Modi Government: 17 फसलों पर केंद्र सरकार ने एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम लगातार किसानों के भले के लिए काम कर रहे हैं। किसानों के लिए दो लाख करोड़ का बजट भी रखा गया है।
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धान (सामान्य), धान (ग्रेड ए), ज्वार (हायब्रिड), ज्वार (मालदंडी), बीज, सोयाबीन (पीला), तिल, रामतिल, कपास (मध्यम रेशा), कपास (लंबा रेशा), रागी, मक्का, तूर (अरहर), मूंग, उड़द, मूंगफली पारस सरकार ने एमएसपी बढ़ाई है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह कहा है कि बीते 8 सालों में बीज के बाजार के दृष्टिकोण के वजह से फायदा हुआ है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। हालांकि इस की बैठक में खरीद की 14 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बीते वर्ष जो तय किया गया कि लागत प्लस 50 फ़ीसदी, उसे हमने लगातार आगे बढ़ाया है। किसान सम्मान निधि के अंतर्गत दो लाख करोड़ खाते में जमा कर चुका है। फर्टिलाइजर पर भी दो 10 हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य यह वो न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। इसी और भी समझा जा सकता है कि सरकार किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उससे जो पैसा चुकाती है। वही एमएसपी होता है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि सरकार किसान से खरीदी जाने वाली फसल पर उसे एमएसपी से नीचे भुगतान नहीं करेगी।
किसी फसल का एमएसपी इसलिए भी तय किया जाता है क्योंकि किसानों को किसी भी हालात में उनकी फसल के लिए एक वाजिब न्यूनतम मूल्य मिलता रहे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का अलार्म सरकार की ओर से कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश पर वर्ष में दो बार रबी तथा खरीफ के मौसम में किया जाता है। हालांकि गन्ने का समर्थन मूल्य गन्ना आयोग पर करता है।
साल 1965 में हरित क्रांति के वक्त एमएसपी को घोषित किया गया था। वर्ष 1966 से 1967 में गेहूं की खरीद के वक्त इसकी शुरुआत हुई। हालांकि आयोग ने 2018 से 2019 में खरीफ सीजन के दौरान ही मूल्य नीति रिपोर्ट में कानून बनाने का सुझाव दिया था।
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Modi Government, बता दें कि इससे किसानों को फसलों की एक दाम मिलने की उम्मीद रहती है। इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में अनाज भी मिल जाता है क्योंकि सरकार इस पर बड़ी मात्रा में अनाज की खरीद करती है। इससे किसानों में एक प्रकार की वाजिब कीमत मिलने का भरोसा भी पैदा होता है तथा इसलिए वह विविध प्रकार की फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।