Corona Update कोरोना संक्रमित 3 मरीजों की मौत हो गई और स्वास्थ्य विभाग को पता ही नहीं चला। मृतक के परिवार जन विभाग के संपर्क में थे, लेकिन कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था। विभाग का कहना है कि मौत का कोई भी आंकड़ा पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ है तो हम कैसे माने। लापरवाही की इंतहा तो दाउदपुर में हुई जहां संक्रमित बुजुर्ग महिला का शव निजी अस्पताल में 10 घंटे पड़ा रहा। एंबुलेंस के लिए विभाग को फोन करके थक चुके परिवारजन बाद में अपने इंतजाम से शव लेकर राजघाट गए।
फल मंडी के पीछे रहने वाली 67 वर्षीय संक्रमित महिला सावित्री त्रिपाठी की मौत सोमवार की सुबह 4:00 बजे दाउदपुर के एक नर्सिंग होम में हुई थी।इस बुजुर्ग महिला को लेकर स्वास्थ्य विभाग का रवैया इतना संवेदनशील रहा कि उन्हें ना तो इलाज मिला, ना ही मौत के बाद एंबुलेंस। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधक ने इलाज के नाम पर परिवार वालों से 32 हजार रुपए भी वसूल लिए। इसके पहले महिला को भर्ती करने के लिए भी बेटे को 6 घंटे दर-दर भटकना पड़ा था।
एसडीएम के हस्ताक्षर से उन्हें किसी तरह अस्पताल में जगह मिली थी। बेटे का कहना है कि इलाज के नाम पर मां को सिर्फ एक ड्रिप और इंजेक्शन लगा। डॉक्टरों ने देखना गवारा ना समझा। मां की मौत के बाद शव को कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सौंपने की बात कही गई तो अस्पताल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर लिए। बाद में परिवार वालों ने खुद पीपीईकिट व प्लास्टिक खरीद कर शव को राजघाट पहुंचाया।
नगर विधायक ने उठाया था होम आइसोलेशन का मुद्दा
नगर विधायक डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने 15 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री से बात कर होम आइसोलेशन का मुद्दा उठाया था।
डॉ श्रीकांत तिवारी सीएमओ का कहना है कि
‘पोर्टल पर सोमवार को कोई मौत अपडेट नहीं थी। निजी लैब को लेकर ऐसी बहुत शिकायतें मिल रही हैं। दाउदपुर के अस्पताल में भर्ती महिला की मौत की सूचना है। जब लैब अपडेट करेगी तभी हम उसे अपनी सूची में अपडेट करेंगे।’
गोरखनाथ के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमित की मौत
पादरी बाजार निवासी 55 वर्षीय संक्रमित आशीष की मां गोरखनाथ स्थित एक अस्पताल में हुई। निजी पैथोलॉजी में उनकी जांच की गई थी। जहां की रिपोर्ट में उन्हें पॉजिटिव बताया गया था। रविवार की देर रात उनकी मौत हो गई अस्पताल ने शव को कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत परिवार वालों को सौंप दिया। सोमवार को उनका भी अंतिम संस्कार राजघाट पर हुआ।
कोरोना संक्रमित असुरन चौराहा निवासी 54 वर्षीय व्यापारी यशवंत की भी सोमवार को मौत हो गई। 18 जुलाई को परिवार वालों ने निजी चिकित्सक से इलाज कराया। निजी पैथोलॉजी में करोना जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। बड़े भाई ने बताया कि तहसीलदार, सीएमओ शहीद कई लोगों को भर्ती कराने के लिए फोन किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और ना ही एंबुलेंस आई।मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शव वाहन और प्लास्टिक का बैग भेज दिया लेकिन कोई कर्मचारी नहीं आया। मजबूरन एक व्यक्ति को ₹5000 देकर शव पैक कराया गया। तब अंतिम संस्कार हो सका।