Gorakhpur HURL: पूरी क्षमता से उत्पादन करने के बेहद करीब (94 फीसदी) पहुंच चुके गोरखपुर Fertilizer कारखाने की मशीनें फिलहाल बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। तीन दिन हो गया है कारखाने में उत्पादन होना ठप हो गया है। कारखाने में मशीनें लगाने वाली जो जापानी कंपनी टोयो थी वो engineering खराबी की तलाशी कर रहे हैं। जल्द ही उत्पादन शुरू होने का दावा किया जा रहा है। कारखाने की स्थापना करने वाली हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की तैयारी 22 जुलाई तक 100 फीसदी उत्पादन शुरू करने की थी।
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Gorakhpur HURL के अधिकारियों के मुताबिक अगर प्रोडक्शन की बात करें तो रोजाना 94 प्रतिशत यानी लगभग तीन हजार चार सौ मीट्रिक टन तक का उत्पादन शुरू भी हो गया था लेकिन technical problem के चलते मशीनें बंद होने की कगार पर पहुंच गईं है
इन्हें दुरुस्त करने के लिए दिल्ली से टोयो Company के इंजीनियरो को बुलाया गया हैं। अब Independence Day यानि 15 अगस्त के पहले तक पूरी क्षमता यानी रोजाना 3850 मैट्रिक टन खाद का उत्पादन शुरू कर देने के लक्ष्य को रखा गया है।
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July के पहले ही Week में भी खाद कारखाने की मशीनों में कुछ तकनीकी प्रॉब्लम आ गई थी, जिससे फैक्ट्री में उत्पादन बंद हो गया था। Gorakhpur HURL के अधिकारियों ने जुलाई के आखिरी सप्ताह तक पूरी क्षमता से उत्पादन शुरू करने का दावा भी किया था 100 फीसदी क्षमता के साथ उत्पादन शुरू होते ही कारखाने में मशीनें लगाने वाली कंपनी टोयो, एचयूआरएल को इसे हैंडओवर कर देगी। इसके बाद एचयूआरएल ही इसका संचालन करेगी।
एचयूआरएल के वरिष्ठ महाप्रबंधक सुबोध दीक्षित ने एक जानकारी मेंबताया कि फैक्ट्री में काम करने वाले इंजीनियर तकनीकी दिक्कतों को दुरुस्त करने के कोशिश में जुटे हुए हैं।
इंजीनयरों का कहना है कि एक से दो दिन में कारखाने से फिर उत्पादन शुरू हो जाएगा और जल्द ही कारखाना पूरी क्षमता से उत्पादन भी करने लगेगा।