India and Japan agreement: जब से भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने शपथ ली है। तब से भारत की विदेश नीति लगातार मजबूत होती जा रही है, यही वजह है, कि आज दुनिया के सभी देश भारत को एक सम्मानित स्थान देते हैं। और लगातार भारत के हितों से जुड़े तमाम अनुयोजन दुनिया के अलग-अलग देशों द्वारा लिए जाते रहते हैं। इसी क्रम में हाल ही में भारत के दौरे पर आए जापान के प्रधानमंत्री ने भी कुछ समझौते कर भारत के साथ कार्य करने पर हामी भरी और भारत जापान के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया।
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आप सभी को पता है, कि जापान के प्रधानमंत्री किशिदा भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। इस दौरान भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय समझौते हुए, हम आपको बता देना चाहते हैं, कि द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत भारत और जापान के बीच 6 समझौते हुए हैं। जिनके बारे में हम आपको आगे बताने वाले हैं।
भारत और जापान के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते में जो पहला समझौता होता है, वह साइबर सुरक्षा का है। आपको बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है। कि साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर अब भारत और जापान एक साथ हैं। और यह दोनों देश इस विषय पर एक साथ कार्य करेंगे। यह भारत की मजबूत वैश्विक छवि के कारण ही संभव हो रहा है।
भारत और जापान के बीच में द्विपक्षीय समझौते में जो दूसरा बड़ा समझौता है। वह कनेक्टिविटी तथा जल आपूर्ति एवं सीवेज तथा बागवानी और स्वास्थ्य और जैव विविधता के क्षेत्र में 7 ऋणों के करार के रूप में है, अर्थात इन सभी मुद्दों पर भारत और जापान के बीच एक ऋण करार हुआ है। जिसके बारे में हम आपको आगे विस्तार से बताएंगे।
अब आपको इन समझौतों में से तीसरा समझौता बताते हैं, जो भारत और जापान के बीच में जापान के प्रधानमंत्री द्वारा भारत के दो दिवसीय दौरे के दौरान किया गया,आपको बता दें कि यह तीसरा समझौता समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते के तहत अनुच्छेद 13 के मुताबिक संशोधन का है। संभव है, कि बात आप लोगों के समझ में ना आ रही हो तो हम आपको आश्वस्त करते हैं। कि इस विषय पर विस्तृत जानकारी के साथ हम आपके बीच एक नया आर्टिकल लायेंगे, बहरहाल हम यहां पर आपको सिर्फ उन समझौते को बताने वाले हैं। जो भारत और जापान के बीच में हुए हैं।
अब बात करते हैं, चौथे समझौते की भारत और जापान के बीच में द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत हुए छह समझौतों में से चौथा समझौता किस विषय पर केंद्रित है, तो आपको बता दें कि भारत और जापान के बीच जो चौथा समझौता हुआ है। वह विकेंद्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के विषय पर है। इस विषय पर भी अब भारत और जापान वैश्विक मंच पर एक साथ होंगे।
अगर आपको राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में रुचि रखते हैं। तो आपके मन में यह जिज्ञासा जरूर होगी कि आखिर पांचवा समझौता क्या कहता है, हम आपको बता देते हैं । कि पांचवे समझौते में भारत जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धा भागीदारी रोडमैप तैयार करने की बात की गई है, अर्थात औद्योगिक प्रतिस्पर्धा में भारत और जापान की पारस्परिक सहभागिता कैसे हो इस हेतु एक रोडमैप तैयार किया जाना और इस दिशा में कार्य करना इस विषय पर हुआ है। भारत और जापान के बीच में पांचवा समझौता।
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भारत और जापान के बीच में द्विपक्षीय समझौते में जो 6 समझौते हुए हैं। उनमें से अंतिम और छठा समझौता है सतत शहरी विकास सहयोग अर्थात शहरी विकास सहयोग में भारत और जापान एक साथ मिलकर कार्य करेंगे और प्रगति की ओर आगे बढ़ेंगे।
यह थे, भारत और जापान के बीच में द्विपक्षीय समझौतों जिनपर हस्ताक्षर किए गए, यह सब भारत की मजबूत विदेश नीति के तहत संभव हो पाया है । उम्मीद है, भारत इन सभी समझौतों का समुचित और दूरगामी लाभ अर्जित कर सकेगा।