Kisan Padhsala कोरोना संक्रमण के कारण इस बार किसानों की पाठशाला में भी ऑनलाइन पढ़ाई होगी। गांव में खरीफ फसलों के बारे में जानकारी देने व उनके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कृषि विभाग डिजिटल माध्यमों से किसान पाठशाला (द मिलियन फार्मर्स स्कूल) आयोजित करने की तैयारी में जुटे है। गांव में स्मार्टफोन धारक किसानों को सूचीबद्ध कर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं।यू तो प्रदेश में ऐसे करोड़ों व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का लक्ष्य निर्धारित है परंतु 31 जुलाई तक 10 लाख व्हाट्सएप समूह बना लिया जाएगा।
समूहों का मकसद शारीरिक दूरी का पालन करते हुए किसानों को खेती से संबंधित सूचनाएं व जानकारी मुहैया करवाना है।
ग्राम स्तर पर तैयार किया जा रहे हैं, इन समूहों को ब्लॉक तक ब्लॉक क्षेत्र के समूह को जिला स्तर पर जोड़ा जाएगा। जिला कृषि अधिकारी का संचालन और निगरानी करेंगे।
कृषि निदेशक सौराज सिंह कहते हैं कि करोना काल में सामान्य तरीके से पाठशाला आयोजित करना संभव नहीं है। वही, कनेक्टिविटी व विद्युत आपूर्ति में बाधा के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में समस्या है। ऐसे में सबसे सुलभ माध्यम व्हाट्सएप समूह है। इसमें पाठशाला की प्रशिक्षण सामग्री को आसानी से उपलब्ध करवाया जाएगा।
वही, किसानों के सवालों के जवाब देने की जिम्मेदारी स्थानीय किसी अधिकारी व कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों की होगी। खरीफ सीजन में किसान पाठशाला का यह प्रयोग सफल रहा तो इसको विस्तार दिया जाएगा।
किसान उत्पादक संगठन के गठन पर रहेगा जोर
आमतौर से न्याय पंचायत स्तर पर आयोजित पाठशालाओं में किसान को नवीनतम शोध व जानकारी देने के साथ परंपरागत खेती के बारे में भी बताया जाता है।
पाठशाला के 21 मंत्र होते हैं और 5 दिन अलग-अलग बिंदुओं पर इन पर चर्चा होती है। वर्ष 2019 में रबी सीजन में पाठशाला आयोजन के बाद अब खरीफ की बारी है।इसके लिए जरूरी प्रचार सामाग्री इस बार पीडीएफ़ फाइल बनकर प्रसारित कि जाएगी। कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
क्या है किसान पाठशाला
प्रदेश में वर्ष 2017-18 के किसान पाठशाला आयोजित की जा रही है। अब तक इसके 5 संस्करण पूरे हो चुके हैं।या पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दो सत्र (रबी और खरीफ) में आयोजित किए जाते हैं। कृषि विज्ञान व प्रशिक्षण कर्मचारी चौपाल,पंचायत भवन या सार्वजनिक स्थान पर पाठशाला में आयोजित करते हैं। प्रत्येक पाठशाला में 60से 100 किसान की उपस्थिति होती है। उनको कृषि, उद्यान, गन्ना , विपणन, पशुपालन, मत्स्य व मधुमक्खी पालन जैसी गतिविधियों के बारे में नवीनतम जानकारी दी जाती है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का कहना है: किसान पाठशाला है गांव व खेतों तक उन्नत तकनीकी ज्ञान पहुंचा देने का सशक्त माध्यम बन गई है। इसका डिजिटल स्वरूप कामयाब होगा तो किसी उत्थान की दिशा में क्रांतिकारी कदम होगा। सरकार बेहद गंभीर है