Kuno National Park: म.प्र. के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोटे बाड़ों से ही निकालकर बड़े बाड़े में छोड़े गए दोनों चीतों ने पहले दिन यानी कि रविवार को न सिर्फ खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण किया। बल्कि कई बार चीतल तथा सांभर को भी देख अपनी चिर-परिचित रफ्तार से दौड़ भी लगाई तथा शिकार का प्रयास किया। वहीं पर विशेषज्ञों ने रविवार को दूसरे चीतों को भी बड़े बाड़े में नहीं छोड़ा बल्कि इन दोनों नर चीतों की ही मॉनिटरिंग (Monitoring) की।
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बता दें कि 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही छोटे बाड़ों में छोड़ा था। बीते 50 दिन से क्वारंटाइन इनमें से 2 नर चीतों को पिछले शनिवार की शाम को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। यह दोनों चीते सगे भाई हैं। लिहाजा विशेषज्ञों ने ही सबसे पहले बड़े बाड़े में छोड़ने के लिए इनका चयन किया। यही कारण है कि रविवार को बड़े बाड़े में अन्य चीतों को छोड़ने के बजाय ही इन्हीं दोनों भाइयों के व्यवहार देखा गया।
विशेषज्ञों ने सीसीटीवी कैमरों के साथ ही ड्रोन कैमरे के जरिए इन चीतों की मॉनिटरिंग की। जिसमें यह पाया गया कि दोनों चीतों ने बाड़े में खूब ही उछल कूद की। सिर्फ यही नहीं शिकार करने का भी प्रयास किया। चूंकि शिकार में तो सफलता नहीं मिली। लेकिन चीतल और सांभर देखकर उनके पीछे दौड़ लगाई। इसी दौरान चीतल और सांभर बचकर निकल भागे। इसके साथ ही साथ दोनों चीतों का व्यवहार भी अच्छा नजर आया। जिससे यह लगा कि अफ्रीकी चीतों को कूनो का जंगल अब रास आ रहा है।
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दरअसल पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने फोन पर यह बताया कि चीते बड़े बाड़े में अच्छा व्यवहार कर रहे हैं तथा शिकार का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब चीते खुद ही शिकार कर अपना भोजन प्राप्त करेंगे। लेकिन जरूरत पड़ने तो उन्हें बाहर से भोजन दिया जाएगा।
आपको बता दें कि 2 चीतों बड़े बाड़े में छोड़े जाने के बाद से अब 6 चीते छोटे बाड़ों में ही क्वारंटाइन है। चूंकि रविवार को कोई भी चीता नहीं छोड़ा, लेकिन टास्क फोर्स के सदस्य आज भी कूनो में डटे रहे तथा पूरा दिन इस पर मंथन किया।
हालांकि भारत सरकार में वन विभाग के आईजी अमित मलिक, डब्ल्यूआईआई के डीन वाईवी झाला, पीसीसीएफ (वनबल प्रमुख) आरके गोयल, मध्य प्रदेश के पीसीसीएफ (वन्यप्राणी) जेएस चौहान समेत नामीबियाई विशेषज्ञ वाल्ट आदि विशेषज्ञों ने सारी संभावनाएं तलाशीं। लेकिन अभी भी शेष चीते कब छोड़े जाएंगे। इसपर कोई निर्णय नहीं हो सका।