Bihar: कान का इलाज करवाने गई लड़की का, डॉक्टरों ने कटवा दिया हाथ

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Bihar के स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे बड़ी गलती यह है कि उनकी लापरवाही से कान का इलाज कराने वाली लड़की का हाथ काटना पड़ा। आपको यह समझ में नहीं आ रहा होगा कि कान का हाथ से क्या ताल्लुक है, क्योंकि कान का इलाज कराने गई थी तो फिर कान को कुछ नहीं हुआ और हाथ काटना पड़ा। तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके बारे में।

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घटना महावीर आरोग्य संस्थान की लापरवाही से हुई

यह Bihar एक सच्ची घटना है। जो रेखा नाम की लड़की की है। महावीर आरोग्य संस्थान जो पटना में है। यह एक ऐसा संस्थान है जहां पर लोग ट्रस्ट के नाम पर पैसे देते हैं और यह देखिए कि बिहार की बेटी के साथ क्या किया गया? जिसकी वजह से लड़की का हाथ काटना पड़ा। यानी कि यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी खराब है कि हम डरेंगे हॉस्पिटल जाने से, उस डॉक्टर या फिर से इंजेक्शन लगवाने से कि कहीं हमारा भी हाथ न काटना पड़ जाए।

रेखा की बहन रोशनी ने बताया

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Bihar, बता दें कि रेखा ने तो कुछ नहीं बताया लेकिन उनकी बहन रोशनी कुमारी ने बताया कि वह अपनी बहन को कान का ऑपरेशन करवाने के लिए गांव से बुलाई थी पटना। ताकि पटना में अच्छे-अच्छे डॉक्टर हैं और उनका सही से इलाज हो सके। कान की प्रॉब्लम कुछ ज्यादा बड़ा नहीं थी बस एक ही महीने में ठीक हो जाती। कान में जो प्रॉब्लम थी वह कान से पानी आता था और कम सुनाई देता था।

रेखा की पूरी बॉडी में इंफेक्शन फैल गया

बता दें कि रोशनी Bihar के पटना के महावीर आरोग्य संस्थान में गई डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन करना होगा नहीं तो पूरी बॉडी में इंफेक्शन फैल जाएगा। डॉक्टर ने यह बताया कि कान के पास जो हड्डी है वह सड़नी शुरू हो चुकी है इसी कारण से कान का ऑपरेशन करना पड़ेगा।

रेखा का पूरा हाथ ग्रीन होने लगा

रोशनी बताती हैं कि उनकी बहन रेखा को 11 तारीख को इंजेक्शन दिया गया। यह सब इतना जल्दी हुआ कि हमें कुछ समझ में ही नहीं आया क्योंकि हम 10 तारीख को हॉस्पिटल में गए और 11 तारीख को इंजेक्शन लगा दिया गया। जो इंजेक्शन दिया गया वह कान के दर्द का था। उसके बाद से रोशनी ने रात वाले डॉक्टर से कहा कि हाथ पूरी तरह ग्रीन हो रहा है चल कर देख लीजिए, क्योंकि हाथ तो ग्रीन नहीं होना चाहिए। इंजेक्शन रेखा के बाएं हाथ में लगाया गया था।

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इंजेक्शन लगाने और डॉक्टर की लापरवाही की वजह से रेखा को अपना हाथ कटवाना पड़ा। अगर डॉक्टर ने रेखा को गलत इंजेक्शन देने की सच्चाई 3 घंटे के अंदर बता देते तो आज रेखा का हाथ उसके पास होता।

रोशनी ने कहा कि दर्द का इंजेक्शन कान का ऑपरेशन होने के बाद दिया गया। इंजेक्शन देने की 1 घंटे के बाद से उसका असर दिखने लगा। रोशनी पूरे दिन महावीर आरोग्य संस्थान में भटकती रही लेकिन अपनी गलती किसी डॉक्टर ने नहीं मानी।

12 तारीख को इंदिरा गांधी हॉस्पिटल भेज दिया गया

बता दें कि रेखा को 12 तारीख को इंदिरा गांधी हॉस्पिटल भेज दिया गया। रोशनी अपनी बहन को लेकर भटकती रही। महावीर आरोग्य संस्थान ने यह कहा कि फोन कर दिया गया है। लेकिन इंदिरा गांधी हॉस्पिटल पहुंचने के बाद से पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है कोई भी पैरवी नहीं की गई है। इंदिरा गांधी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि हाथ काटना होगा। उसके बाद से आरोही हॉस्पिटल गए। आरोही ने मेदांता का पता बताया वहां पर जाओ ठीक हो जाएगा। मेदांता में 2 बजे नस का ऑपरेशन हुआ। मेदांता के डॉक्टर भी इसी आस में थे कि हाथ ठीक हो जाएगा।

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नस का ऑपरेशन करने के बाद से सर्जरी की गई। पूरी रात मेदांता के डॉक्टर जगे हुए थे। सर्जरी होने के 6 दिन बाद से डिस्चार्ज किया गया। फिर आठवें दिन ड्रेसिंग के लिए गए तो बोले हाथ काटना पड़ेगा। जब रोशनी बोली कि हम दिल्ली लेकर जाएंगे तो वहां के डॉक्टर कुणाल ने ₹10,000 की मदद की और फिर टिकट भी करवाया।

अपनी बहन को लेकर दर-दर भटकती रही रोशनी

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दिल्ली जाने के बाद से आईजीएमएस में पूरी रात लाइन लगाने के बाद डॉक्टर ने शाम को देखा। डॉक्टर ने देखते ही कह दिया कि हाथ को काटना होगा। फिर उसने हार नहीं मानी और चली गई गंगा राम हॉस्पिटल में, जो दिल्ली में ही है। रोशनी दिल्ली शहर में नई थी और जहां-जहां जिस हॉस्पिटल में जाने के लिए बोला गया वहां-वहां वह गई। फिर पटना आ गई और सोचा कि भगवान का कोई चमत्कार हो जाए लेकिन कोई भी चमत्कार नहीं हुआ। 11 से 30 तारीख तक पूरा हाथ सड़ना शुरू हो गया।

डॉक्टर ने कहा हम रेखा को नहीं बचा पाएंगे

ओपीडी के डॉक्टर ने बताया कि यह इमरजेंसी केस है। इमरजेंसी में जाइए। वहां गई तो वहां की डॉक्टर बोले की हाथ काटना पड़ेगा। जब ऑपरेशन की तैयारी हो गई तो डॉक्टर ने कहा कि हम बचा नहीं पाएंगे पेशेंट को, क्योंकि पूरी बॉडी में इंफेक्शन फैल गया है‌। हमारे वहां हॉस्पिटल में आईसीयू रूम नहीं है तो डॉक्टर ने कहा कि आप किसी बड़े हॉस्पिटल में ले जाइए। फिर उसने अपनी बहन को लेकर मेदांता गई। वहां पर पूरी रात ब्लड चढ़ा।

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