Gorakhpur: इन दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं हो रही है ऐसे में खेत सूखे पड़े हैं और किसान फसलें नहीं बो पा रहे हैं । बारिश न होने से सूखे जैसी स्थिति हो गयी है ऐसे में गोरखपुर में मंगलवार को मेंढक और मेंढकी की शादी बड़े ही धूमधाम से करवाई गई है । विश्व हिंदू महासभा के लोगों ने क्षेत्र के एक मंदिर में इस टोटके को आजमाते हुए मेंढक और मेंढकी की शादी करवाई। मान्यता है कि बारिश न होने पर मेंढक और मेंढकी की शादी करवाने से अच्छी बारिश होती है ।
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Gorakhpur के रेती स्थित कालीबाड़ी मन्दिर में मेंढक और मेंढकी की शादी पूरे रीति रिवाजों के साथ की गई । जहां मेंढक और मेंढकी को दूल्हे और दुल्हन के रूप में सजाया गया वहीं दोनो को हल्दी-चंदन भी लगाया गया । मंत्रोच्चारण के साथ दूल्हे मेंढक और दुल्हन मेंढकी की शादी करवाई गई। विश्व हिंदू महासंघ की तरफ से करवाई गई इस शादी में मेहमान और बाराती भी शामिल हुए ।
विश्व हिंदू महासंघ के गोरखपुर जिला प्रभारी और इस शादी का आयोजन करने वाले राधाकांत वर्मा ने बताया कि आमतौर पर 15 जून से पूर्वी उत्तरप्रदेश में बारिश होने लगती है लेकिन इस बार सूखा पड़ा हुआ है और बारिश न होने के चलते फसलें नहीं बोई जा पा रही हैं । विश्व हिंदू महासभा के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा ने मेंढक और मेंढकी की शादी करवाने के बारे में बताया कि यह एक पुरानी एवं महत्वपूर्ण परम्परा है । ऐसा माना जाता है कि बारिश के न होने पर मेढ़क और मेंढकी की शादी करवा देने से क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है ।
उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए हमलोगों ने यहां पर मेंढक और मेंढकी की आपस मे शादी करवाई है ताकि इन्द्रदेवता और वरुण देवता प्रसन्न हों । उन्होंने कहा कि ये शादी करवाते हुए उन्होंने भगवान से प्रार्थना की है कि क्षेत्र में अच्छी बारिश हो और किसानों को लाभ मिले ।
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गोरखपुर के रेती स्थित कालीबाड़ी मन्दिर में मंगलवार को हुई मेंढक मेंढकी की शादी पहला मामला नहीं है इससे पहले भी अक्सर बारिश के मौसम में बारिश न होने और सूखे जैसी स्थिति होने पर लोग मेंढक और मेंढकी की शादी करवाते हैं । लोगों में मान्यता है कि बारिश न होने पर मेंढक मेंढकी की शादी करवा देने पर अच्छी बारिश होती है । लोग मानते हैं कि मेंढक और मेंढकी की शादी करवा देने पर बारिश के देवता अर्थात इन्द्रदेवता प्रसन्न होते हैं और मेंढक मेंढकी के मिलन होते ही बारिश भी शुरू हो जाती है । हालांकि ये मान्यता ही है जो भारत मे खासकर ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से चली आ रही हैं ।
बता दें कि जहां जुलाई के महीने में इन दिनों खूब बारिश हुआ करती थी वहीं इस वर्ष उत्तर भारत झमाझम बारिश की राह देख रहा है । पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश नहीं हो रही और किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं । जहां फसलें बोने के लिए तैयार बैठे किसान बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं वहीं मानसून रूठा हुआ है । ट्यूबवेलों से सिंचाई महंगी पड़ने से किसान बेबस आसमान की ओर ताक रहे हैं । देखना होगा कि मेंढक मेंढकी की शादी करवा देने के बाद बारिश होती है या नहीं ।