Kolkata Man Mission Collect Butts: हम अक्सर ही चाय की दुकान पर चाय के साथ सिगरेट पीते लोगों को देखते हैं और यह भी देखते हैं कि वे सिगरेट पीने के बाद सिगरेट बट को वहीं सड़क पर ही फेंक कर चले जाते हैं। लेकिन उन्हें इस बात का जरा एहसास नहीं होता कि ऐसा करने वाले अपने साथ ही पर्यावरण को भी हानि पहुंचा रहे हैं। आमतौर पर लोगों को यही लगता है कि सिगरेट फिल्टर कॉटन का बना है, तो हम यह गलतफहमी को दूर कर देते हैं। दरअसल सिगरेट फिल्टर सेल्युलोज एसीटेट का बना हुआ होता है और जो पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है।
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सिगरेट बट से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए कोलकाता के 25 वर्षीय निरित दत्ता (Nirit Datta) और उनकी टीम ने इसका जिम्मा उठाया है। वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि निरित पहले एक चेन स्मोकर हुआ करते थे। एक वक्त था जब वह दिन में 15 से 50 सिगरेट पि जाया करते थे लेकिन एक बार फुटबॉल खेलते हुए उनकी सांस फूलने लगी और उन्होंने सिगरेट को हमेशा से छोड़ने का फैसला कर लिया।
Kolkata Man Mission Collect Butts उस बाद निरीत ने सिगरेट कैसे बनती है इसके बारे में विस्तार से जाना और उन्हें मालूम हुआ कि सिगरेट फिल्टर बायोडिग्रेडेबल कॉटन से नहीं बल्कि प्लास्टिक से बनाई जाती है। सबसे बड़ा आश्चर्य तो उन्हें तब हुआ जब उन्हें यह बात भी मालूम हुई कि समुद्र तटों और महासागरों में पाए जाने वाले कचरे में से सिगरेट बट्स भी शामिल हैं जो पर्यावरण को सबसे अधिक प्रभावित कर रहे हैं।
इसके बाद निरित ने बटरश अभियान (ButtRush) शुरू किया। उनके इस अभियान का उद्देश्य छोड़े गए सिगरेट बट्स को इकट्ठा कर लोगों में जागरूकता पैदा करना है। निरीत का पहला सफाई अभियान 28 अप्रैल, 2021 को शुरू हुआ था। तब यह अभियान कोलकाता में शुरू हुआ था, लेकिन तब से ही उन्होंने मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु, में भी इसी तरह की पहल की है। पिछले साल 11 दिसंबर को उनका आखिरी अभियान था, जिसमें उन्होंने कुल 102,569 सिगरेट फिल्टर एकत्र किए थे।
24 घंटे चलने वाले इस बटरश अभियान की वालिंटियर 25 साल की अनुष्का गुप्ता ने कहती हैं कि ज्यादातर लोगों को इस समस्या की स्थिति का एहसास ही नहीं है जो सिगरेट बट्स बनाते करते हैं। उन्हें तो सिर्फ ये ही लगता है कि यह फिल्टर कपास से बने हैं और nontoxic हैं। यही अहम वजह है कि यह major pollutants में से एक है जिस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है।
Kolkata Man Mission Collect Butts अनुष्का कहती हैं कि जब वह इस अभियान से जुड़ी तो उन्हें सड़कों पर काम करते देख लोग मजाक बनाते थे। वहीं बहुत से लोग आकर पूछते भी थे कि हम यह क्या कर रहे हैं और कुछ लोग मदद के लिए शामिल भी हुए। उस बाद हमारे लिए यह देखना भी बहुत ही आश्चर्यजनक था कि हम वास्तव में लोगों में एक प्रभाव पैदा कर रहे थे।
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Kolkata Man Mission Collect Butts निरित ने कहते कि हम सुबह 4 बजे से यह अभियान शुरू कर देते हैं जो अगले दिन सुबह 4 बजे तक जारी रहता है। इस समय दरम्यान किसी को भी सोना नहीं होता है, ब्रेक ले सकते हैं लेकिन चलते ही रहना होता है। निरित कहते हैं कि हमार मकसद सिर्फ बट्स इकट्ठा करना ही नहीं है बल्कि हम लोगों से यह पूछते है कि सिगरेट फिल्टर किस चीज का बना है। जिसमें से सिर्फ 3 लोग ही ऐसे मिलते है जिन्हें यह पता होता है कि यह प्लास्टिक से बना हुआ होता है। हम उनसे यह भी पूछते भी है कि वह सिगरेट बट्स का किस तरह से डंप करते हैं।
Kolkata Man Mission Collect Butts निरित का कहना है कि इससे पहले भी कई लोगों ने सिगरेट बट्स पॉल्यूशन का मुद्दा उठाया है लेकिन उसके खिलाफ बमुश्किल ही कार्रवाई की गई है। यह पैसों के बारे में बिल्कुल ही नहीं है। यह सिर्फ उद्देश्य के प्रति सच्चे होने और उन लोगों से भी झूठ नहीं बोलने के बारे में है जो स्वेच्छा से इस आंदोलन का हिस्सा बने हुए हैं।