Flipkart: बिन्नी बंसल और सचिन ने इस कंपनी का निर्माण किया लेकिन अब होगा इसमें दबदबा चीनी कंपनी का चीनी कंपनी ने अपना दबदबा बनाया फ्लिपकार्ड में
बिन्नी बंसल सचिन बंसल द्वारा की गई थी वैसे तो यह वेबसाइट पुस्तकों की खरीद के लिए बनाई गई थी फ्लिपकार्ड अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक सामान एवं अन्य वस्तुओं को भी खरीदने का विकल्प देता है फ्लिपकार्ट पर क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड नोट बैंकिंग अन्य भी कई तरीके हैं जो फ्लिपकार्ट अपने ग्राहकों को सामान खरीदने का विकल्प देता है
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वैसे तो फ्लिपकार्ट भारत में ही बस चलता था लेकिन अब चीन निर्विकार पर बनाया है अपना दबदबा इससे फ्लिपकार्ट और चीन को होंगे कुछ फायदे तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला फ्लिपकार्ट में चीन का अपना दबदबा बनाना
अगर बात की जाए फिलिपकार्ड के मुख्यालय की तो क्या आपको पता है कि फ्लिपकार्ट की मुख्यालय सिंगापुर में है और इसका परिचालन सिर्फ और सिर्फ भारत में ही सीमित है टेनेसट क्लाउड बी वी के साथ सौदे के बाद फ्लिपकार्ड में बंसल की हिस्सेदारी करीबी 1.84 प्रतिशत रह गई
Flipkart में अब होगा चीन का भी हिस्सेदारी ऐसे तो बस सिंगापुर में ही था और फ्लिपकार्ट भारत तक ही सीमित था लेकिन अब फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी होगी चीन की चीन की टेक कंपनी टेनसेंट ने फ्लिप कार्ड से सह संस्थापक बिन्नी बसल से ई-कॉमर्स मंच पर हिस्सेदारी खरीदी टेनसेंट की यूरोपीय सब्सिडियरी के साथ यह समझौता 26.4 करोड़ डालर लगभग 2.060 करोड़ रुपये में हुआ
अधिकारी दस्तावेज में यह जानकारी दी गई कि फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर में है जो कि आज के समय में फ्लिपकार्ट की प्रचलन केवल भारत तक में ही सीमित है टेनसेंट क्लाउड बी वी के साथ सौदे के बाद बंसल हिस्सेदारी करीब 1.84 प्रतिशत रह गई
यह सौदा 26 अक्टूबर 2021 को पूरा हुआ था और इसकी जानकारी सरकारी अधिकारियों को चालू वित्त वर्ष शुरुआत में दी गई अब फ्लिपकार्ड में दी गई टेनसेंट की अनुषंगी की जिम्मेदारी 0.72 फीसदी हो गई जो 26.4 करोड़ डॉलर है जुलाई 2021 तक ई-कॉमर्स कंपनी का मूल्यांकन 37.6 अरब डॉलर था बंसल और टेनसेंट के बीच सौदा जुलाई में हुई वित्तपोषित कवायद के बाद हुआ था उन वित्तपोषित दौड़ में 3.6 अरब डालर जुटाने के बाद फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन बढ़कर 37.6 अरब डॉलर हो गया था
सूत्रों की माने तो यह सौदा सिंगापुर में हुआ है हालांकि फ्लिपकार्ड ने भारतीय अधिकारियों को कहा कि वह एक जिम्मेदार कंपनी है और तथा सौदा प्रेस नोट 3 के दायरे में नहीं आता
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बिन्नी बंसल ने हिस्सेदारी खरीदने के बाद फ्लिपकार्ड में टेनसेंट सब्सिडियरी की हिस्सेदारी 0.72 फ़ीसदी हो गई जो करीब 26.4 करोड़ डालर है जो करीब जुलाई 2021 तक ई-कॉमर्स कंपनी वैल्यूज 37.6 अरब डॉलर था
2017 में बिन्नी ने अपने सहयोगी सचिन बंसल के साथ मिलकर के एक बहुत ही अच्छा और लोगों तक घर बैठे ही सामान पहुंचाने वाली कंपनी का निर्माण किया था जो आज फ्लिपकार्ट के नाम से जाना जाता है जो की बात की जाए अगर सचिन की तो सचिन पहले ही अपनी हिस्सेदारी बेच करके इस कंपनी से बाहर जा चुके हैं लेकिन बिन्नी अभी भी इस कंपनी के साथ वैसे ही खड़ी है जैसे कि पहले इस कहानी को सचिन और बिन्नी ने मिलकर के रिकार्ड की अपनी पूरी कहानी लिखी थी
अब यह सवाल खड़ा होना लाजमी है कि फ्लिप कार्ड में कुछ बदलेगा कि नहीं तो हम आपको यहां पर बता दे कि चीनी कंपनी के आने से भी फ्लिपकार्ट में कोई बदलाव नहीं आएगा और जैसे पहले था फ्लिपकार्ट और जैसी सुविधाएं थी फ्लिपकार्ट में आज भी उसी तरीके की सुविधाएं रहेंगी असली कार्ड में फ्लिपकार्ट में नहीं होगा कोई बदलाव