Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में अधिकतर विधायकों की बगावत का सामना करने वाले उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें अपना पद छोड़ने पर कोई भी असफोस नहीं है।
शिवसेना अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे बागी विधायकों को लौटने दें और उनके खिलाफ प्रदर्शन बिल्कुल ही नहीं करें।
Maharashtra Politics: फिलहाल महाराष्ट्र की सियासत की पूरी तस्वीर बदल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कुछ ही देर के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
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बुधवार की रात को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे का एलान मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे साहब ने फेसबुक लाइव (Facebook) के जरिए जनता को भावुकता के साथ संबोधित किया था। किंतु, इससे पहले, रात करीब 9 बजकर 10 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुनाते हुए कहा कि,
” हम फ्लोर टेस्ट (Floor Test) पर रोक नहीं लगा रहे हैं, नोटिस रिलीज कर रहे हैं, जो भी रिजल्ट होगा वह हमारे अंतिम निर्णय से बंधा होगा। उस बाद 11 जुलाई को अगली सुनवाई की जाएगी। “
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थी, करीब 30 मिनट बाद ही सच साबित हो गई।
28 नवंबर 2019 को शुरू हुआ उद्धव राज खत्म हो चुका है। पिछले 10 दिनों से जारी सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) साहब ने मुख्यमंत्री पद के साथ विधान परिषद की सदस्यता से भी त्याग पत्र दे दिया। श्री उद्धव ठाकरे कुल 943 दिनों तक महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं।
सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले ने महाराष्ट्र की सियासत की तस्वीर बदल दी है। मुख्यमंत्री श्री के इस्तीफे के साथ अब सत्ता वापसी के लिए बीजेपी का रास्ता साफ हो चुका है। शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट के खिलाफ और बागी गुट और राज्यपाल के वकील ने फ्लोर टेस्ट के पक्ष में दलीलें पेश कीं थी।
शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने के पक्ष में अपनी दलील पेश की और कहा था कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक फ्लोर टेस्ट रोक दिया जाए। वहीं बागी गुट शिंदे के वकील ने रोक का विरोध करते हुए कहा था कि अयोग्यता पर फैसले से पहले डिप्टी स्पीकर पर फैसला हो, फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगा सकते। हालांकि अब मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद फ्लोर टेस्ट नहीं होगा।
बागी विधायक एकनाथ शिंदे की लीडशिप में शिवसेना के 39 विधायकों ने उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है। इस धोखे की टीस उद्धव ठाकरे मे CM के तौर पर कार्यकाल के आखिरी दिन नजर आइ थी। उद्धव ठाकरे ने कहा- जिसे शिवसेना ने ही राजनीति में जन्म दिया और जिन्हें शिवसेना प्रमुख ने ही बड़ा बनाया। उस शिवसेना प्रमुख के बेटे को राजनीति से हटान का पुण्य अगर उन्हें मिलता है तो मिलने दो।
बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी रुचि ‘संख्याबल के खेल’ में है ही नहीं। इसलिए ही वह अपने पद का त्याग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे ने वेबकास्ट पर शिवसैनिकों से संबोधन करते हुए नम्र अपील की थी और कहा,
‘‘मैं विधान परिषद की सदस्यता से भी अपना इस्तीफा दे रहा हूं।’’ ‘मैं शर्मिंदागी महसूस करूंगा अगर कोई किसी भी तरह का प्रदर्शन करेगा।”
उद्धव ठाकरे साहब ने एमवीए सरकार चलाने के दौरान सहयोग के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को भी धन्यवाद ज्ञापित किया है। उद्धव ठाकरे ने बागियों का संदर्भ देते हुए कहा कि,
‘‘कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मुझे कहा कि अगर बागी चाहते हैं तो कांग्रेस भी सरकार से हटने और बाहर से ही आपका समर्थन करने के लिए तैयार है। जिनसे मुझे खाई में धकेलने की उम्मीद थी वे ही मेरे साथ खड़े रहे हैं, जबकि मेरे अपने ही बगावत कर मेरा साथ छोड़कर चले गए।’’
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा,
‘‘आपकी क्या समस्या थी? सूरत न गुवाहाटी जाने के बजाय आप सीधे ही मेरे पास आकर अपनी राय रखते। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना आम लोगों की पार्टी है और पार्टी ने हमेशा सफलतापूर्वक कई चुनौतियों का सामना किया है।’’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे। उन्होंने आगे कहा,
‘‘मैं शिवसैनिकों का साथ खड़े रहने के लिए दिल से धन्यवाद व्करता हूं। जो शिवसेना के कारण से राजनीतिक रूप से बढ़े वे असंतुष्ट हैं और जिन्हें कुछ नहीं मिला वे सच्चे निष्ठावान हैं।’’
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महाराष्ट्र राज्य की राजनीति भी काफी ही दिलचस्प है। जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे ने 943 दिनों के कार्यकाल के बाद इस्तीफा दे दिया तो वहीं अगर महाराष्ट्र की सियासी राजनीति पर गौर करते हैं तो उनसे पहले भी सिर्फ मुख्यमंत्री ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे। ये थे बीजेपी के देवेन्द्र फडणवीस और दूसरे थे कांग्रेस के वसंतराव नाइक। साल 1960 में महाराष्ट्र के अलग राज्य बनने के बाद वसंतराव नाइक 1963 से 1967 तक मुख्यमंत्री रहे थे। उस बाद 1967 में फिर CM बने और दूसरा कार्यकाल भी पूरा किया। वहीं, साल 2014 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की तरफ से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने देवेन्द्र फडणवीस ने भी पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था।
खुद ही ड्राइव कर पहुंचे राजभवन
उद्धव ठाकरे खुद ही ड्राइव कर दोनों बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे रात करीब सवा 11 बजे इस्तीफा देने राजभवन के लिए निकले थे।
मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे देने के बाद भाजपा विधायकों में जश्न का माहौल छाया हुआ है। ताज होटल में भाजपा विधायकों ने बैठक में ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए गए थे। वहीं बीजेपी विधायकों ने देवेंद्र फडणवीस को मिठाई खिलाकर और महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने का जश्न मनाया।