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स्वदेशी युद्धपोत INS Vikrant से चिढ़ा चीन, दे डाली भारत को सलाह, जानिए क्या कहा

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INS Vikrant: हाल ही में भारतीय नौसेना के बेड़े में विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को शामिल किया गया है । जहाँ भारत मे ही निर्मित इस स्वदेशी युद्धपोत को शुक्रवार को इंडियन नेवी को सौंप दिया गया वहीं अब इसको लेकर दुनियाभर की मीडिया में चर्चा हो रही है । देश मे बने पहले विमानवाहक युद्धपोत को लेकर जहां पश्चिमी देशों की मीडिया ने खुलकर तारीफ की है और इसे भारतीय नौसेना को मजबूत करने का एक निर्णायक कदम बताया है वहीं भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने भी आईएनएस विक्रांत को लेकर प्रतिक्रिया दी है ।

चीन ने अपने विमानवाहक पोत से तुलना कर INS Vikrant का उड़ाया मजाक

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पड़ोसी मुल्क चीन ने भारतीय स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant को लेकर प्रतिक्रिया दी है । जहां भारत मे बने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को लेकर दुनियाभर के देश इसे भारत की बढ़ती ताकत के रूप में पेश कर रहे हैं वहीं पड़ोसी मुल्क चीन भारत की तरक्की को पचा नहीं पा रहा है । चीन ने पहले आईएनएस विक्रांत की तुलना अपने तीसरे विमानवाहक पोत टाइप 003 फुजियान से तुलना की और भारतीय स्वदेशी आईएनएस विक्रांत का मजाक उड़ाया ।

ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से भारत को दे डाली सलाह

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चीन के सरकारी अखबार और सरकार का मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि भारत ने स्वदेश में बने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को शुक्रवार को नौसेना को समर्पित किया । चूंकि भारत ने इसे बिना किसी बाहरी सहायता के स्वदेश में निर्मित किया है ऐसे में यह भारत के लिए गर्व के पल हैं ।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल स्टडीज में एशिया पैसिफिक स्टडीज विभाग के निदेशक लैन जियांसक्यू के हवाले से लिखा गया कि चीन अपने पड़ोसी मुल्क भारत को कभी भी खतरा नहीं मानता। चीन ने कभी भी भारत को काल्पनिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं माना । चीन के पास खुद का विजन है और वह अपने युद्धपोत और नौसेना को विकसित करने में लगा हुआ है ।

भारत का असली दुश्मन गरीबी और पिछड़ापन- ग्लोबल टाइम्स

चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के हवाले से लिखा गया कि चीन भारत को दुश्मन के तौर पर नहीं देखता । भारत का असली दुश्मन चीन नहीं है बल्कि उसकी गरीबी, पिछड़ापन और अपर्याप्त विकास है । भारत को इससे लड़ना चाहिए । ग्लोबल टाइम्स के हवाले से कहा गया कि इस बात को भारत के कुछ विद्वान स्वीकार भी करते हैं ।

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पश्चिमी देशों के बहकावे में नहीं आने की दी सलाह

वहीं चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के हवाले से लिखा गया कि भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत को लेकर पश्चिमी मीडिया में काफी कुछ लिखा गया है और भारत की तारीफ की गई है । CNN की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि INS Vikrant के आने से भारतीय नौसेना एक विशिष्ट श्रेणी में पहुंच गई है । वहीं समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से खबर छापी गयी है कि आईएनएस विक्रांत चीन की बढ़ती आक्रामकता को जवाब देने में मील का पत्थर साबित होगा ।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि पश्चिमी मीडिया द्वारा चीन और भारत के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है । चीन के सरकारी अखबार ने भारत को पश्चिमी देशों के बहकावे में नहीं आने की सलाह दी है ।

ये हैं INS Vikrant की खूबियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत का जलावतरण किया । जहां यह विमानवाहक युद्धपोत पूरी तरह से भारत मे निर्मित किया गया है वहीं यह कई खूबियों से लैस है । आईएनएस विक्रांत में करीब 2200 कम्पार्टमेंट हैं जो इसके चालक दल के लगभग 1600 सदस्यों के लिए हैं । इसमें 3 रसोईं मौजूद हैं । बता दें कि आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लम्बा और 62 मीटर चौड़ा है ।

इसकी अधिकतम गति 28 नाट( करीब 51 किमी/घण्टा ) है जबकि क्रूज स्पीड 18 नॉट( करीब 33 किमी/घंटा) है । इसकी एक सफर में अधिकतम दूरी करीब 7500 नॉटिकल मील है । इस 40 हजार टन वजनी युद्धपोत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है ।

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