एक बार फिर से पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। लेकिन इस बार तो मामला ही कुछ और है। फिलहाल पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के एक आयोजक द्वारा अपने पंडाल में मां दुर्गा के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी प्रतिमा लगाने का फैसला किया गया है। जिसके बाद से यह विवाद अब बढ़ता ही जा रहा है। लगातार भाजपा ममता बनर्जी पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा रही है। विख्यात मूर्तिकार मिंटू पाल ने कुमारटूली स्थित अपने स्टूडियो में फाइबर ग्लास की प्रतिमा बनाई है। इसमें टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की पसंदीदा सफेद रंग की साड़ी व उनके ट्रेडमार्क स्लीपर सैंपल में उनकी देवी की प्रतिमा बनाई गई है। कुम्हार टोली में बन रही फाइबरग्लास की यह प्रतिमा कोलकाता की नजरुल पूर्ण समिति के पूजा पंडाल में दिखेगी।
देखा जाए तो 54 साल के मिंटू पाल ने सन् 2015 में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा (88 फुट) का निर्माण करके सबको दांतों तले उंगली दबा करने पर मजबूर कर दिया था। कोलकाता के देशप्रिया पार्क सार्वजनिक पूजा कमेटी के लिए तैयार की गई। उस दुर्गा प्रतिमा को देखने के लिए इस कदर भीड़ उमड़ पड़ी थी कि प्रशासन को बाध्य होकर दर्शन ही बंद कर देने पड़े थे।
दरअसल पिछले साल कोलकाता के एक पंडाल में देवी दुर्गा की एक अपरंपरागत व्याख्या थी। जिसमें उन श्रमिकों के संघर्ष को उजागर करना इसका एकमात्र उद्देश्य था। जिन्हें लॉकडाउन के दौरान अपनी गृह राज्यों में वापस जाना पड़ा था। कोलकाता के बेहाल में बरिशा क्लब दुर्गा पूजा समिति द्वारा स्थापित पंडाल में देवी को एक कार्यकर्ता के रूप में भी दर्शाया गया है। जो अपने बच्चों के साथ साथ अपने गृह राज्य वापस जा रही हैं। कोलकाता की बरहामपुर में एक पंडाल में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को देवी द्वारा मारे गए, राक्षस महिषासुर के रूप में भी प्रदर्शित किया गया था। ऐसी विचित्र मूर्ति की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई थी। वहीं पर मोहम्मद अली पार्क की यूथ एसोसिएशन में कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मास्क में पुलिस व डॉक्टरों की मूर्तियों की विशेषता वाला भी एक पंडाल बनाया गया था। इसके अलावा भी कोलकाता में एक पंडाल में महिषासुर की पारंपरिक मूर्ति को “कोरोनासुर”से बदल दिया था। जिसमें दानव में वायरस के मुकुट जैसी आकृतियां बनी थी।
वैसे तो बंगाल का दुर्गा पूजा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। और पूजा की तैयारियां भी अभी से शुरु हो गई है। पूजा के दौरान थी पूजा के साथ साथ साज सज्जा भी की जाती है। मिंटू पाल ने बताया कि देवी दुर्गा की शक्ल और काया एकदम मुख्यमंत्री जैसी होगी। हालांकि ममता बनर्जी की लंबाई 5 फुट 4 इंच है। तथा इस प्रतिमा की ऊंचाई भी उतनी ही होगी। आपको बता देगी देवी को बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहनाई जाएगी। जैसा कि ममता बनर्जी पहनती हैं और उनके पैरों में ममता की ट्रेडमार्क हवाई चप्पल होगी। गौरतलब है कि दुर्गा के हाथों में अस्त्रों के बजाय ममता सरकार के दस प्रकल्पों के नाम लिखी तख्तियां होंगी। जिसमें कन्याश्री, रूपश्री, सबूज साथी इत्यादि शामिल हैं।
मिंटू पालने कहा कि मैंने 2 दिन पहले ही प्रतिमा का निर्माण शुरू किया है। अगले 15 दिनों में इसके पूरे हो जाने की उम्मीद है। पूजा कमेटी के अध्यक्ष इंद्रनाथ बागुई ने कहा, जिस तरह मां अपने बच्चों की भलाई के लिए कुछ भी करती हैं। उसी तरह से ही ममता बनर्जी ने राज्यों की भलाई के लिए विभिन्न प्रकल्प शुरू किया है। हालाकी हमारी योजना मुख्यमंत्री से ही पूजा का उद्घाटन कराने का है। इसके लिए जल्द ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कार्यालय को पत्र लिखा जाएगा। ममता बनर्जी दुर्गा पूजा के दौरान सैकड़ों पूजा पंडाल का उद्घाटन करते हैं। चूंकि इस बार कोविड-19 के दौरान संभव है कि आयोजन के लिए कुछ पाबंदियां भी लगाई जाए।