FASTag Scam video: कार की सफाई के बहाने फास्टैग से पैसों की सफाई करने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। किंतु आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बता रहे हैं कि दरअसल वायरल हो रहे इस वीडियो की सच्चाई क्या है।
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वायरल हो रहे इस वीडियो में हम देख सकते हैं कि एक दो युवक कार में बैठे हैं। तभी एक छोटा सा लड़का आकर उनकी कार का शीशा साफ करने लगता है। वह बच्चा आधा शीशा तो साफ कर लेता है लेकिन उस बाद बिना पैसे मांगे मांगे ही वहां से जाने लगता है। बच्चा अचानक ही भागने लगता है। वीडियो में हम देख सकते हैं कि कार सवार दो युवकों में से एक युवक उस बच्चे का पीछा भी करता है लेकिन बच्चा हाथ में नहीं आता है। वीडियो बनाने वाले शख्स ने दावा किया है कि इस प्रकार से फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चल रहा है।
अब बीते 24 घंटों में फास्टैग स्कैम (FASTag Scam) सोशल मीडिया पर ट्रेंड में बना हुआ है। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को शेयर करके लिख रहे हैं, ” गाड़ी के सफाई के बहाने बच्चे ने फास्टैग को स्कैन कर Paytm से पैसे साफ किए।
वहीं, फेसबुक पर तो यह वीडियो जंगल में लगी आग की तरह फैल चुका है। IAS ऑफिसर अवनीश शरण ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, क्या यह सही है?
पिछले 24 घंटों से सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर यह वीडियो वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं लोग इस बच्चे के बारे में भी तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। उस बाद हमने इस वीडियो का सच जानने के लिए इसकी पड़ताल की। हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सरासर गलत निकला है।
इस वीडियो की पड़ताल करने के पहले चरण में हमने असली वीडियो सर्च करने का प्रयास किया। इस वीडियो से जुड़े की-वर्ड FASTag की सहायता से हमने ओरिजिनल वीडियो को ढूंढ निकाला। इंटरनेट पर सर्च करने से हमें वायरल वीडियो का असली वर्जन फेसबुक पेज BakLol Video पर मिला। 24 जून को पोस्ट किए गए इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है,
यहां पर नोट करने वाली बात यह है कि करीब 3 मिनट और 45 सेकेंड के इस वीडियो में कहीं पर भी हमें डिस्क्लेमर नजर नहीं आया। वही लोग भी वायरल वीडियो की घटना को सच मानकर आनन-फानन शेयर करने लगे हैं। करीब एक ही दिन में इस वीडियो पर 21 मिलियन यानी दो करोड़ से ऊपर व्यूज भी आ चुके हैं।
पड़ताल करने समय फेसबुक पेज BakLol Video के बारे में भी हमने सर्च किया। पड़ताल में पता चला कि इस पेज के कर्ताधर्ता पंकज शर्मा है। हमने इस मामले की सच्चाई को जनता के सामने रखने के लिए फेसबुक मैसेंजर की सहायता ली और पंकज शर्मा से संपर्क किया। पंकज शर्मा बताया,
‘FASTag वाला वीडियो टोटली स्क्रिप्टेड है। दरअसल इस वीडियो को बनाने का मकसद लोगों में सिर्फ जागरूकता फैलाना ही है। पंकज शर्मा ने आगे कहा कि कई जगह ऐसा सुनने में आया था कि इस प्रकार के स्कैम बढ रहे हैं। इसलिए ही हमने फास्टैग स्कैम संबंधित वीडियो बनाया है। यहां हम वीडियो में जिस दाढ़ी वाले शख्स को ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए देख रहे हैं उसका नाम अनुभव गोलियां है। वही अनुभव गोलिया के पास में ऋतिक बैठे हैं। वही बच्चे के बारे में सवाल पूछने पर पंकज ने बताया कि बच्चे के बारे में वह ज्यादा नहीं जानते हैं। क्योंकि बच्चे को अनुभव ने ही कास्ट किया था।
वही जब आगे पंकज शर्मा से बच्चे के हाथ में नजर आ रहे डिवाइस और डिस्क्लेमर के बारे में सवाल किया गया तो पंकज शर्मा ने इस भ्रम से भी पर्दा उठाते हुए सच्चाई बताई,
‘बच्चों के हाथ में नजर आ रहा डिवाइस एक नॉर्मल स्मार्टवॉच है। स्मार्ट वॉच को हमने ही ऑनलाइन खरीदा था। और बात है डिस्क्लेमर की तो अब हम जल्द ही इसका टाइटल भी बदल देंगे। इस टाइटल को हमEntertainment Purpose जोड़ देगें।’
आगे इस वीडियो की गुत्थी को सुलझा ने के लिए पंकज शर्मा से अनुभव गोलिया के बारे में सवाल पूछा गया। पंकज अनुभव के बारे में जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल अनुभव का मोबाइल बंद है। जैसे ही अनुभव से कोई संपर्क होगा तो वह जरूर इन्फॉर्म कर देंगे।
यह तो बात हुई इस वीडियो के मेकर्स की। किंतु इस वीडियो की वायरल होने के बाद लोगों के दिमाग में एक तरह का डर बैठ गया है। वहीं कुछ लोग रोड पर गाड़ी साफ कर रहे इन बेचारे इन मासूमों के बारे में भी गलत ख्यालात और रवैया इख्तियार करने लगे हैं। अब FASTag की ओर से भी इस वीडियो को लेकर जवाब सामने आया है। FASTag ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस वायरल हो रहे वीडियो पर एक ट्विटर यूज़र को रिप्लाई दिया है,
‘NETC FASTag लेनदेन केवल रजिस्ट्रेड मर्चेंट्स (टोल और पार्किंग प्लाजा ऑपरेटरों) द्वारा ही ऑपरेटर हो सकता है.। जो सिर्फ संबंधित जगहों से NPCI द्वारा ऑनबोर्ड हैं। कोई भी unauthorized उपकरण NETC FASTag पर कोई वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकता है। यह बिल्कुल Safe है।’
इस मामले में Paytm का भी नाम लिया जा रहा था। Paytm ने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया,
‘एक वीडियो Paytm FASTag के बारे में गलत इनफॉरमेशन फैला रहा है, जो बिल्कुल ही गलत तरीके से स्मार्टवॉच स्कैनिंग FASTag दिखाता है। NETC दिशानिर्देशों के मुताबिक, FASTag भुगतान केवल authorized dealers द्वारा ही ऑपरेट किया जा सकता है, testing के कई दौर के बाद यह ऑनबोर्ड किया गया था। Paytm FASTag टोटली सिक्योर है और कोई स्कैम नहीं हो सकता है।’
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सरकारी संस्था PIB Fact Check ने भी इस विषय पर ट्वीट कर इस वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावों को फेक बताया है। जैसे ही कल से यह वीडियो वायरल हुआ तो लोग मासूम से बच्चों के बारे में भी गलत रवैया इख्तियार करने लगे। सड़कों पर कई लोग ऐसे नजर आए जो बच्चों को अपनी गाड़ी के पास आने से ही दुत्कार रहे थे। जिसे देख कर बड़ा ही दुख और अफसोस होने लगा था। इन सभी दृश्यों को देखकर बड़ा ही अफसोस हो रहा था कि क्या यही हमारा एजुकेशन ही क्या हम लोग वाकई शिक्षित की कैटेगरी में खड़े रखने के लायक हैं।
यहां पर सोचने वाली बात ये भी है कि अगर इस प्रकार ही FASTag को स्कैन कर Paytm से पैसे उड़ाए जा सकते हैं तो सभी गाड़ियां पार्किंग में ही खड़ी रहती हैं। अगर हाथ में स्मार्टवॉच पहनकर FASTag से चोरी करनी होती तो कोई भी जब चाहे तब किसी की भी गाड़ी का FASTag स्कैन कर पैसे उड़ा सकता है।
इस वीडियो के बारे में की गई पड़ताल में फास्टैग स्कैम वाले दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो स्क्रिप्टेड है यह बात सामने आ चुकी है। इस वीडियो को बनाने वाले फेसबुक पेज BakLol Video के एडमिन पंकज शर्मा ने खुद इस वीडियो के स्क्रिप्टेड होने का सच बताया है। वहीं FASTag, Paytm और PIB फैक्ट चेक ने भी वायरल हो रहे इस वीडियो को फर्जी करार दिया है। तू यह थी इस वायरल वीडियो की पड़ताल इसका दावा और इसके पीछे का 100% सच अब यह हम पर डिपेंड होता है कि हम इस वीडियो को सच या झूठ समझ कर क्या सोच रहे हैं।