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Mahant Narendra Giri Death: कौन थे महंत नरेंद्र गिरी? इनका शव फंदे से लटका मिला

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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनका शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला। इस खबर से हड़कंप मच गया तथा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। काशी के अखाड़ों तथा मंदिरों में शोक की लहर है। काशी के विद्वत समाज, मठ मंदिर व संत समाज के प्रमुखों ने भी शोक जताया। उन्होंने यह भी कहा कि वह आत्महत्या करने वाले संत नहीं थे। तथा यह घटना किसी बड़ी साजिश को अंजाम दे रही है। हालांकि मठ मंदिरों में प्रार्थना भी हुई उनकी आत्मा की शांति के लिए।
अखिल भारतीय संत समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की आकस्मिक मौत कई सवाल खड़े कर रही है। ‌ आत्महत्या करने वाले वह व्यक्ति नहीं थे। इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश को अंजाम दिया गया है। हम सीएम योगी जी से मांग करते हैं कि पूरे मामले की जांच कराई जाए।

बीएसपी पर साधा था निशाना महंत नरेंद्र गिरि ने 

हाल ही में यूपी के धार्मिक और तीर्थ क्षेत्रों में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगाए जाने की खुशी महंत गिरि ने जताई थी। हाल ही में उन्होंने बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेकर निशाना साधा था। उनका कहना था कि तिलक, तराजू व तलवार का नारा देने वाली पार्टी ब्राह्मण सम्मेलन सियासी फायदे के लिए कर रही है। बीएसपी से उन्होंने सीधे सवाल किया था कि जूते मारने बात करने वाली पार्टी अचानक से ब्राह्मणों के सम्मान की बात कैसे याद आ गई?

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से मान्यता मिली है?

देश के 13 अखाड़ों को ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की ओर से मान्यता प्राप्त है। प्रयागराज में शुक्रवार को हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से त्रिकाल भवंता के परी अखाड़ा व किन्नर अखाड़ा पर रोक लगा दिया गया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि हरिद्वार कुम्भ में 13 अखाड़ों के अलावा किसी भी अन्य अखाड़े को प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।

कौन थे महंत नरेंद्र गिरि?

राम मंदिर आंदोलन से महंत नरेंद्र गिरि जुड़े हुए थे। मंदिर आंदोलन में उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में 13 अखाड़ों की बैठक में चुना गया था। लेटे हनुमान मंदिर के वह संगम तट पर स्थित महंत भी थे। फिलहाल ही में महंत नरेंद्र गिरि वह उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि के बीच विवाद सुर्खियों में भी रहा। अखाड़ा परिषद और मठ बाघम्बारी गद्दी के पदाधिकारी के पद से आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया गया था। तब आनंद ने माफी भी मांगी थी। इसके बावजूद भी उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया।

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