दो गज की दूरी मास्क है जरूरी और सेनीटाइजर इस्तेमाल करने की आदत भी बनाए रखने में भलाई है। वैक्सीनेशन हो गया है या फिर आप इंतजार कर रहे हैं। दोनों ही सूरत में यह जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (NIDM) की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति ने हाल ही में कहा था, कि सितंबर और अक्टूबर के बीच देश में कभी भी कोरोनावायरस की लहर आने की आशंका है। फिलहाल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( IIT) कानपुर के वैज्ञानिक नरेंद्र अग्रवाल ने भी कहा था कि अक्टूबर और नवंबर के बीच देश में कोरोना की लहर चरम सीमा पर हो सकती है। देश में कोरोना की लहर फिर से जिस तेजी से आनी शुरू हुई है। उसको देखते हुए लिस्ट नहीं लिया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ राज्यों में कोरोना के लहर के संकेत हैं। देश में तीसरी को लहर को लेकर चिंता और गहराने लगी है। इसे देखते हुए राज्यों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। खासकर महाराष्ट्र में बेड और ऑक्सीजन रिफिलिंग प्लांट की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। जिस हिसाब से केरल में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उसको देखते हुए एक स्वास्थ्य अधिकारी ने लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है।
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आईएएनएस समाचार एजेंसी ने इस मामले पर चिकित्सा विशेषज्ञों से बात की है। आइसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा का वक्तव्य है कि देश में तो तीसरी लहर के कोई सीधे संकेत नहीं मिल रहे हैं। लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामले कुछ राज्यों में इसकी आहट दे रहे हैं।
केंद्र सरकार के एक अधिकारी का वक्तव्य की है कि संक्रमण रोकने के लिए केरल में लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले केरल में टेस्ट पॉजिटिव रेट 15% था जो अब 19 प्रतिशत हो चुका है। उनका कहना है कि लॉकडाउन लगने से संक्रमण के फैमिली की चेन टूट जाएगी जैसे कि दिल्ली में हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन केरल में लगता है तो वहां एक पखवाड़े के अंदर हलात सुधर जाएंगे। हालांकि इससे फोर्टिस अस्पताल शालीमार बाग में पल्मोनोलॉजी विभाग की एचओडी व निर्देशक डॉ विकास मौर्य का वक्तव्य है कि कोविड महामारी की बहुप्रतीक्षित तीसरी लाहर को लेकर बात चल रही है। उनका कहना है कि मुझे लगता है देश में तो नहीं लेकिन हम कुछ राज्यों में विशिष्ट लहरों के बारे में बात कर सकते हैं। उन्होंने बताया अक्टूबर-नवंबर 2020 में जब देश में पहली लहर खत्म हो रही थी। तथा दूसरी लहर शुरू नहीं हुई थी। तभी दिल्ली ने मामलों में दूसरा उछाल देखा था। केरल में भी मौजूदा वक्त में ऐसा ही हो रहा है।
नई मुंबई के अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर जयलक्ष्मी टीके का वक्तव्य है कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के लहार आने की कोई प्रत्यक्ष संकेत तो नहीं मिल रहे हैं। वैसे भी पिछले 1 से 2 हफ्तों में मुंबई में कोरोनावायरस रमण के मामलों में मामूली से वृद्धि हुई है। जो कि स्थानी ट्रेनों, रेस्त्रां और दुकानों के खुलने के कारण हो सकता है। केरल में तो निश्चित रूप से ही मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन वहां पर भी तीसरी लहर के मानक अभी पूरे नजर नहीं आ रहे है। चूंकि केरल लगातार 30,000 से अधिक मामले कोविड-19 की गंभीरता की ओर इशारा कर रहे हैं।
अमृता हॉस्पिटल्स कोच्चि के अमृता स्कूल ऑफ मेडिसिन के इंटरनल मेडिसिन विभाग के संक्रमण रोग विभाग के एसोसिएशन क्लीनिंग प्रोफेसर मालिनी ने बताया कि कोरोना की नई स्ट्रेन के उभरने से मामले बढ़ रहे हैं केरल में। हालांकि केरल में 18 वर्ष से ऊपर 70 की फ़ीसदी आबादी को वैक्सिंग की एक डोज लगने के बावजूद नए म्युटेंट की घटनाएं अनुमानों को
धराशाई कर रही हैं।