए गए थे । इन्ही 2 वायरस में से एक मंकी पॉक्स था । बता दें कि इस वायरस के लक्षण चेचक जैसे भले ही दिखते हों लेकिन यह उस घातक बीमारी से कम गम्भीर है ।

मंकी पॉक्स प्रायः जानवरों से इंसानों में फैलता है और इंसानों से इंसानों में यह तभी फैलता है जब प्रभावित व्यक्ति के लार या पस से सम्पर्क हो। इस वायरस का फैलना कम संक्रामक है ।

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W.H.O. ने दी चेतावनी

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विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने तेजी से फैल रहे इस वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकी पॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए कहा है कि जिन देशों में यह वायरस अभी नहीं पहुंचा हैं उन्हें अलर्ट रहने की जरूरत है। डब्ल्यू एच ओ ने कहा है कि ऐसे देशों में इस वायरस के अधिक मामले आ सकते हैं । वहीं केंद्र सरकार भी इस वायरस को लेकर अलर्ट मोड में आ गयी है ।

इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल को अलर्ट में रहने को कहा गया है । जानकारी के लिए बता दें कि भारत में अभी इस वायरस के एक भी केस सामने नहीं आये हैं ।

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