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Indian Defence: जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी तब भी दुनिया भर के देशों ने हथियारों पर खर्च बढ़ा दिया है इतना ही नहीं महामारी के दूसरे साल में दुनिया का सैन्य खर्च 2.1 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। रूस और यूक्रेन के जंग के बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है , स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, दुनिया में सैन्य खर्च 2.1 ट्रिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है साथ ही सैन्य खर्च के मामले में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
हथियारों पर खर्च करने में अमेरिका और चीन सबसे आगे हैं,उनके बाद भारत ने स्थान ले लिया है। आपको बता दे की साल 2021 की SIPRI रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस ने हथियारों पर सबसे ज्यादा खर्च किया। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2021 में 76.6 अरब डॉलर के सैन्य खर्च के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है , इसमें 2020 की तुलना में 0.9 प्रतिशत और 2012 की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी तब भी दुनिया भर के कई देशों ने हथियारों पर खर्च बढ़ा दिया। इतना ही नहीं महामारी के दूसरे साल में दुनिया का सैन्य खर्च 2.1 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इस तरह लगातार सातवें साल सैन्य खर्च में बढ़ोतरी हुई है , रिपोर्ट की माने तो अमेरिका ने वास्तव में पूरी दुनिया के सैन्य खर्च में 0.7 फीसदी की बढ़ोतरी की और यह 2113 अरब डॉलर रहा , समीक्षाधीन वर्ष में अमेरिका ने सेना में 801 अरब डॉलर खर्च किए। पिछले साल की तुलना में इसमें 1.4 फीसदी की गिरावट आई है।
साथ ही अमेरिका ने रक्षा अनुसंधान पर 24 प्रतिशत और हथियारों की खरीद पर 6.4 प्रतिशत कम खर्च किया। पांच सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाले देशों में 2021 में कुल सैन्य खर्च का 62 प्रतिशत हिस्साnथा। जबकि जीडीपी में गिरावट आई और जनता मुद्रास्फीति के बोझ से जूझती रही , साथ ही हथियारों पर खर्च में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
संगठन के मुख्य शोधकर्ता डॉ. डिएगो लोपेज डी सिल्वा ने कहा कि कोरोना महामारी से उबरने के बाद रक्षा खर्च में तेजी से वृद्धि हुई और यह वैश्विक जीडीपी के 2.2 तक पहुंच गया है , हालांकि, 2020 में यह विश्व जीडीपी का 2.3 फीसदी था। चीन दूसरे स्थान पर रहा। चीन ने रक्षा पर 293 अरब डॉलर खर्च किए। इसने 2020 की तुलना में रक्षा व्यय में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि की। चीन की तुलना में भारत की वृद्धि अभी मामूली है।
25 अप्रैल को जारी रिपोर्ट में कहा गया, ‘साल 2021 में वैश्विक रक्षा खर्च में 0.7% की वृद्धि हुई है। यह अब 2.1 ट्रिलियन डॉलर है। अमेरिका दुनिया के सबसे ज्यादा रक्षा खर्च करने वालों में सबसे ऊपर है। इसमें इसकी हिस्सेदारी 38% है। इसके बाद 14 फीसदी हिस्सेदारी के साथ चीन दूसरे नंबर पर है। जबकि भारत कुल वैश्विक रक्षा खर्च में 3.6 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके बाद शीर्ष 5 देशों में यूके (3.2%) और रूस (3.1%) का स्थान है। इन 5 देशों को मिलाकर वैश्विक रक्षा खर्च का लगभग 62% हिस्सा है।
एसआईपीआरआई के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉ. डिएगो लोपेज डी सिल्वा कहते हैं, ‘यह ध्यान देने वाली बात है कि विभिन्न देशों से महामारी के बावजूद उन्होंने अपने रक्षा खर्च (सैन्य व्यय) में वृद्धि की है। महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था कमजोर रही और इससे महंगाई भी बढ़ी, जिससे विकास दर 0.7 फीसदी दर्ज की गई। अन्यथा सैन्य व्यय 6.1% की दर से बढ़ा है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के रक्षा खर्च में 2012 की तुलना में 2021 में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, 2020 की तुलना में इसमें केवल 0.9% की वृद्धि हुई है। यह 76.6 अरब डॉलर के करीब था। वहीं, भारत के पड़ोसी देश चीन ने 2020 की तुलना में 2021 में सैन्य खर्च में 4.7 फीसदी की बढ़ोतरी की। इसका खर्च 293 अरब डॉलर तक पहुंच गया। जबकि अमेरिका ने 801 अरब डॉलर खर्च किए। इसने 2020 की तुलना में 2021 में अपने सैन्य खर्च में 1.4% की कटौती की है। चौथे नंबर पर ब्रिटेन और रूस ने 2020 की तुलना में 2021 में अपने सैन्य खर्च में क्रमशः 3 और 2.9% की वृद्धि की है।