

Free Lounge Facility at Airport
Free Lounge Facility at Airport: भारत में हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसी के चलते अब एयरपोर्ट लाउंज की सुविधा भी आम हो गई है ।
कई यात्रियों को लगता है कि उन्हें क्रेडिट या डेबिट कार्ड स्वाइप करके सिर्फ़ दो रुपये में लाउंज में एंट्री मिल जाएंगी और यह सेवा ‘मुफ़्त’ है। लेकिन क्या सच में ऐसा है? यह जानना ज़रूरी है कि इस सुविधा का असली खर्च कौन उठाता है।
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किसी भी एयरपोर्ट के लाउंज (why do airport offer free lounge facility) यात्रियों को मुफ़्त खाना-पीना, आरामदायक कुर्सियाँ, मुफ़्त वाई-फ़ाई और पर्याप्त चार्जिंग पॉइंट जैसी सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कुछ लाउंज स्पा ट्रीटमेंट या स्लीपिंग पॉड्स जैसी सुविधाएँ भी प्रदान करते हैं।
फिर मन में सवाल उठता है कि ऐसी ‘मुफ़्त’ ( Free lounge facility at airport) आलीशान सुविधाओं का खर्च कौन उठाता है? डेटा विश्लेषक सूरज कुमार तलरेजा ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है।
सूरज कुमार तलरेजा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि यह एक बिज़नेस मॉडल (Free lounge facility ) है। जब भी आप एयरपोर्ट पर ट्रैवलिंग के दौरान अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से लाउंज में प्रवेश करते हैं, तो लाउंज ऑपरेटर को आपके बैंक द्वारा सीधे पेमेंट किया जाता है।
यह सुविधा आपके क्रेडिट कार्ड के लाभ पैकेज का हिस्सा है, जिसे बैंक ग्राहकों को आकर्षित करने और उनकी वफादारी बनाए रखने के लिए एक लागत के रूप में देखता है।
भारत में, डोमेस्टिक एयरपोर्ट के लाउंज में प्रति विज़िट की लागत आमतौर पर ₹600 से ₹1,200 होती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय लाउंज के लिए यह लागत लगभग $25 से $35 होती है। यानी, आप लाउंज में स्नैक्स और कॉफ़ी का आनंद लेते हैं, लेकिन वास्तविक लागत आपका बैंक चुकाता है।
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Free Lounge Facility at Airport: लाउंज संचालकों को बैंकों और कार्ड नेटवर्क से प्रति विज़िट एक निश्चित राशि प्राप्त होती है। लाउंज संचालक अक्सर कैटरर्स और हवाई अड्डों के साथ साझेदारी करके लागत कम करते हैं। कुछ संचालक सीधे यात्रियों को डे पास भी बेचते हैं, हालाँकि बिक्री कम होती है।
हालाँकि, लाउंज के लिए शुल्क लेना बैंक की उदारता नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली साधन है। यह सुविधा कार्डधारकों को एक विशेष अनुभव प्रदान करती है, जिससे वे अपने कार्ड का अधिक उपयोग करते हैं। जब कार्ड का अधिक उपयोग होता है, तो बैंक लेनदेन शुल्क के माध्यम से कमाई करते हैं।
गौरतलब है कि भारत में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख एयरपोर्ट पर लाउंज का उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। नतीजतन, बैंक भी अपने नियम सख्त कर रहे हैं। इन नियमों में प्रति तिमाही मुफ्त यात्राओं की संख्या सीमित करना, अतिरिक्त कार्डधारकों को शामिल न करना, न्यूनतम खर्च की शर्तें लागू करना आदि शामिल हैं।