Indian Railway Station Privatisation: अब यूपी के इन नौ रेलवे स्टेशनों पर 1 अगस्त से तैनात होंगे प्राइवेट कर्मचारी, सरकारी कर्मियों की हो जाएगी छुट्टी

Published by
Indian Railway Station Privatisation

Indian Railway Station Privatisation: अगले महीने से उत्तर प्रदेश के 9 रेलवे स्टेशनों की सूरत बदलने जा रही है । जब आप अगले महीने इन स्टेशनों पर उतरकर इन्क्वायरी ऑफिस में ट्रेन सम्बन्धी सूचना लेने जाएंगे तो वहां सूचना देने के लिए पहले की तरह सरकारी कर्मचारी नहीं मिलेंगे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले 9 स्टेशनों में प्राइवेट कर्मचारी तैनात किए जाने हैं ।

अगले महीने यानी अगस्त की 1 तारीख से इन स्टेशनों में कई सरकारी कार्यों को प्राइवेट कर्मचारियों की मदद से कराए जाने का ऐलान रेलवे की तरफ से हुआ है । रेलवे विभाग ने गोरखपुर जंक्शन समेत लखनऊ मंडल के 9 रेलवे स्टेशनो में प्राइवेट कर्मचारियों को विभिन्न कामों के लिए तैनात करने की योजना बना रहा है।

इन कामों के लिए तैनात किए जाएंगे प्राइवेट कर्मी

Indian Railway Station Privatisation

नार्थ ईस्टर्न रेलवे ने गोरखपुर जंक्शन के अलावा लखनऊ मंडल के 9 रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट सेक्टर को देने का फैसला किया है । अब इन स्टेशनों के तमाम कार्य प्राइवेट आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराए जाएंगे । इसके लिए प्राइवेट कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी होनी शुरू हो गयी है साथ ही 1 अगस्त से इन कर्मचारियों को इन 9 स्टेशनों में तैनाती दिए जाने का प्लान किया जा रहा है ।

बता दें कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से इन्क्वायरी काउंटर से लेकर अनोउंसमेन्ट सिस्टम, डिस्प्ले बोर्ड, कोच गाइडेंस, क्लॉक रूम( अमानती सामान घर) आदि में सरकारी कर्मचारियों की जगह पर प्राइवेट कर्मचारी काम करते नजर आएंगे । विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है और प्राइवेट कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ।

Indian Railway Station Privatisation इन 9 स्टेशनों का होना है प्राइवेटाइजेशन

Indian Railway Station Privatisation

उत्तर पूर्व रेलवे ने ऐलान किया है कि 1 अगस्त से लखनऊ मंडल के 9 रेलवे स्टेशनों के तमाम कार्य आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराए जाएंगे । इसके लिए रेलवे विभाग ने प्राइवेट कम्पनी को भी नामित कर दिया है । बता दें कि लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले गोरखपुर जंक्शन के अलावा लखनऊ जंक्शन, बादशाहनगर, सीतापुर, ऐशबाग, मनकापुर, गोंडा, बस्ती, खलीलाबाद के रेलवे स्टेशनों का कार्यभार प्राइवेट कंपनी के हाथों में होगा ।

प्राइवेटाइजेशन से आ रही है खर्चों में कमी

Indian Railway Station Privatisation

नॉर्थ ईस्ट रेलवे विभाग के अफसरों का मानना है कि प्राइवेट सेक्टर से कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग से विभाग के खर्चों में काफी कमी आ रही है । जहां प्राइवेट कर्मी किसी भी काम को कुशलता पूर्वक कर रहे हैं वहीं सरकारी कर्मियों को मिलने वाले वेतन की तुलना में प्राइवेट कर्मी कम वेतन में भी काम करने को तैयार हैं । यूपी के लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले इन नौ रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट सेक्टर के हाथों सौंप देने से विभाग की अच्छी खासी बचत हो रही है ।

बता दें कि नार्थ ईस्ट रेलवे प्रशासन खर्चों में कटौती करने हेतु ट्रेन परिचालन और स्टेशन के कुछ महत्वपूर्ण कार्यों के अलावा बाकी सभी कार्य प्राइवेट आउटसोर्सिंग से करवा रहा है । बता दें कि स्टेशन की साफ सफाई से लेकर अन्य कार्यों के प्राइवेट सेक्टर से कराए जाने से विभाग काफी संतुष्ट है ।

इनका कहना है कि निरहुआ को ये जिताये है, प्यार में धोखा खाये ये, तब 80 रूपये किलो वाला लड्डू बाटे थे

 “पुष्पा पुष्पाराज अपुन लिखेगा नहीं साला”, इन 10 छात्रों की आंसर शीट्स देखने के बाद, आप हंसी नहीं रोक पाएंगे!

अन्य स्टेशनों में भी अपनाया जा सकता है यह मॉडल

Indian Railway Station Privatisation

रेलवे विभाग की मानें तो आउटसोर्सिंग से काम करवाने से विभाग को काफी सहूलियत मिल रही है और उसके खर्चों में भी कमी आयी है । सूत्रों के मुताबिक रेलवे विभाग इन 9 स्टेशनों की कार्यप्रणाली की जांच करने के बाद इसे दूसरे रेलवे स्टेशनों में भी लागू करवाने की सोच रहा है । लखनऊ मंडल के इन 9 रेलवे स्टेशनों पर प्राइवेट कर्मियों से कार्य करवाने की शुरुआत विभाग 1 अगस्त से करने जा रहा है ।

Recent Posts