आपने कई बार खजानो के बारे में पढ़ा व सुना तो होगा ही। ये खजाने कई बार धरती के गर्भ में होते हैं। तो वहीं पर कई हजारों का खजानो का ठिकाना समंदर की गहराइयों में भी होता है। ऐसी कई जगहें हैं दुनिया भर में। जहां पर अरबों खरबों का खजाना छुपा हुआ है। कई खजाने उनमें से तो ऐसे भी हैं। के बारे में हमें पता तक नहीं है। वहीं पर कुछ खजाने ऐसे हैं जिनके बारे में हमें पता तो है। लेकिन हम उन खजानो को चाह कर भी नहीं निकाल सकते। वैसे तो दुनिया भर के लोग हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों को देखने के लिए यहां आते हैं। ऐसे कई सारे खूबसूरत नजारे मौजूद है। जिन्हें देखने के बाद कोई भी इसका दीवाना हो जाता है। शायद यही कारण है कि यह कहा जाता है, हिमाचल की वादियों में पहुंचकर आपको एक अलग ही दुनिया में होने का एहसास होता है।
भारत का पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश अपने पौराणिक महत्व के साथ-साथ रहस्यों का गढ़ भी माना जाता हैं। यहां कई ऐसी जगह बर्फ की चादर ओढ़े मौजूद है। जिनका प्राचीन इतिहास अपने अंदर ही कई गहरे राज समेटे हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं यहां के कुछ स्थलों की पहचान तो महाभारत काल से ही की गई है। वहीं पर कुछ स्थल अब भी रहस्यमई बने हुए हैं। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा। इस खूबसूरत प्रदेश में एक ऐसी झील है जिसमें अरबों खरबों का खजाना छिपा हुआ है। चूंकि किसी ने आज तक झील से खजाना निकालने का प्रयास किया ही नहीं।
इस पोस्ट में
कहा जाता है कि कमरूनाग झील मंडी से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर रोहंडा के घने जंगलों में अपने अंदर अरबों का खजाना छुपाए हुए हैं। चूंकि झील के अंदर से आज तक किसी ने इसके खजाने को निकालने की हिम्मत नहीं की। इसकी वजह भी चौका देने वाली है। हालांकि यहां पर एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। तथा इसी मंदिर के पास कमरूनाग झील है।
सुनने में आता है कि जो भी भक्त मंदिर के दर्शन करने आते हैं। वह भक्त इस झील में सोने चांदी के गहने व रुपए पैसे डालते हैं। ये परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं। इन परंपराओं की वजह से ही यह माना जाता है कि इस झील में अरबों का खजाना है। यहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक बाबा कमरूनाग यहां के लोगों को साल भर में एक बार दर्शन जरूर देते हैं। बाबा प्रत्येक वर्ष जून महीने में प्रकट होते हैं। तथा अपने भक्तों के कष्टों का निवारण भी करते हैं। जून महीने में यहां पर भव्य मेलों का आयोजन किया जाता है। इस विशेष मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। तथा मनचाहा वर प्राप्ति के लिए झील में सोने व चांदी के गहने दान स्वरूप इसमें डाल देते हैं।