Madhya Pradesh: क्या कोई अपनी पत्नी से इतना ज्यादा प्यार कर सकता है? कि उसका अंतिम संस्कार श्मशान घाट की बजाय उसके मरने के बाद उसे घर के अंदर ही दफना दे। ऐसा ही एक मामला Madhya Pradesh के डिंडौरी जिले से सामने आए हैं। जहां पर नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 14 में एक शिक्षक ने अपनी मृत पत्नी के शव को घर के अंदर ही दफना दिया। जिसके पिछले 2 दिन पहले ही जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई थी। आपको बता दें कि शिक्षक ओंकार दास मोंगरे की शादी वर्ष 1994 में रुकमणी मोंगरे से हुई थी।
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Madhya Pradesh, जानकारी के अनुसार 45 वर्ष की मृतक रुकमणी मोगरे को सीकर सेल एनीमिया की बीमारी थी। जिसको जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। लिहाजा परिजनों ने मृतक महिला के शव को घर ले आए एवं अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव ले जाने लगे। तभी मृतक का पति ओंकार दास अपने घर वालों से निवेदन किया कि मेरे तो बच्चे भी नहीं है। मैं किसके सहारे जीवित रहूंगा। यह मेरी रुकमणी को मेरे घर पर ही दफना दो।
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वहीं पर परिवार वालों के लाख मना करने के बाद से भी ओंकार ने सड़क के पास बने कमरे में ही पत्नी का शव दफना दिया। इसी दौरान शिक्षक के भांजे जयपाल दास पारस का यह कहना है कि मामा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि मामा के बच्चे नहीं हैं। इसीलिए उनकी इच्छा से लोगों ने मामी के शव को घर के अंदर ही दफना दिया है। जब यह बात बाहर निकली तो मोहल्ले वासियों ने इसका विरोध किया और मोहल्ले में दहशत फैल गई।
मंगलवार की देर रात को मोहल्लेवासियों ने शिकायत की। वहीं शिकायत पर कार्यवाही न होने की स्थिति में में रात 9 बजे कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां सुबह डिंडौरी प्रशासन के लोग मृतिका के पति ओंकार के घर पर पहुंचे एवं शव को कब्जे में लेकर विधिवत अंतिम संस्कार के लिए भी भेजा गया।