India First Transgender Pilot: देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट को विमान उड़ाने की मनाही, अब फ़ूड डिलीवरी करने को मजबूर..

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India First Transgender Pilot: साल 2019 में देश के पहले ट्रांसजेंडर बने एडम हैरी को नागर विमानन महानिदेशालय( DGCA) ने विमान उड़ाने की अनुमति नहीं दी है । डीजीसीए का कहना है कि एडम अभी इलाज की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं ऐसे में उन्हें विमान उड़ाने की इजाजत नहीं दी जा सकती । दक्षिण अफ्रीका से पायलट ट्रेनिंग लेकर आये एडम हैरी के डीजीसीए के इस फैसले से सपने चकनाचूर हो गए हैं।

वर्तमान में वह जोमैटो की फ़ूड डिलीवरी सर्विस के अंतर्गत बतौर फ़ूड डिलीवरी एजेंट के रूप में काम करके अपना गुजर बसर कर रहे हैं । बता दें कि एडम हैरी को डीजीसीए ने विमान उड़ाने के लिए मेडिकल तौर पर अनफिट पाया है । ऐसे में पायलट बनकर विमान उड़ाने का सपना देख रहे हैरी के अरमान पानी मे फिरते नजर आ रहे हैं ।

विमान उड़ाने से क्यों मना किया डीजीसीए ने

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नागर विमान महानिदेशालय (डीजीसीए) ने देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट को विमान उड़ाने की मंजूरी देने से मना कर दिया है । डीजीसीए ने कहा कि हैरी अभी हार्मोन थेरेपी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं । चूंकि वह अभी इलाज करा रहे हैं इसलिए उन्हें विमान उड़ाने की इजाजत नहीं दी सकती । द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक हैरी को साल 2017 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पायलट ट्रेनिंग का लाइसेंस मिला था । उन्होंने वहां से ट्रेनिंग ली और 2019 में देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट के रूप में सामने आए ।

हालांकि डीजीसीए के अनुसार हैरी ने महिला के रूप में आवेदन किया था । जब डीजीसीए ने उन्हें मेडिकल जांच के लिए बुलाया तब उन्हें दिक्कत आयी क्योंकि लिंग के रूप में उन्हें अपने दस्तावेजों के अनुसार महिला लिखना पड़ा । चूंकि डीजीसीए के मेडिकल एग्जाम के लिए नॉन बाइनरी जेंडर का कोई विकल्प नहीं था ऐसे में उन्हें मेडिकली अनफिट घोषित कर दिया गया । डीजीसीए ने उन्हें जेंडर डिस्फोरिया( जन्म के समय अलग लिंग और वर्तमान में अलग लिंग का होना) के रूप में चिन्हित करते हुए विमान उड़ाने की इजाजत देने से मना कर दिया ।

पहले ट्रांसजेंडर पायलट हैरी का सफर रहा है कठिन

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समाज में ट्रांसजेंडर के रूप में अपनी पहचान रखने वाले किसी भी व्यक्ति का आगे बढ़ना आसान नहीं होता । उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है । हैरी बताते हैं कि उनका जन्म एक लड़की के रूप में हुआ था । केरल के त्रिशुर में एक मुस्लिम परिवार में जन्मे एडम हैरी को बचपन से ही अलगाव और यातनाएं सहनी पड़ी । वह बताते हैं कि जब बचपन मे उन्होंने बाल कटवाने चाहे तो घर मे उन्हें पीटा गया ।

उन्होंने लड़की के रूप में भले ही जन्म लिया लेकिन 17 की उम्र आते आते वह अपने शरीर मे आये बदलावों को महसूस करने लगे । उन्होंने खुद को ट्रांसमेन के रूप में पेश करने की कोशिश की तो घरवालों द्वारा उन्हें न सिर्फ पीटा गया बल्कि 10 महीने तो घर मे कैद करके रखा गया । चूंकि 17 की उम्र आते आते उनके दाढ़ी और मूंछ आने लगी इसलिए उन्होने न सिर्फ खुद को ट्रांसमेन के रूप में स्वीकारा बल्कि घर से भाग गए । वह फुटपाथ पर रहे और जूस की दुकान में भी कुछ दिनों तक काम किया ।

पायलट ट्रेनिंग लेने में भी आईं दिक्कतें, केरल सरकार ने की मदद

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India First Transgender Pilot देश के पहले ट्रांसजेंडर ट्रेनी पायलट के रूप में नाम दर्ज करवाने वाले हैरी का पायलट बनने का सफर आसान नहीं रहा । द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक हैरी ने जोहान्सबर्ग से प्राइवेट पायलट लाइसेंस( पीपीएल) हासिल किया है । वहां से ट्रेनिंग लेने के बाद हैरी ने केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित राजीव गांधी अकादेमी फ़ॉर एविएशन टेक्नोलॉजी से कमर्शियल पायलट लाइसेंस लेने के लिए जनवरी 2022 में आवेदन किया था । इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से मदद मांगी थी जिसके केरल सरकार के न्याय विभाग ने उन्हें 22.34 लाख की स्कालरशिप दिलवाई थी ।

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India First Transgender Pilot संघर्ष जारी रखेंगे हैरी

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India First Transgender Pilot हैरी ने तमाम मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानी है । विमान निदेशालय (डीजीसीए ) द्वारा उन्हें अनफिट घोषित करने के सवाल पर वह कहते हैं कि अधिकारी जो उनकी जांच कर रहे थे वह ट्रांस्फोबिक थे। उन्होंने जांच के दौरान उनसे बहुत अटपटे सवाल पूछे । उन्होंने कहा कि वह उन्हें विमान उड़ाने की इजाजत देकर 200 यात्रियों की जान खतरे में नहीं डाल सकते

हैरी आगे कहते हैं कि जब 5 महीने बाद उन्हें जांच करवाने की अनुमति मिली तो डीजीसीए ने मुझसे कहा कि मैं अभी हार्मोन थेरेपी से गुजर रहा हूँ इसलिए उन्हें मेडिकली रूप से अनफिट घोषित किया जाता है । हैरी कहते हैं कि वह अपने करियर के लिए अपनी पहचान नहीं खो सकते।

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