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Dollar के मुकाबले रूपया सर्वाधिक निचले स्तर पर, आम आदमी पर भी पड़ेगा इसका असर

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Dollar: अमेरिकी डॉलर ने रुपए की कमर तोड़ के रख दी है डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपए की जोरदार पिटाई हुई 1 डॉलर का भाव ₹77.45 हो गया। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 0.70 फीसदी टूटा है। पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में डॉलर के मुकाबले रूपया 2 फीसदी से ज्यादा गिरा है।रुपए के अंदर गिरावट देखने को मिली है। 

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क्या है रुपए के गिरने के कारण

अगर हम देखे तो यहां पर कुछ कारण रहे जैसे कि इक्विटी मार्केट में कुछ गिरावट देखने को मिली साथ में हमने देखा क्रूड के भावों में तेजी आने की वजह से इन्फ्लेशन(inflation) बढ़ता हुआ दिखाई दिया और हमने देखा फार्म ऑयल के इंपोर्ट को लेकर भी कई अटकलें देखने को मिली। जिसकी वजह से रुपए के अंदर गिरावट देखने को मिली है। हमें लगता है कि अभी आने वाले दिनों में रुपए के अंदर कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है। रुपए का भाव आने वाले समय में 78 से लेकर 79 तक के लेवल को छू सकता है।

अगर ऐसे ही इक्विटी मार्केट(Equity) में गिरावट देखने को मिली और क्रूड(Crude) के भाव ऊपर आते हुए रहे तो कहीं ना कहीं हम रुपए में और गिरावट आते हुए देखेंगे।

रूपय के गिरने से बढ़ेगी और महंगाई

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आप सभी जानते हैं कि पूरे देश का कारोबार इस रुपए पर टिका हुआ है। लिहाजा रुपए के गिरने का असर शेयर बाजार पर भी दिख रहा है। बाजार भी गिरते रुपए से डरा हुआ है। सोमवार को सेंसेक्स 335 अंक और निफ्टी 104 अंक गिरकर बंद हुआ। निफ़्टी आईटी को छोड़कर सभी इंडेक्स लाल निशान पर जाकर बंद हुए हैं। रुपए के कमजोर होने का मतलब है, महंगाई का और बढ़ना क्योंकि रुपय के महंगा होने से सभी तरह के इंपोर्ट(Import) महंगे हो जाएंगे। खासकर इसका सबसे ज्यादा असर पेट्रोल, डीजल, गैस और गोल्ड की कीमतों में देखने को मिलेगा।

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तो चलिए आपको बताते हैं कि Dollar के मुकाबले रुपए में तेज गिरावट की असल वजह क्या है।

निवेशक भारतीय रुपया बेचकर ग्लोबल बाजारों(Global market) में पैसा लगा रहे हैं। दुनियाभर के देश ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं। इसलिए लोगों में सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी है। रूस यूक्रेन युद्ध की आंच यूरोप तक पहुंच जाने की आशंका है। इन्ही सब की वजहों से रुपए में गिरावट देखने को मिली है। रुपए के गिरने से आम आदमी की मुसीबत और बढ़ने वाली हैं।

सबसे पहले तो पेट्रोल डीजल और गैस के दाम और बढ़ सकते हैं। पेट्रोल और डीजल और महंगा होगा तो माल और ढुलाई की कीमतें बढ़ेगी। जिसका असर रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले सभी तरह की चीजों पर पड़ेगा।

क्या क्या हो जाएगा और महंगा

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जो भी बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं, उनकी फीस बढ़ जाएगी। इससे विदेश में इलाज कराना भी महंगा हो जाएगा। जो लोग इस गर्मी की छुट्टियों में विदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं, उनके ट्रिप(Trip) का खर्चा भी बढ़ जाएगा।

आप अगर घर में इंपोर्टेड सामान यूज़ करते हैं, तो उनके दाम भी बढ़ जाएंगे। यानी कुल मिलाकर गिरता रुपया आम आदमी के लिए बड़ी आफत लेकर आ रहा है। 

गिरते रुपय से किसको होगा फायदा

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ऐसा नहीं है कि गिरते रुपए से सिर्फ नुकसान ही होगा इसके कुछ फायदे भी होते हैं। एक्सपोर्ट्स(Export) यानी निर्यातको की कमाई बढ़ जाएगी। इससे किसानों को फायदा होगा चावल गेहूं और इंपोर्ट होने वाले खाद्य पदार्थों कि पहले से ज्यादा कीमत मिलेगी।

आईटी कंपनियों(IT companies) को फायदा हो सकता है क्योंकि भारतीय आईटी कंपनियां विदेशों में ज्यादा काम करती हैं। विदेशों में नौकरियां करने वाले भारतीयों को फायदा होगा अब उनकी सैलरी भारतीय रुपए में बढ़ जाएगी।

फायदे कम और नुकसान ज्यादा होंगे

कुल मिलाकर भारतीय रुपए के गिरने के फायदे कम नुकसान ज्यादा है। क्योंकि इसका फायदा कम लोगों को होगा और नुकसान ज्यादा लोगों को होगा। इससे देश को भी नुकसान होगा। गिरते रुपए का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर भी पड़ेगा। गिरते रुपए की वजह से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घट गया है। इसका असर करंट अकाउंट डिफिसिट(current account deficit) पर पड़ेगा भारत का करंट अकाउंट डिफिसिट बढ़ जाएगा।

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अब आपको बताते हैं Dollar के मुकाबले गिरते रुपए को कैसे संभाला जा सकता है।

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क्या क्या कदम उठाए जा सकते है

आयात के मुकाबले निर्यात को बढ़ावा देना होगा। विदेशों में नॉन ट्रेड पेमेंट(non trade payment) पर अंकुश लगाना होगा। विदेश में रखा गया पैसा वापस मंगाने का आदेश भी कारगर साबित हो सकता है। कच्चे तेल की खरीदारी पर रिजर्व बैंक को डॉलर की डायरेक्ट फंडिंग(Direct funding) करनी होगी।

बढ़ सकती है मुसीबत

अभी गिरते रुपए को संभालना सरकार के लिए बहुत जरूरी है वरना पहले से ही महंगाई की मार से कराह रहे आम आदमी कि मुसीबत और बढ़ जाएगी। बाकी इकोनामी(economy) को जो नुकसान होगा सो अलग।

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

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