Modi Government Returning India’s Cultural: जब से भारत की केंद्रीय सत्ता नरेंद्र मोदी के हाथ में आई है। तब से भारत के सांस्कृतिक आर्थिक तथा राजनीतिक उत्थान की दिशा में नए-नए प्रयास एवं प्रयोग किए जा रहे हैं, खासकर सांस्कृतिक दिशा में।
भारत की खोई हुई संस्कृति को पुनः प्राप्त कर भारत को उसका खोया गौरव लौटाने का प्रयास मोदी सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिसकी सराहना भारत के कोने कोने में हो रही है, सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और संवारने का जो कार्य मोदी सरकार द्वारा किया जा रहा है। उसके कुछ खास पहलू हम आपको बताने वाले हैं।
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जब से भारत के केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है। तब से वह अलग-अलग देशों में संरक्षित भारत की सांस्कृतिक धरोहरों तथा अन्य स्मारकों को भारत लाने का कार्य कर रही हैं, यह स्मारक अथवा धरोहर हैं। जो या तो किसी कालखंड में चोरी कर ली गई थी। अथवा इन्हें किसी के द्वारा विदेशियों के हाथ बेच दिया गया था। या फिर उन्हें कोई विदेशी आक्रांता लूटकर ले गया था।
ऐसे सभी प्राचीन भारतीय स्मारक व अन्य वस्तुएं जो विदेशों में संरक्षित थे। उन्हें मोदी सरकार लगातार भारत वापस ला रही है। और इस प्रकार वह अपनी पुरातन संस्कृति को एक बार फिर से संग्रहित और संरक्षित करने का प्रयास कर रही है।
आपको बता दें, कि हाल ही में भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से भारतीय मूल और भारतीय संस्कृति तथा भारतीय इतिहास से संबंधित 29 प्राचीन वस्तुओं को भारत वापस मंगा लिया है, इन सभी वस्तुओं के भारत वापस आ जाने से भारत की प्राचीन ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान निसंदेह रूप से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को उनके सहयोगात्मक स्वभाव के लिए तथा भारत की प्राचीन धरोहरों को सम्मान भारत को सौंपने के लिए धन्यवाद भी कहा है।
आपको पता है, कि यह सभी वस्तुएं बहुत पहले किन्ही कारणों से भारत से दूर हो गई थी। लेकिन उसके बाद से भारत में बनी सरकारों ने इस दिशा में कभी भी ध्यान नहीं दिया,जिसकी वजह से यह धरोहर विदेशों में ही पड़ी रह गई, और भारत लगातार अपने सांस्कृतिक प्रतीक चिन्हों को खोता रहा।
आपको बता दें, कि वर्ष 1976 से वर्ष 2014 तक भारत में बनी विभिन्न सरकारों ने मात्र 13 प्राचीन वस्तुओं एवं धरोहरों को भारत वापस लाने का कार्य किया था। जो इस दिशा में उनकी उदासीनता को स्पष्ट तौर पर दर्शाता है, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है और मौजूदा सरकार इस दिशा में खास ध्यान दे रही है।
वर्ष 1976 से लेकर वर्ष 2014 तक मात्र 13 प्राचीन वस्तुएं व धरोहर भारत वापस लाई जा सकी जबकि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद से लेकर अब तक अर्थात 2022 तक कुल 229 प्राचीन धरोहर तथा सांस्कृतिक प्रतीक चिन्ह विदेशों से वापस भारत लाए जा चुके हैं, भारतीय संस्कृति को पुनः संरक्षित करने का यह प्रयास प्रासंगिक भी है। और महत्वपूर्ण भी तथा सराहनीय भी और यही वजह है, कि आज पूरा भारत इस विषय पर मोदी सरकार की सराहना कर रहा है।
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आपको बता दें, कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ आज एक वर्चुअल वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के पुराने संबंधों पर विस्तार से चर्चा की गई तथा उनकी सराहना की गई और भविष्य में भी अनेकों मुद्दों पर एक साथ कार्य करने और सकारात्मक संबंध बनाए रखने का संकल्प लिया गया।
इसी के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के माध्यम से आस्ट्रेलिया को उसकी छति हेतु अपनी सहानुभूति अर्पित की तथा भारतीय धरोहरों को भारत को वापस लौटाने के सम्मानीय कार्य हेतु ऑस्ट्रेलिया को धन्यवाद ज्ञापित किया।