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जानिए क्यों महंगी होती हैं Electric Car, ये है वजह..

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Electric Car: भारत ही नहीं दुनियाभर में अब डीजल, पेट्रोल और सीएनजी के आसमान छूते दामों ने जहाँ हम सबको नये विकल्पों की ओर सोचने को मजबूर कर दिया है वहीं अब दुनियाभर में इसका विकल्प आजमाया भी जाने लगा है । डीजल पेट्रोल के बढ़ते दामों ने दुनिया को ई-ईंधन (E-Fuel) की तरफ देखने को मजबूर कर दिया है ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री में अब तेजी आने लगी है ।

जैसा कि आप जानते ही हैं इलेक्ट्रिक कार, बाइक हो या फिर स्कूटर इनमें ईंधन के रूप में डीजल, पेट्रोल या सीएनजी का उपयोग नहीं किया जाता बल्कि ये वाहन रिचार्जेबल बैट्रियों के माध्यम से सड़को पर दौड़ते हैं । ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है तो चलिए हम आपको बताते हैं कि Electric Car या बाइक आदि की कीमतें इतनी ज्यादा क्यों होती हैं ।

लिथियम आयन बैट्रियों की वजह से महंगी होती हैं Electric Car

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जैसा कि हम जानते ही हैं कि Electric Car डीजल पेट्रोल से नहीं बल्कि रिचार्जेबल बैट्रियों की सहायता से चलती हैं । इलेक्ट्रिक कारों में बैट्रियों के रूप में हाई पॉवरफुल लिथियम आयन बैट्रियों का प्रयोग किया जाता है । बैटरी जितनी पॉवरफुल होगी उतनी ही ज्यादा कार की रेलायबिलिटी होगी । आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक कारों के आम डीजल -पेट्रोल वाहनों की तुलना में महंगी होने का कारण उसमें पड़ी लिथियम आयन बैटरियां होती हैं ।

ये रिचार्जेबल बैटरियां महंगी जरूर होती हैं लेकिन आपको डीजल और पेट्रोल पर एक भी रूपया खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती । एक अनुमान के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन के महंगे होने में 30- 40 % जिम्मेदार उनमे इस्तेमाल होने वाली हाई पॉवरफुल बैटरियां होती हैं । किसी इलेक्ट्रिक कार में जितनी पॉवरफुल बैटरी लगी होती है उतनी ही उसकी कीमत बढ़ जाती है ।

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वाहन कम्पनियां अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों का कर रहीं निर्माण

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भारत जैसे बड़े देश मे जहां वाहनों की बिक्री रिकार्ड तोड़ होती है वहां इस पर डीजल और पेट्रोल ब्रेक लगा रहे हैं । ऐसे में भविष्य की तरफ देखते हुए भारत मे मौजूद वाहन कम्पनियां अब इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में जुट गईं हैं । आज भारत की हर बड़ी वाहन निर्माता कम्पनी अपनी कारों के इलेक्ट्रिक वर्जन तैयार करने में जुटी हुई है ।

यही नहीं भारत सरकार भी पेट्रोल और डीजल के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है । ऐसे में e- वाहनों को भविष्य के रूप में देखते हुए हर वाहन निर्माता कम्पनी इसी सेगमेंट में खुद को ढालने की कोशिश कर रही हैं ।

सड़क परिवहन मंत्री भी दे रहे हैं प्रोत्साहन

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भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ समय पहले इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कम्पनियों से आह्वान किया था कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी लाएं । यही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों में कई तरह की छूट देने का भी वादा किया था । बता दें कि हाल ही में केंद्रीय सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार फसलों के अवशेषों से इथेनॉल का निर्माण करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल पर देश की निर्भरता कम करना चाहती है ऐसे में सरकार ग्रीन फ्यूल को एक विकल्प के रूप में देख रही है । बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने e वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरह की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम मंत्रालय की तरफ से शुरू करवाने का वादा किया है । ऐसे में जितना अधिक इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन बढ़ेगा उतनी ही इनकी कीमतों में गिरावट आएगी ।

ग्रीन फ्यूल और लिथियम आयन बैटरी के फार्मूले पर काम कर रही सरकार

बता दें कि सरकार डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर परेशान हैं । जहां सरकार आयातित पेट्रोल डीजल पर निर्भरता कम करना चाहती है वहीं इसके माध्यम से विदेशी मुद्रा कोष को खाली होने से भी बचाना चाहती है । यही वजह है कि सरकार इलेक्ट्रिक कारों आदि के निर्माण पर जोर दे रही है । बता दें कि केंद्रीय मंत्री के अनुसार सरकार लिथियम आयन बैटरी और ग्रीन फ्यूल के फार्मूले पर काम कर रही है । यदि यह फार्मूला क्लिक कर जाता है तो डीजल और पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी साथ मे देशवासियों को एक सस्ता, प्रदूषण मुक्त और बेहतर विकल्प भी दिया जा सकेगा ।

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