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50 रुपए दिहाड़ी पाने वाला लड़का, Start-Up से कमा रहा है महीने के लाखों..

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Start-Up: High School के बाद से विषय तथा अपने भविष्य के लिए सही रास्ता चुना एक बहुत बड़ी चुनौती बन जाती है। यही वह समय होता है जब एक किशोर के भविष्य का फैसला होता है। आज के वक्त में उच्च शिक्षा को बहुत महत्व देते हैं क्योंकि बहुत लोगों को यह लगता है कि उच्च शिक्षा ही वह रास्ता है जिससे अच्छी नौकरी पाकर अपने भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

Start-Up



लेकिन हम आज आपको एक ऐसी लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसने 12वीं के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी तथा अपना खुद का स्टार्टअप शुरू किया एवं उसे सफलता भी हासिल हुई है।

कमाल बिहार के रंजन मिस्त्री का




हम यहां पर रंजन मिस्त्री की बात कर रहे हैं। बिहार के गया की पहाड़ियों के बीच घरे एक छोटे से गांव चकोरी में जन्मे रंजन ने वर्ष 2016 में अपना एक स्टार्टअप शुरू किया। वो कैंपसवार्ता नाम से एजुकेशन वेबसाइट चला रहे हैं। इसी साइट पर कॉलेज यूनिवर्सिटी तथा शिक्षा से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध रहती है। इसके साथ ही कई और सोशल एंटरप्रेन्योर्स हैंडल करते हुए रंजन हर महीने 3 लाख से ज्यादा का बिजनेस कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कई युवाओं को रोजगार भी दिया है।

₹50 की दिहाड़ी पर कभी करते थे काम




आज भले ही 26 वर्ष के रंजन कामयाब हो गए हो। लेकिन उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा। लकड़ी का काम करने वाले एक बढ़ई परिवार में जन्मे रंजन नवी कक्षा से अपने परिवार की मदद के लिए बड़े का काम करने लग गए थे। इस काम के बदले उन्हें ₹50 की दिहाड़ी मिलती थी। रंजन 12वीं के बाद एनआईटी, आईआईटी जैसे संस्थान में दाखिल लेकर अच्छी पढ़ाई करना चाहते थे। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से उनकी हाथ बंध गए।

Start-Up

किताबे छीन ली पैसों की तंगी ने



वर्ष 2016 में जब रंजन ने 12वीं पास की तो उन्होंने आगे की पढ़ाई की इच्छा जताई। लेकिन घर की स्थिति अच्छी ना होने की वजह से आगे की पढ़ाई के लिए पैसा जुटा नहीं पाई। दूसरी ओर उनके पिता लोन नहीं लेना चाहते थे। रंजन के मुताबिक उनके पिता को यह लगता था कि लोन लेने से घर पर बोझ बढ़ जाएगा। आखिरकार लोन ना मिलने के कारण से रंजन को पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

अपना Start-Up शुरू किया



भले ही वो अधिक पढ़ नहीं पाए। लेकिन वह छठी के बच्चों को पढ़ा कर सोशल एंटरप्रेन्योर से जुड़ चुके थे। चूंकि घरवाले चाहते थे कि रंजन जल्द ही नौकरी करें जिससे कि घर का खर्च चल सके। उन्हें तो रंजन का चपरासी जैसी नौकरी करना भी सही लग रहा था। लेकिन इधर निरंजन के सपने आसमान छूने के थे। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने वर्ष 2016 में आईआईटी खड़गपुर 1 वर्ष का फ्री में टेक्नोलॉजी बेस्ड एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम किया।

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आज सफलता की ऊंचाइयों पर है



Start-Up, रंजन की आज कैंपस वार्ता 22 राज्यों में काम कर रहे है। इसमें 100 से अधिक यूनिवर्सिटी शारदा कॉलेज जुड़े हुए हैं। इन से संबंधित सारी जानकारियां इस प्लेटफार्म पर भी मौजूद है। जिन्हें इस बारे में पता ही नहीं है कि देश में 20 से अधिक ज्यादा सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ऐसी है जहां किसी भी कोर्स की सालाना फीस 10 हजार से लेकर 30 हजार तक ही है। वहीं पर अगर यह कोर्स किसी प्राइवेट यूनिवर्सिटी से किया जाए तो छात्रों को इसके लिए 3-5 लाख रुपए का खर्च करने पड़ते हैं।


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