MAHATMA GANDHI : गांधी अब भी लोगों के अंदर सत्य और अहिंसा के रूप में विद्यमान है और गोडसे भी विद्यमान ……..

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नाथूराम गोडसे बापू जी की विचारधारा और फैसलों से नहीं थे सहमत इसलिए मार दी गोलियां :-

किसी की बातों से सहमत नहीं है या फिर फैसले से सहमत नहीं है तो जरूरी नहीं है कि उससे जान से मार दो

MAHATMA GANDHI : आज हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है इनकी नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गई थी । चाहे गांधी और गोडसे के विचार कितने भी अलग रहे हो या गांधी जी द्वारा लिए गए फैसले से नाथूराम गोडसे कितने भी असहमत हो लेकिन गोली चलाना या फिर किसी की हत्या कर देना किसी भी एंगल से उचित नहीं यह कायरता, अज्ञानता की निशानी है ।आज के इस को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी हमारे भारत के राष्ट्रपिता है। यह स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। ऐसा नहीं है कि देश को स्वतंत्रता केवल इन्हीं के कारण मिली हो लेकिन इनकी अहिंसात्मक आंदोलन में वह ताकत थी जिसने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला कर रख दी। यदि गांधी जी का सत्य और अहिंसा का मार्ग ना अपनाते तो शायद हमारे देश को आजादी 1947 को नहीं मिल पाती। इसका हम जीवित उदाहरण वर्तमान में देख सकते हैं – किसान आंदोलन अहिंसात्मक था इसलिए वह इतना लंबा चल पाया और आखिर में जीत किसानों की ही हुई लेकिन सोच के बीच में कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंसा कर दी थी यदि उस समय सत्य को ना अपनाया जाता तो शायद किसान भी हार गए होते।

MAHATMA GANDHI को सुभाष चंद्र बोस ने कहा था राष्ट्रपिता :-

MAHATMA GANDHI की पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था

MAHATMA GANDHI आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेता थे। बच्चे उन्हें बापू कह कर पुकारते थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। पिता का नाम करमचंद गांधी तथा इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी का ब्याह 1883 में कस्तूरबा से हुआ। महात्मा गांधी की शिक्षा अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट से हुई। इसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में 4 सितंबर 1888 को कानून की पढ़ाई करने के लिए चले गए। इंग्लैंड में इन्होंने वकालत की पढ़ाई की। महात्मा गांधी को सर्वप्रथम सुभाष चंद्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता कहा गया था। 6 जुलाई सन 1944 को रेडियो सिंगापुर से प्रसारित  द्वारा राष्ट्रपिता कहा गया था। भारत सरकार द्वारा इस नाम को मान्यता मिली।

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Ladies के लिए अफसरों की असमानता, हमारे इतने बुरे दिन नहीं आए हैं कि हम अपने घर की औरतों से काम करवाएं।

सत्य और अहिंसा को बनाया अपना हथियार :-

MAHATMA GANDHI ने इंग्लैंड में की भी वकालत की पढ़ाई

1930 में MAHATMA GANDHI जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की नींव रखी जिसे हम नमक सत्याग्रह भी कहते हैं । दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी द्वारा भारतीयों के प्रति नस्लीय भेदभाव के विरोध में आंदोलन किया। इसके बाद 1917 में बिहार में चंपारण सत्याग्रह किया गया था। महात्मा गांधी ने गुजरात के खेड़ा गांव में किसानों के पक्ष में अंग्रेजों द्वारा लाए गए रॉलेट एक्ट में जमकर विरोध किया। सन 1920 में असहयोग आंदोलन किया। इसके बाद सन 1933 में छुआछूत के विरोध में दलित आंदोलन किया। अंग्रेजों के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन किया गया । भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इनकी अहम भूमिका रही है। इन्होंने तमाम अहिंसक आंदोलन किए और अंग्रेजों से लोहा ले लिया था और उनके सामने कभी झुके, ना कभी हार मानी। महात्मा गांधी का कहना था कि मेरा धर्म सत्य अहिंसा पर आधारित है। गांधी जी सत्य को भगवान और उसे पाने का साधन मानते थे

देश में ही नहीं विदेशों में भी लोकप्रिय हैं गांधीजी :-

MAHATMA GANDHI

महात्मा गांधी द्वारा किताबें भी लिखी गई, जिनमें से मेरी जीवन कथा, मेरे सपनों का भारत, दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास, गीता बोध, बापू की सीख, हिंदी स्वराज आदि है। इसके अलावा पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी इनके द्वारा किया गया है। हरिजन, यंग इंडिया,  इंडियन ओपिनियन, नवजीवन पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। महात्मा गांधी देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी लोगों में लोकप्रिय रहे विदेशों में इनकी प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं अमेरिका में इनकी आठ स्थानों पर मूर्तियां स्थापित हैं।

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