Chandrayaan 3: ISRO के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-3 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ रहा है । इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने चंद्रयान के संभावित प्रक्षेपण को लेकर जानकारी दी है । इसरो प्रमुख ने बताया है कि चंद्रयान-3 (C-3) को अगले साल जून महीने में लांच किया जा सकता है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(ISRO) द्वारा इस महत्वकांक्षी अभियान को लेकर तैयारी की जा रही है और अगले साल के मध्य तक चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किये जाने की योजना बनाई गई है । इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-3 को यान मार्क-3 के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा ।
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान(इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि चन्द्रयान-3 तैयार है और हम इसे मार्क-3 यान के जरिये 2023 में जून में प्रक्षेपित करने की योजना बना रहे हैं । उन्होंने कहा कि यह चन्द्रयान-2(C-2) जैसा नहीं होगा । इस यान की अभियांत्रिकी C-2 से पूरी तरह से अलग है । हमने इसे काफी मजबूती प्रदान की है ताकि पहले जैसी दिक्कतें नहीं आएं ।
इसरो प्रमुख ने Chandrayaan 3 से सम्बंधित जानकारी देते हुए बताया कि इसमें काफी बदलाव किए गए हैं और इस तरह से बनाया गया है कि एक उपकरण के खराब होने की सूरत पर दूसरा उपकरण बैक अप के लिए उपलब्ध रहेगा । उन्होंने आगे बताया कि इस रोवर में ऐसे साफ्टवेयर लगाए गए हैं कि यह यात्रा की ऊंचाई की गणना करने और खतरों से मुक्त स्थान की पहचान करने में मददगार साबित होंगे ।
इसरो प्रमुख एस.सोमनाथ ने इसके अलावा जानकारी दी है कि इसरो ने चन्द्रयान-3 भेजने से पहले अगले साल की शुरुआत में देश के पहले मानव अंतरिक्ष यान ‘गगनयान‘ को ‘एबार्ट मिशन’ के तहत परीक्षण उड़ान भेजने की योजना बनाई है । भविष्य की अन्य योजनाओं के बारे में बात करते हुए इसरो प्रमुख ने बताया कि एबार्ट मिशन और मानव रहित परीक्षण उड़ान की सफलता के बाद इसरो की अन्य योजनाओं में से साल 2024 के अंत तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजने की है । उन्होंने बताया कि यह योजना 2024 के अंत तक पूरी करने की है ।
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मिशन गगनयान के सम्बन्ध में और भविष्य की योजनाओं के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी मनुष्यों को अंतरिक्ष की कक्षा में ले जाने से पहले 6 परीक्षण उड़ानें आयोजित करेगा । उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गगन यान की तैयारी धीमी किंतु स्थिर गति से चल रही है ।
बता दें कि भारत के अतिमहत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चन्द्रयान-2 को सितंबर 2019 में भेजा गया था जहां लैंडर विक्रम के चन्द्रमा की सतह पर पहुंचते ही क्षतिग्रस्त हो जाने से भारत का पहली बार चन्द्रमा की धरती पर यान उतारने का प्रयास विफल हो गया था । बता दें कि यह अभियान अंतिम समय पर असफल हुआ जब लैंडर चन्द्रमा की सतह से मात्र 2 किलोमीटर दूर था उस वक्त उसका संपर्क इसरो स्थित कंट्रोल रूम से टूट गया । बता दें कि चन्द्रयान-2 को विशालकाय GSLV मार्क-3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया था ।