IAS Story: देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक यूपीएससी को क्लियर करना भी अपने आप मे किसी उपलब्धि से कम नहीं है । यूपीएससी क्रैक करने वाला हर एक एस्पिरेन्ट जिला कलेक्टर(डीएम) बनने का ख्वाब देखता है । वहीं बहुत से लोगों का यह ख्वाब पूरा भी होता है पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अच्छी रैंक लाने के बाद भी इस पद को प्राप्त नहीं कर पाते । पर इनमें से केरल के रहने वाले श्रीराम वेंकटरमन की कहानी सबसे अलग है ।
आईएएस बनकर राज्य के डीएम बनने का सपना संजोए इस व्यक्ति का सपना तो पूरा हुआ पर मात्र 6 दिनों के लिए । भारत में इस तरह का कोई मामला कम ही देखने को मिलता है जब अपने बैच में सेकेंड रैंक लाने वाला कोई आईएएस मात्र 6 दिन ही जिले का डीएम रह पाए ।
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दोस्त की सलाह पर आईएएस की तैयारी करने वाले श्रीराम वेंकटरमन ने साल 2012 में अपने दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी । वह अपने बैच के सेकेंड टॉपर थे । बता दें कि आईएएस बनने के बाद श्रीराम की पहली पोस्टिंग केरल राज्य में हुई थी । वहीं श्रीराम को 2015 में केरल सरकार ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया था ।
आईएएस श्रीराम वेंकटरमन का डीएम बनने का सपना तो पूरा हुआ पर मात्र 6 दिनों के लिए । बता दें कि केरल सरकार ने आईएएस श्रीराम को 24 जुलाई 2022 को अलपुझा जिले के कलेक्टर पद के रूप में नियुक्ति दी थी वहीं श्रीराम ने 26 जुलाई को अलपुझा कलेक्टर के रूप में अपना पदभार ग्रहण कर लिया था पर वह इस पद पर ज्यादा दिनों तक बने नहीं रह सके और मात्र 6 दिन बाद ही केरल सरकार ने 1 अगस्त 2022 को उन्हें कलेक्टर पद से हटा दिया । सरकार को यह फैसला भारी विरोध के चलते लेना पड़ा था ।
केरल सरकार को 6 दिन के भीतर ही श्रीराम वेंकटरमन की डीएम के रूप में नियुक्ति का आदेश भारी विरोध के चलते वापस लेना पड़ा । बता दें कि श्रीराम की अलपुझा जिला कलेक्टर के पद पर तैनाती को लेकर केरल के तमाम मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे थे । आईएएस श्रीराम पर साल 2019 में नशे में गाड़ी चलाने का आरोप लगा था । वहीं आरोप है कि आईएएस ने नशे में गाड़ी चलाते हुए पत्रकार के एम बशीर को तिरुवनंतपुरम में संग्रहालय जंक्शन के पास टक्कर मार दी थी जिसके बाद पत्रकार की मौत हो गयी थी ।
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के एम बशीर तिरुवनंतपुरम में सिराज दैनिक में पत्रकार के रूप में काम करते थे । 3 अगस्त 2019 को घटी इस घटना में आईएएस श्रीराम वेंकटरमन को मुख्य आरोपी बनाया गया था । वहीं इस घटना के बाद बड़ा बवाल हुआ था और केरल सरकार ने आरोपित आईएएस को निलंबित कर दिया था । वहीं इस मामले में आईएएस श्रीराम को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अक्टूबर 2020 में जमानत दे दी थी जबकि बाद में मार्च 2021 में सरकार ने आईएएस की फिर से सेवा बहाली कर दी थी और उन्हें स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय विभाग में संयुक्त सचिव बना दिया गया था ।
24 जुलाई को केरल की पिनराई विजयन सरकार द्वारा नशे में गाड़ी चलाने और पत्रकार को टक्कर मारने के आरोपी श्रीराम वेंकटरमन की अलपुझा जिला कलेक्टर के पद पर तैनाती कर देने का जिले के तमाम मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे थे । 30 जुलाई को सुन्नी मुसलमानों के विभिन्न संगठनों ने तिरुवनंतपुरम के राज्य सचिवालय और जिला कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया था और आईएएस को डीएम के पद से हटाने का अनुरोध किया था जिसके बाद राज्य की पिनराई विजयन सरकार ने विरोध के आगे झुकते हुए आईएएस श्रीराम वेंकटरमन को 1 अगस्त 2022 को अलपुझा जिले के कलेक्टर पद से हटाकर नागरिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक पद पर स्थानांतरण कर दिया था ।
वहीं विरोध के आगे झुकते हुए केरल सरकार ने इसे जन भावनाओं का सम्मान करने का फैसला करार दिया था जबकि बीजेपी सहित अन्य दलों ने केरल सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे वोट बैंक के लालच में लिया गया फैसला करार दिया था । बता दें कि अलपुझा जिले में मुस्लिम समुदाय की एक विशाल आबादी रहती है । माना जा रहा था कि केरल सरकार ने मुस्लिम वोटबैंक का ख्याल रखते हुए आईएएस को डीएम पद से हटाया था । इस मुद्दे पर केरल सरकार की काफी किरकिरी हुई थी ।