COVID-19 XE Variant: देश के गुजरात और मुंबई में कोरोना के नए वैरिएंट XE एंट्री मार चुका है। BMC ने एक बार फिर मुंबई में XE संक्रमित व्यक्ति मिलने का दावा ठोका है तो वहीं गुजरात से भी मामला सामने आया है। यहां एक शख्स की कोरोना रिपोर्ट में नए वैरिएंट XE मिलने की पुष्टि हुई है।
रिपोर्टस के मुताबिक, कोरोना का ये नया वैरिएंट XE काफी खतरनाक है और यह संक्रमण बहुत ही तेजी से फैलता है। वहीं मुंबई और गुजरात में मामले सामने आने के बाद लोगों की चिंताएं बढ़ गई है। लोगों को आशंका है कि भारत में कोरोना की चौथी लहर आ चुकी है।
कोरोना के नए वैरिएंट XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज है, पहला BA.1 और दूसरा BA.2 जो की रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है। जो कि XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है। WHO ने इस वैरिएंट को 10 प्रतिशत अधिक कोरोना के BA.2 वैरिएंट से संक्रामक बताया है। वहीं इसपर विशेषज्ञों ने बताया है कि XE वैरिएंट बेहद ही हल्का प्रतीत होता है। किसी भी संक्रमण से बचने के लिए हमे उसके लक्षण जानने जरूरी होता है। जिसके चलते हम आपको इस आर्टिकल में नए वैरिएंट XE के बारे में जानेंगे
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COVID-19 XE Variant विशेषज्ञ के मुताबिक, इस वैरिएंट में XE हाइब्रिड स्ट्रेन का कोई भी मेडिकली रूप से अंतर नहीं कर पाएगा। ओमिक्रॉन के सभी लक्षणों के जैसा ही सब-वैरिएंट XE है। जो की आमतौर पर बहुत गंभीर नहीं है। इसमें हमें यह ध्यान रखना है की लगभग 3 महीने से XE वैरिएंट मौजूद है और अब तक पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन की तरह नहीं फैला। जिस वजह से कहा जा सकता है यह ओमिक्रॉन के ही समान है। वहीं विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस वैरिएंट से लोगों की मृत्यु संख्या में वृद्धि नहीं है.
साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन जो कि WHO चीफ है, उनके मुताबिक डेल्टा वैरिएंट की तरह खतरनाक नहीं होगा। देश में अधितर लोग कोरोना की दोनों डोज लगवा चुके है…शुरूआत में आ रहे आंकड़ों के मुताबिक, यह वैरिएंट दूसरे वैरिएंट से 10 फीसदी ज्यादा तेजी से फैलता है। फिलहाल इस वैरिएंट पर स्टडी हो रही है। वहीं इससे संक्रमित मरीजों के गंभीर मामले सामने नहीं आए।
COVID-19 XE Variant भारत में चौथी लहर के बारे में डॉ. पवित्रा वेंकटगोपालन ने बताया कि XE वैरिएंट नई लहर का कारण बनेगा या नहीं इसकी भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। कोरोना के दौरान कई नए वैरिएंट की पहचान हुई हैं, जिनमें से ज्यादातर वैरिएंट बहुत ही संक्रामक नहीं थे, जिस कारण वे जल्दी खत्म हो गए.
इस वैरिएंट के बारे में चर्चाएं हो रही हैं कि अब तक कम गंभीर मामले ही आए हैं। जिससे साफ जाहिर है कि चिंता ज्यादा नहीं है और इसके अलावा जो लोग पहले ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके है, उनमें पर्याप्त एंटीबॉडी हैं.. इसलिए चौथी लहर की संभावना फिलहाल काफी कम जताई जा रही हैं।
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डॉ. भारेश डेढिया के अनुसार, हमें हर तरीके से सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना काल से जो सावधानियां बरती जा रही हैं, उसी तरह नए वायरस से भी बचा सकते हैं। राज्य सरकारों ने भले ही कोरोना गाइडलाइन निष्क्रिय कर दी हो लेकिन मास्क पहनना नहीं छोड़ना चाहिए, इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना चाहिए और सेहत पर ध्यान देना चाहिए। बेहद जरूरी है कि हमें कोविड-19 की दोनों वैक्सीन लग चुकी हैं। वहीं बूस्टर डोज लगाने के योग्य होने पर उसे भी लगवाएं।
COVID-19 XE Variant दूसरे विशेषज्ञों के अनुसार, अबतक कोई भी सबूत नहीं मिला है जो ये साबित कर सके कि नए वैरिएंट XE के लक्षण अलग हैं। विशेषज्ञों द्वारा नए वैरिएंट XE के अभी तक सिम्टम निम्न लिखित है