दिल्ली के अस्पतालों में अब से दिल्ली वालों का ही इलाज होगा.7 जून को एक वीडियो मैसेज के जरिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ये ऐलान किया.
दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि केजरीवाल ने पिछले हफ्ते कहा था कि सरकार इस तरह का कदम उठाने के बारे में सोच रही है अब इस पर मुहर लगा दी है.
_पिछले हफ्ते हमने इस बारे में दिल्ली के लोगों से सुझाव मांगे थे. करीब साढे सात लाख सुझाव आए हैं . जिसमें करीब 90% लोगों का यह कहना है कि जब तक कोरोना वायरस है . तब तक दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली वालों के लिए रिजर्व होने चाहिए. हमने 5 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई थी . इस समिति ने कहा कि दिल्ली ने अभी कोरोना वायरस के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं .जून के अंत तक दिल्ली को 15हजार कोरोना बेडस की जरूरत होगी. इसीलिए उनका सुझाव है कि दिल्ली के अस्पताल कुछ महीने के लिए दिल्ली वालों के लिए रिजर्व हो,
केजरीवाल ने क्या-क्या कहा,
#दिल्ली के बॉर्डर खोले जाएंगे .जब तक बॉर्डर सिल थे. दिल्ली- नोएडा दिल्ली- हरियाणा के बॉर्डर पर सख्ती थी. हालांकि कुछ दिन से सख्ती थोड़ी कम हुई है आप बॉर्डर खोल दे खोल दिए जाएंगे.
#8 जून को केंद्र के दिशानिर्देश अनुसार रेस्टोरेंट, मॉल और धार्मिक स्थान खोले जाएंगे,
#दिल्ली में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10 हजार बेड हैं . केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी 10 हजार बेड हैं.
#दिल्ली सरकार के अस्पताल अब दिल्ली वालों के लिए रिजर्व होंगे.सिर्फ केंद्र के अधीन आने वाले अस्पताल सभी के लिए खुले होंगे . दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल भी दिल्ली वालों के लिए ही होंगे.
#कुछ ऐसे अस्पताल हैं जो ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाएं देते हैं . ऐसे अस्पताल हर राज्य में नहीं है या मुश्किल से हैं ऐसे अस्पताल सिर्फ इस प्रकार की सुविधाओं के लिए सभी के लिए खुले होंगे.
#इसके अलावा दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए शराब पर 70 % स्पेशल कोरोना टैक्स को भी हटा लिया जाएगा. 10 मई से दिल्ली में स्पेशल कोरोना फिस हट जाएगी. लेकिन शराब पर वैट 20 से बढ़कर 25% हो जाएगी.