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Hyundai कार कम्पनी पर आगरा के एक शख्स राजेंद्र कुमार ने एक हजार करोड़ रुपये का केस फाइल कर दिया है. उनका कहना है कि उन्होंने जो गाड़ी खरीदी थी उनको वह मिली ही नहीं. इसके साथ ही यह गाड़ी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर चलाने लायक भी नहीं है, क्योंकि किसी भी तरह के सेफ्टी प्रोटोकॉल को यह फॉलो नहीं करती..
आगरा के एक कार मालिक ने हुंडई कम्पनी (Hyundai Company) पर 1 हजार करोड़ रुपये का केस उपभोक्ता न्यायलय (Consumer Court) में दर्ज किया है. याचिकाकर्ता के एडवोकेट डॉ. एपी सिंह ने कोर्ट में बताया है कि उन्हें कार में जो सेफ्टी फीचर्स बताए गए थे, वह गाड़ी में असल में हैं ही नहीं. इसके साथ ही शिकायत में यह भी कहा गया है कि सरकार द्वारा जारी की गई सेफ्टी और क्रैश टेस्ट स्पीड की गाइडलाइंस को यह कार बिल्कुल पूरा नहीं कर पा रही है. ऐसे में इसे एक्सप्रेसवे और हाईवे पर चलाने लायक भी नहीं समझा जाना चाहिए.
कंज्यूमर के वकील ने अपनी याचिका दायर कर यह आरोप भी लगाया है कि कार से ट्रेवल (Travel) करने के दौरान अगर उनको या उनके परिवार वालों को कोई चोट लग जाती है या कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी भी केवल हुंडई कम्पनी की होगी. जानकारी के लिए आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने कंज्यूमर फोरम में जो केस फाइल किया है, उसमें हुंडई कम्पनी के कार्यकारी अधिकारी यूइसुंग, अध्यक्ष और सीईओ (CEO) जे हूं चांग समेत अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है.
आपको बता दें, एडवोकेट एपी सिंह फेमस कंज्यूमर राइट्स लॉयर हैं. उन्होंने कहा है कि ट्रांस यमुना कॉलोनी फेज़-1, रामबाग के रहने वाले राजेंद्र कुमार ने कंज्यूमर फोरम में केस फाइल किया है, जिसकी वह पैरवी भी कर रहे हैं. राजेंद्र कुमार ने उन्हें बताया था कि 13 नवंबर साल 2020 को उन्होंने अपनी पहली ड्रीम कार ली थी. उन्होंने इसके लिए अपनी सालों तक की मेहनत की कमाई लगाई. साथ ही बैंक से 5 लाख रुपये तक का कार लोन भी लिया, जिसकी किस्त वे अभी तक भर रहे हैं. इतना सब करने के बाद जाकर वह अपने सपनों की गाड़ी खरीद सके. उनकी इस नई कार से उनकी पत्नी और दोनों बेटियां बहुत खुश थीं.
याचिकाकर्ता ने बतलाया था कि उन्होंने कमलानगर के एनआरएल से सैंट्रो स्पोर्ट्ज (सीएनजी / पेट्राल) खरीदी थी. उनकी सैंट्रो स्पोर्ट्ज का नंबर प्लेट UP80FQ7866 है और चेसिस नंबर ये है MALAF51CLLM123662. गाड़ी आई तो पूरे परिवार ने मिलकर खुशियां मनाईं और कार का स्वागत भी किया गया. सभी रिश्तेदारों को मिठाइयां भी बांटी गई. इसके बाद कई पवित्र स्थानों पर भी गाड़ी लेकर जाई गई.
याचिकाकर्ता राजेंद्र कुमार का आरोप है कि उन्हें जो सेंट्रो स्पोर्ट्स कार दी गई है, वो असल में स्पोर्ट्स मॉडल है ही नहीं. केवल दस्तावेजों में ऐसा लिखा गया है. जबकि यह कार साधारण और पुराने मॉडल की है. राजेंद्र कुमार का कहना है कि उनसे ऑल न्यू सेंट्रो स्पोर्ट्स कार के दाम लिए गए और उन्हें साधारण कार पकड़ा दी गई. उन्होंने बताया कि कार खरीदते समय कम्पनी ने उन्हें गाइड और ब्रॉशर दिए थे, जिसमें कार के सभी स्पेसिफिकेशन्स लिखे हुए थे.
इसकी विशेषताओं में डुअल एयर बैग, रियर पार्किंग कैमरा, रियरकार वॉशर, रियर डीफॉगर, माइक्रो एंटीना, वाइपर और वीडियो स्क्रीन का जिक्र दिया गया था. मगर, कार में कुछ है ही नहीं. उन्होंने जब इसको लेकर कम्पनी से सवाल किए तो उनकी किसी ने भी नहीं सुनी. उनका कहना है कि बुकलेट के अनुसार, उनकी कार पुरानी है. जबकि, कार की कीमत ब्रैंड न्यू मॉडल की ली गई है.
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सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि सेफ्टी के लिहाज़ से ये गाड़ी बिल्कुल भी ठीक नहीं है. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि इस गाड़ी की मेंटेनेंस 30-40 पैसे प्रति किलोमीटर ही बताई गई थी, मगर इससे काफी अधिक चार्ज उनसे लिया गया. आरोप है कि कम्पनी ने अपने फायदे के लिए स्पेयर पार्ट लगाए, लेकिन हर बार उनसे असली स्पेयर पार्टस की कीमत ली गई. वहीं, यह भी बताया गया है कि कम्पनी के पास केवल 2 सेक्योरिटी रेटिंग है.
Updated: Jul 23, 2022, 21:49 IST