Mixed Dose Study : आपदा,अवसर होती हैं यह इस मायने में सत्य है कि जब जब भी आपदा आती है तो वह कुछ न कुछ वैज्ञानिक अविष्कारों की वजह बन जाती है,विगत एक वर्ष में मेडिकल क्षेत्र में कोरोना को मात देने के लिये बनायी गयी विभिन्न वैक्सीन भी इसी का एक उदाहरण है,अभी तक तो वैक्सीन निर्माण पर प्रयोग चल रहे थे परंतु अब वैक्सीन के प्रयोग पर नये एक्सपीरिमेंट की बात चल रही है जिसके बारे में हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं।
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बात दरअसल यह है कि पिछले एक लंबे समय से भारत मे कुछ चिकित्सीय विद्वान इस बात पर बल दे रहे हैं कि वैक्सीन की मिश्रित ख़ुराक़ को लेकर अध्ययन किया जाना चाहिये,अब साधारण जनता इस बात को समझ नहीं पा रही है तो आपको बता दें कि मिश्रित ख़ुराक़ का अर्थ है कि व्यक्ति को उपस्थित सभी वैक्सीन्स की एक एक ख़ुराक़ देकर परिवर्तनों की समीक्षा करना, और भारत मे यह अध्ययन जल्द ही शुरू भी हो जायेगा।
आपको यह भी बताना आवश्यक है कि मिश्रित ख़ुराक़ अध्ययन में किन किन वैक्सीन को शामिल करने की बात की जा रही है तो आपको बता दें कि यह वार्ता तीन वैक्सीन कोवाक्सिन,कोविशील्ड और नैसल वैक्सीन की मिश्रित ख़ुराक़ पर चल रही है,इन्ही तीनो वैक्सीनो की मिश्रित ख़ुराक़ पर अध्ययन हेतु प्रयास जारी हैं।
उक्त तीनों वैक्सीन में से 2 वैक्सीन तो सुई में प्रयोग से लगाई जाती हैं परंतु नैसल वैक्सीन बिना सुई प्रयोग किये नाक के जरिये लगाई जाती है,यह वैक्सीन हाल ही में भारत बॉयोटेक ने बनाया था।
मिश्रित ख़ुराक़ अध्ययन को थोड़ा सा और स्पष्ट करने की जरूरत है,कुछ लोगों को यह समझ आ रहा होगा कि मिश्रित खुराक का अर्थ है कि तीनों वैक्सीन को एक मे मिलाकर लगाया जायेगा लेकिन ऐसा नही है,बल्कि व्यक्ति को पहली ख़ुराक़ कोवाक्सिन की दी जायेगी, दूसरी ख़ुराक़ कोविशील्ड की दी जायेगी तथा तीसरी ख़ुराक़ नैसल वैक्सीन की दी जायेगी, और फिर परिणामो का आकलन किया जायेगा।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक उक्त अध्ययन 9 अलग अलग अस्पतालों में होगा इस हेतु भारत बायो टेक कम्पनी ने अध्ययन की शुरुवात हेतु शासन से अनुमति माँगी है। आपको बता दें कि यह भारत मे पहली बार होने जा रहा है।