Bharatiya Janata Party : उत्तर प्रदेश का प्रथम चरण का चुनाव बिल्कुल नजदीक है अतः सभी राजनैतिक दलों ने प्रथम चरण के चुनाव हेतु अपने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है,चूँकि उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाति के बाद सबसे बड़ा मुद्दा दागी उम्मीदवारों को टिकट देने का होता है और उस मुद्दे को लेकर सभी राजनीतिक दल एक दूसरे को लगातार घेरते भी रहते हैं अतः यह जानना आवश्यक हो जाता है कि किस राजनीतिक दल ने कितने दागियों को टिकट दिया है।
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प्रथम चरण के चुनाव हेतु प्रत्याशियों के नाम जारी करने जे बाद दिये गये हलफनामों से यह बात स्पष्ट है कि चुनाव हेतु दागी प्रत्याशियों को टिकट देने ने Bharatiya Janata Party सबसे आगे हैं।
ए डी आर की रिपार्ट के मुताबिक़ प्रथम चरण के चुनाव में 58 सीटों पर कुल 623 प्रत्याशी हैं जिनमे से 156 प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और इनमें सबसे ज्यादा संख्या Bharatiya Janata Party समर्थित प्रत्याशियों की है।
आपको बता दें कि भाजपा के 57 प्रत्याशियों में से 29 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और यह संख्या कुल संख्या की तुलना में सबसे ज्यादा है।
Bharatiya Janata Party के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का जो सबसे बड़ा दल है वह है समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी भी दागियों जा समर्थन करने में किसी से पीछे नही है हल्फ़नाने के अनुसार दागियों का समर्थन करने में भाजपा के बाद सपा का स्थान है।बात अगर आँकडो की करें तो सपा के 28 प्रत्याशियों में से 21 प्रत्याशियों पर आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं और इसी के साथ अपराधियों में समर्थन में समजवादी पार्टी दूसरे नम्बर पर है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल भी इस मामले में अहम भूमिका निभा रहा है आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के 29 प्रत्याशियों में से 17 प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं तो इस प्रकार रालोद भी दंगा मुक्त समाज के नाम पर सिर्फ ढोंग ही कर रहा है।
यूँ तो कॉंग्रेस की उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई विशेष भूमिका नहीं है परंतु बात प्रत्याशियों की छवि की करें तो एक बड़ी संख्या कांग्रेस के अंदर भी है जो दागी छवि की है और काँग्रेस ने उसे समर्थन दिया है।
आंकड़ों के तौर पर आपको बता दें कि कांग्रेस के 58 प्रत्याशियों में से 21 प्रत्याशी आपराधिक छवि के हैं।
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आमतौर पर बहुजन समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बारे में यह कहा जाता है कि यह दल अपराध को संरक्षण नहीं देते परंतु यह बात पूर्णतः सत्य नही है,यह दल भी अपराधियो को प्रत्याशी बनाने में चुके नहीं है बस इनका आंकड़ा अन्य दलों की अपेक्षा कुछ कम है।
आपको बता दें कि प्रथम चरण के चुनाव में बसपा के 56 में से 19 और आम आदमी पार्टी के 52 में से 8 प्रत्याशी आपराधिक छवि के है।
इस प्रकार प्रथम चरण के चुनाव में हर किसी ने अपराध को बढ़ चढ़कर संरक्षण देने का प्रयास किया है।