Anna Mani Google Doodle: ‘भारत की मौसम महिला’ (Weather Women Of India) के नाम से प्रसिद्ध भारतीय महिला वैज्ञानिक अन्ना मणि ने मौसम के पूर्वानुमान के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया था।
आज सर्च इंजन गूगल (Google) एक खास डूडल द्वारा देश की प्रसिद्ध महिला भौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानी अन्ना मणि की 104वीं जयंती के अवसर पर एक खास डूडल (Anna Mani Google Doodle) तैयार किया है। आज जब हमें गूगल के होम पेज (google.com) पर अन्ना मणि और मौसम से जुड़े विभिन्न परिस्थितियां नजर आ रही है।
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‘भारत की मौसम महिला’ (Weather Woman of India) के नाम से प्रसिद्ध अन्ना मणि ने मौसम के पूर्वानुमान के कारण ही मौसम की सटीक पूर्वानुमान लगाया मुमकिन हुआ। इस महान महिला वैज्ञानिक अन्ना मणि (Anna Mani) ने रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल के लिए मजबूत जमीन तैयार की थी। इसके अलावा उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के वर्ल्ड मौसम विज्ञान संगठन में भी प्रमुख पदों पर रहकर काम किया था।
भारत के अंतिम छोर केरल में साल 1918 में एक सीरियन क्रिश्चियन फैमिली में जन्मी अन्ना मणि (Anna Mani) के पिता सिविल इंजीनियर और नास्तिक थे। अपने आठ भाई बहनों में सातवें नंबर पर रही अन्ना मणि को पढ़ाई से बचपन से ही लगाव था।
सिर्फ आठ साल की उम्र तक उन्होंने मलयालम पब्लिक लाइब्रेरी की सभी किताबें और बारह साल की उम्र तक अंग्रेजी की सभी किताबों का पठन कर लिया था। उनके परिवार ने आठवें जन्मदिन पर जब अन्ना मणि (Weather Woman of India) को हीरे के इयरिंग्स गिफ्ट दिए तो उन्होंने इस तोहफे के बजाय बजाय इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका की मांग की थी।
अन्ना मणि को पढ़ाई लिखाई से लगाव के बावजूद भी नर्तकी बनने में भी इंटरेस्ट था लेकिन अपनी पसंद के कारण उन्होंने फिजिक्स को सिलेक्ट किया और चेन्नई (उस समय मद्रास) के पचईयाप्पस कॉलेज से फिजिक्स-केमिस्ट्री से 1939 में ग्रेजुएशन किया।
बाद में प्रोफेसर सीवी रमन के गाइ़डेंस में काम करते हुए रूबी व हीरे के ऑप्टिकल प्रॉपर्टी पर शोध किया। गूगल के डूडल (Anna Mani Google Doodle) पर नजर आने वाली महान महिला वैज्ञानिक अन्ना मणि में उस समय पांच रिसर्च पेपर लिखे और पीएसडी डिजर्टेशन सबमिट किया लेकिन उन्हें पीएचडी की डिग्री नहीं मिल पाई क्योंकि उनके पास फिजिक्स की डिग्री नहीं थी।
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Vaikom Satyagraha के दौरान वह (Anna Mani Google Doodle) महात्मा गांधी से वह बहुत प्रभावित हुईं और उनके राष्ट्रवादी मुहिम से प्रभावित होकर अन्ना मणि (Anna Mani) ने सिर्फ खादी पहनना शुरू कर दिया ।
साल 1940 में बंगलोर के इडान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में रिसर्च के लिए एक स्कॉलरशिप हासिल किया और 1945 में वह फिजिक्स में ग्रेजुएट स्टडी के लिए लंदन के इंपीरियल कॉलेज में गईं। वहीं उन्होंने विज्ञान संबंधी यंत्रों में विशेषज्ञता हासिल की थी। 1948 में लंदन से लौटने के बाद उन्होंने उन्होंने पुणे में मौसम विभाग को ज्वाइन कर मौसम विज्ञान से संबंधित यंत्रों से जुड़े कई शोध पेपर प्रकाशित करवाए। साल 1953 में ब्रिटेन से मौसम विभाग के लिए यंत्रों का प्रबंध करने में भी अन्ना मणि (Anna Mani) की अहम भूमिका रही है।
साल 1969 से 1976 तक आईएमडी की डिप्टी डायरेक्टर जनरल रहने के बाद 1987 में ‘भारत की मौसम महिला’ (Weather Woman of India) ने विज्ञान के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए इंसा केआर रामनाथन मेडल जीता था। 16 अगस्त 2001 को यानी 83वें जन्मदिन से एक हफ्ते पहले ही तिरुवनंतपुरम में हॉर्ट अटैक के कारण अन्ना मणि (Anna Mani) की मौत हो गई।