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hair sale price: क्या आप जानते हैं कि आपके कंघी करते वक्त जो बाल झड़ते हैं और उन्हें आप कचरा समझ कर डस्टबिन में डाल देते हैं, उन बालों से कोई लाखों रुपए कमाता है। देखा जाता है कि गांव में अक्सर महिलाएं अपनी कंघी करने के बाद बालों को इकट्ठा करके उस की गुत्थी बनाकर रख लेती हैं। और फिर बाल खरीदने वाला व्यक्ति आता है तो वह महिलाएं अपने बाल देकर उससे कुछ जरूरत का सामान ले लेती हैं। लेकिन सोचा है कभी कि इन बालों का क्या होता होगा। बाल खरीदने वाले लोग डोर टू डोर बाल इकट्ठे कर कर कहां ले जाते हैं ? बाल खरीदने वाले लोग गांव देहातों से किसानों की लड़कियों के झड़े लंबे बालों को इकट्ठा करके ऐसे व्यक्ति के पास ले जाते हैं जो बालों को और अधिक मात्रा में इकट्ठा करता है। मतलब एक डोर टू डोर बाल इकट्ठे करने वाले व्यक्ति बड़े बाल कलेक्टर के अंडर में काम करते हैं और बाल कलेक्टर इन लोगों को पैसे देकर बाल खरीद लेता है। इस प्रकार बड़ा बाल कलेक्टर कंपनी को यह बाल सप्लाई कर देता है।
सामान्यतया बालों को तीन प्रकार से इकट्ठा किया जाता है-
(1) गांव मोहल्लों में डोर टू डोर जाकर वालों को इकट्ठा किया जाता है ।
(2) सैलून से बालों को इकट्ठा किया जाता है।
(3) भारत में अंधविश्वास बहुत है । लोगों को लगता है कि मंदिरों में बालों का दान करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं लेकिन बालों को दान करने वालों को नहीं पता होता कि उनके बालों से लाखों करोड़ों का बिजनेस चल रहा है।
मंदिरों में जो मुंडन वाले बाल होते हैं उनकी कीमत करोड़ों में होती है यह प्रचलन मंदिरों में है जो महिला मुंडन करा दी है उनका कहना होता है कि मुंडन कराने से मनोकामना पूरी होती है । यह प्रचलन सबसे ज्यादा तिरुपति मंदिर में है और दक्षिण भारत के मंदिरों में भी मुंडन का प्रचलन है। इस अंधविश्वास में महिलाएं मुंडन करवाती हैं और लोगों को इन बालों से बहुत फायदा होता है। उन वालों को कंपनी में ले जाकर उन बालों को साफ करते हैं। फिर उन वालों को सुलझाते हैं फिर बांधते हैं । उन बालों में रंग कर के लगभग 55 से ज्यादा देशो में निर्यात करते हैं । लेकिन यह अच्छा है कि कचरे को डॉलर में तब्दील कर रहे हैं। अगर इनका कोई ऐसा कारोबार ना होता तो उन बालों को कचरे में फेंका जाएगा। इससे अच्छा तो यह कारोबार अच्छा है और भारत से यह बाल अच्छे से पैक होकर फ्रांस जैसे देशों में पहुंच रहे हैं । इन बालों को पेरिस में विग बनाने में इनका इस्तेमाल किया जाता है ।
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hair sale price आपने नोरा फतेही का ‘डांस मेरी रानी ‘ सॉन्ग तो देखा ही होगा । जिसमें नोरा फतेही सफेद काले कर्ली बाल लगाए हुए हैं। उनके खुद के असली बाल नहीं होते हैं वह अपने बालों पर विग लगाए हुए रहती हैं। एक नकली बालों की टोपी को विग कहा जाता है। सर में बाल नहीं होते या फिर कम घने होते हैं उन्हें विग की आवश्यकता होती है।
hair sale price भारत महिलाओं के बाल निर्यात का प्रमुख देश है। यूरोप अमेरिका और दुनिया के कई देशों में भारत के लंबे बाल पसंद किए जाते हैं और यह कारोबार भारत में 30- 35 फ़ीसदी सालाना से बढ़ रहा है और महिलाओं के मुंडन का प्रचलन है। दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा बालों का कच्चा माल मिल जाता है। बालों का यह कारोबार 2.5 हजार करोड़ से ज्यादा बताया जा रहा है । पिछले साल जनवरी में नीलामी के लिए लगी 5.6 करोड़ की बोली लगी थी और हर साल यहां से लगभग करीब 3 टन बार निकलता है।