

हमारे देश में महिलाओं के जो दशा है वह किसी से छुपी नहीं है। महिलाओं पर हर रोज अत्याचार होते रहते हैं। इसलिए महिलाओं को सुरक्षित और सुरक्षा देने के लिए कानून ने महिलाओं को कुछ अधिकार दिए हैं। जब कोई महिला अपने ससुराल आती है तो उस पर किसी प्रकार का दबाव ना बनाया जाए और उसे दहेज के लिए प्रताड़ित ना किया जाए। यह कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया था।
लेकिन दहेज कानून का बहुत दुरुपयोग किया जा रहा है।कोई कहता नहीं लेकिन हमारे समाज की सच्चाई है औरतें ससुराल में निजी फायदे के लिए, जमीन हड़पने के लिए या घर में सभी सदस्यों का अपना दबदबा बनाने के लिए 498 ए कानून का दुरुपयोग करती हैं ।और महिलाओं के अत्याचारों से तंग आकर कभी-कभी सास-ससुर को बुढ़ापे में अपना आशियाना छोड़कर दर-दर भटकना पड़ता है।
महिलाएं 498 अ का दुरुपयोग करते हैं और ससुराल वालों को धमकाने का काम करते हैं कि यदि ये काम नहीं करोगे तो हम दहेज उत्पीड़न का केस कर देंगे। और ससुराल वालों को मजबूरन ऐसा काम भी कर जाना पड़ता है जो नहीं करना चाहिए।
बहु पीड़ित है या बहू से पीड़ित हैं इसका अंतर करना बड़ा ही कठिन काम है। और यह तो एक प्रकार का धंधा बन गया है पहले शादी करो और फिर दहेज उत्पीड़न केस में फंसाने की धमकी देकर अपनी मनचाही डिमांड करती है। और ससुराल के सदस्यों को इतना प्रताड़ित करो कि वह खुद ही घर छोड़कर भाग जाएं।
दहेज संबंधी अपराधों को रोकने के लिए महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए दहेज निषेध अधिनियम 1961 बनाया गया था। इस अधिनियम में पत्नियों पर पति द्वारा की गई क्रूरता के बारे में कहा गया था।
How to overcome false complaints
यदि कोई महिला अपने पति पर 498 केस लगाएं तो इस केस की पहली जांच कराई जाती हैं यह जांच स्पेशल पुलिस ऑफिसर और जिला स्तर की फैमिली wefare commetie द्वारा कराए जाने चाहिए।
किसी ने महिला को बुरी तरह से मारा गया वह पत्नी की डेथ हो गई हो तो बिना जांच के ही केस को कोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है।
Sushil kumar sharma vs unian of india
2005 में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 498 के तहत शिकायत के प्रावधान के दुरुपयोग से व्यक्तिगत आधार पर दायर किया जा रहा है।इस फैसले में भी देखा गया कि विधायका को उन तरीकों का पता लगाना चाहिए जिनसे तनाव रहित शिकायत करने वालों के साथ निपटा जा सकता है।
Rajesh sharma and other v/s state of up
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले में एक अंतर्निहित धारणा है कि :
महिलाएं कानून का दुरुपयोग करते हैं इस कारण से कानून को खुद ही समाप्त करना चाहिए।नए फैसले के अनुसार पुरुषों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी जब तक कि आरोपी को गलत सिद्ध ना किया गया हो।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दहेज कानून महिलाओं द्वारा दुरुपयोग करने से यह कानून कमजोर होगा और इसे समाप्त करना पड़ेगा या इसमें भारी सुधार की आवश्यकता है।
हमारे देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। जिससे महिलाओं को न्याय मिल सके लेकिन यही कानून एक दूसरे ससुराल नाम के घर में सास और नंद के रूप में महिलाओं पर अत्याचार का सबब बनते हैं।
इस समय कोई उसके बारे में बात नहीं करता। हमारे समाज में कहीं पर बहू पर अत्याचार तो हो ही रहे हैं लेकिन इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता कि कहीं बहु द्वारा ससुराल जनों पर भी अत्याचार किया जा रहा है।